बिहार में 37 सौ तटबंध सुरक्षाकर्मी करेंगे बांधों की निगरानी

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बिहार में 37 सौ तटबंध सुरक्षाकर्मी करेंगे बांधों की निगरानी

बिहार में 37 सौ तटबंध सुरक्षाकर्मी करेंगे बांधों की निगरानी

बाढ़ की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने तटबंधों की चौकसी बढ़ा दी है। यही नहीं तटबंधों की निगरानी तटबंध सुरक्षा कर्मियों को सौंप दी गयी है।
हर किलोमीटर पर एक-एक तटबंध श्रमिक तैनात किये जाएंगे। ये तटबंध श्रमिक सूबे के सारे तटबंधों पर नजर रखेंगे। यही नहीं संकट के समय ये संबंधित अधिकारियों और मुख्यालय को सूचित करने के साथ-साथ तटबंधों की मरम्मत भी करेंगे। जरूरत पड़ने पर आसपास के तटबंध सुरक्षा कर्मियों की भी मदद ले सकेंगे।

जल संसाधन विभाग ने सूबे के 3790 किलोमीटर लंबे तटबंधों की निगरानी की जिम्मेवारी 3700 तटबंध सुरक्षा कर्मियों को सौंपी है। इनकी सेवा संबंधित एजेंसियों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रमंडलों में की गयी है। पहले विभाग तटबंधों की निगरानी के लिए होमगार्ड की सेवा लेता था। लेकिन, संभावित बाढ़ को देखते हुए गत वर्ष से ही तटबंधों की निगरानी का सिस्टम पूरी तरह बदल दिया गया है।

हालांकि, जरूरत पड़ने पर और संवेदनशील या अति संवेदनशील तटबंधों पर एक किलोमीटर के दायरे में एक से अधिक तटबंध सुरक्षाकर्मियों की भी नियुक्ति की जा सकती है। यह स्थानीय जरूरतों के आधार पर होगा। तटबंध सुरक्षाकर्मी संबंधित जूनियर इंजीनियर के अधीन काम करेंगे, जो वहां के तटबंध की निगरानी के लिए तैनात होंगे।

क्या करेंगे तटबंध सुरक्षाकर्मी

अपने हिस्से के तटबंध की लगातार निगरानी करेंगे। तटबंध का छोटा-मोटा काम निपटाते रहेंगे। सीपेज, पाइपिंग या तटबंध का कटाव शुरू होने पर तत्काल आवश्यक संसाधन जुटाते हुए अविलंब मरम्मत शुरू करेंगे। तटबंध पर अधिक खतरा होने पर वे फोन से तत्काल इसकी जानकारी प्रभारी कनीय अभियंता, सहायक अभियंता या कार्यपालक अभियंता को देंगे। असामाजिक तत्वों द्वारा तटबंध को क्षतिग्रस्त करने या ऐसी आशंका की स्थिति में इसकी तत्काल सूचना देंगे।

पूरी बाढ़ अवधि तक रहेगी जिम्मेवारी

इन तटबंध श्रमिकों को पूरे बाढ़ अवधि में तटबंधों की निगरानी करनी है। बिहार में बाढ़ अवधि 31 अक्टूबर तक मानी जाती है। लिहाजा, इन तटबंध श्रमिकों की सेवा 31 अक्टूबर तक बनी रहेगी। इन तटबंध श्रमिकों को विभिन्न कैटेगरी में 388 से 500 रुपए तक की राशि मानदेय के रूप में मिलेगी।

297 संवेदनशील स्थलों की हुई पहचान

राज्य सरकार ने प्रदेश में बाढ़ लाने वाले 297 संवेदनशील स्थलों की पहचान की है। इनके अलावा नेपाल में भी 23 संवेदनशील स्थलों को चिह्नित किया गया है। ये स्थल विभिन्न नदियों के तटबंध हैं, जो सूबे में तबाही मचा सकते हैं। अब इन स्थलों को दुरुस्त करने और कटाव निरोधक कार्यों की कार्ययोजना बनाकर युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया गया है। इन स्थलों को फूलप्रूफ बनाने पर 1120 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

जल संसाधन मंत्री बोले

जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार बेहद गंभीर है। हम इनकी सुरक्षा के लिए तटबंध सुरक्षाकर्मियों की सेवा ले रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों को सुरक्षाकर्मी के रूप में नियुक्त किया गया है। बाढ़ अवधि में इससे कई स्तरों पर मदद मिलेगी।

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