बिहार में 14 फीसदी आबादी पर सियासी संग्राम, आरजेडी और बीजेपी के नेता भिड़े; बहस में गाय भी

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बिहार में 14 फीसदी आबादी पर सियासी संग्राम, आरजेडी और बीजेपी के नेता भिड़े; बहस में गाय भी

बिहार में 14 फीसदी आबादी पर सियासी संग्राम, आरजेडी और बीजेपी के नेता भिड़े; बहस में गाय भी

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बिहार में लोकसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राजनीतिक पारा गर्माता जा रहा है। राज्य के दो प्रमुख दल आरजेडी और बीजेपी 14 फीसदी आबादी वाली जाति यादव को लेकर आमने सामने हो गए हैं। यादव आरजेडी के कोर वोटर माने जाते हैं। जाति गणना के बाद बदले राजनीतिक परिदृश्य में बीजेपी ने यदुवंशी सम्मेलन कराकर हजारों यादवों को पार्टी में शामिल कराकर अपनी ताकत दिखा दी। अब आरजेडी और बीजेपी के नेता आमने-सामने हो गए हैं। गाय भी बहस का मुद्दा बन गई है।

गोवर्धन पूजा के मौके पर बीजेपी ने पटना में बुधवार को यदुवंशी मिलन समारोह आयोजित किया। पार्टी का दावा है कि इसमें 21 हजार यादवों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। इस कार्यक्रम में बीजेपी में यादव समाज से आने वाले नेता नित्यानंद राय छाए रहे। उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जमकर लपेटा। नित्यानंद ने यह बात समझाने की कोशिश की कि लालू ने इतने साल तक यादवों के नाम पर सिर्फ राजनीति की। उन्होंने समाज का नहीं बल्कि अपने परिवार का ही भला किया।

इसके बाद लालू यादव भी नित्यानंद पर भड़क गए। लालू ने इतना कह दिया कि उनके सामने अगर वे तेजप्रताप को भी चुनाव लड़ाएंगे तो उनकी जमानत जब्त हो जाएगी। लालू और नित्यानंद के बीच शुरू हुई जुबानी जंग में अब दोनों पार्टियों के अन्य नेता भी कूद पड़े हैं। आरजेडी के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र ने नित्यानंद राय को उनके सामने मनेर से चुनाव लड़ने की चुनौती दे दी। 

जेडीयू बोली- अचानक बीजेपी को यादवों की याद आई

जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने बुधवार को कहा कि बीजेपी ने जाति गणना में यादवों की जबरन आबादी बढ़ाने का आरोप लगाया था। अब वही पार्टी यदुवंशी सम्मेलन कराकर यादवों को लुभाने में जुटी है। बीजेपी भटक गई है। उसके पास कोई और मुद्दा नहीं है इसलिए यह सब कर रही है।

नित्यानंद ने कबूली लालू की चुनौती; उजियारपुर से तेजस्वी या तेजप्रताप को लड़ाएं

गाय भी बनी बहस का मुद्दा

आरजेडी और बीजेपी के बीच यदुवंशियों पर शुरू हुई बहस में गाय भी मुद्दा बन गई है। नित्यानंद राय ने यदुवंशी सम्मेलन में ऐलान किया कि बिहार में बीजेपी की सरकार बनी तो गोहत्या पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाएंगे। उन्होंने आरजेडी नेताओं पर गोहत्या को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया। नित्यानंद ने लालू यादव को भी चुनौती दी है कि वह तेजस्वी यादव के राघोपुर में सार्वजनिक चर्चा आयोजित करवा लें, साबित हो जाएगा कि कौन गोभक्त है और कौन गोहत्यारा।

यादवों पर सियासी संग्राम क्यों?

नीतीश सरकार द्वारा हाल ही में कराई गई जाति गणना के आंकड़ों के अनुसार आबादी के हिसाब से बिहार में यादव सबसे बड़ी जाति है। यादवों की संख्या राज्य में लगभग 14 फीसदी है। इस जाति का वोटबैंक किसी भी पार्टी की जीत-हार में बड़ा फैक्टर निभा सकता है। लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी इसी जाति को केंद्र में रखकर अपनी राजनीति करती आई है। मगर बीजेपी ने आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी ने आरजेडी के वोटबैंक को अपने पाले में करने की कवायद शुरू कर दी है।

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