बिहार में पीएचईडी विभाग का 3600 करोड़ का टेंडर निरस्त; पहले भी रद्द हुआ था 836 करोड़ का ठेका h3>
ऐप पर पढ़ें
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 17 महीने चली आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस की महागठबंधन सरकार के दौरान स्वीकृत योजनाओं की फाइल खंगाल रहे लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण (पीएचईडी) मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने अब 3600 करोड़ रुपए के टेंडर को निरस्त कर दिया है। इससे पहले जून के आखिरी हफ्ते में 826 करोड़ का ठेका रद्द कर दिया गया था। पीएचईडी मंत्री नीरज सिंह बबलू ने पटना में शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विभाग के कुल 4400 करोड़ रुपए के ठेकों को संशोधित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन सरकार के दौरान कुछ टेंडर में गड़बड़ी मिली थी, जिसे संशोधित किया जा रहा है।
नीरज सिंह ने कहा कि विभाग ने नए सिरे से टेंडर में पुश नल लगाने का निर्णय लिया है। साथ ही पानी टंकी पर अब सोलर प्लेट लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि छूटे हुए टोले को री-टेंडर में शामिल किया गया है। सिंह ने भरोसा जताया है कि एक महीने में दोबारा निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इनमें ज्यादातर योजना हर घर नल का जल की हैं जो नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजनाओं का हिस्सा है। नीरज से पहले कुछ समय के लिए उप-मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी पीएचईडी विभाग के मंत्री थे।
महागठबंधन सरकार में जारी 826 करोड़ के 350 टेंडर रद्द, नीतीश के मंत्री बोले- गड़बड़ी करने वालों पर एक्शन
विजय सिन्हा ने अपने कार्यकाल में टेंडर में गड़बड़ी की शिकायतों के आधार पर 11 हजार निविदा को निरस्त कर दिया था। नीतीश कुमार के एनडीए में लौटने के बाद जब जनवरी में एनडीए की सरकार बनी थी तो दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने कहा था कि महागठबंधन सरकार में आरजेडी मंत्रियों के विभागों के काम की जांच होगी।
नीतीश कुमार के ड्रीम स्कीम में लगा चूना? विजय सिन्हा ने हर घर नल का जल योजना के 11 हजार टेंडर कैंसिल किया
महागठबंधन सरकार में पीएचईडी मंत्री रहे ललित यादव ने हालांकि टेंडर प्रक्रिया में मंत्री की भूमिका होने से इनकार करते हुए कहा था कि कैबिनेट से योजना पास होने के बाद विभाग के प्रधान सचिव, मुख्य अभियंता से लेकर कार्यपालक अभियंता तक निविदा की प्रक्रिया में शामिल होते हैं। टेंडर की फाइल ना मंत्री के पास आती है और ना मंत्री का उसमें कोई रोल रहता है। आरजेडी नेता ललित यादव ने कहा था कि वो 17 महीने मंत्री रहे लेकिन इस दौरान उनके विभाग में 5 लाख का भी टेंडर नहीं हुआ। ललित यादव ने नीरज सिंह बबलू समेत भाजपा के नेताओं को कहा कि केंद्र और राज्य में उनकी सरकार है, वो विभाग के सारे ठेकों और हर घर नल का जल योजना की सीबीआई से जांच करवा लें।
बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News
ऐप पर पढ़ें
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 17 महीने चली आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस की महागठबंधन सरकार के दौरान स्वीकृत योजनाओं की फाइल खंगाल रहे लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण (पीएचईडी) मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने अब 3600 करोड़ रुपए के टेंडर को निरस्त कर दिया है। इससे पहले जून के आखिरी हफ्ते में 826 करोड़ का ठेका रद्द कर दिया गया था। पीएचईडी मंत्री नीरज सिंह बबलू ने पटना में शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विभाग के कुल 4400 करोड़ रुपए के ठेकों को संशोधित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन सरकार के दौरान कुछ टेंडर में गड़बड़ी मिली थी, जिसे संशोधित किया जा रहा है।
नीरज सिंह ने कहा कि विभाग ने नए सिरे से टेंडर में पुश नल लगाने का निर्णय लिया है। साथ ही पानी टंकी पर अब सोलर प्लेट लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि छूटे हुए टोले को री-टेंडर में शामिल किया गया है। सिंह ने भरोसा जताया है कि एक महीने में दोबारा निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इनमें ज्यादातर योजना हर घर नल का जल की हैं जो नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजनाओं का हिस्सा है। नीरज से पहले कुछ समय के लिए उप-मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी पीएचईडी विभाग के मंत्री थे।
महागठबंधन सरकार में जारी 826 करोड़ के 350 टेंडर रद्द, नीतीश के मंत्री बोले- गड़बड़ी करने वालों पर एक्शन
विजय सिन्हा ने अपने कार्यकाल में टेंडर में गड़बड़ी की शिकायतों के आधार पर 11 हजार निविदा को निरस्त कर दिया था। नीतीश कुमार के एनडीए में लौटने के बाद जब जनवरी में एनडीए की सरकार बनी थी तो दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने कहा था कि महागठबंधन सरकार में आरजेडी मंत्रियों के विभागों के काम की जांच होगी।
नीतीश कुमार के ड्रीम स्कीम में लगा चूना? विजय सिन्हा ने हर घर नल का जल योजना के 11 हजार टेंडर कैंसिल किया
महागठबंधन सरकार में पीएचईडी मंत्री रहे ललित यादव ने हालांकि टेंडर प्रक्रिया में मंत्री की भूमिका होने से इनकार करते हुए कहा था कि कैबिनेट से योजना पास होने के बाद विभाग के प्रधान सचिव, मुख्य अभियंता से लेकर कार्यपालक अभियंता तक निविदा की प्रक्रिया में शामिल होते हैं। टेंडर की फाइल ना मंत्री के पास आती है और ना मंत्री का उसमें कोई रोल रहता है। आरजेडी नेता ललित यादव ने कहा था कि वो 17 महीने मंत्री रहे लेकिन इस दौरान उनके विभाग में 5 लाख का भी टेंडर नहीं हुआ। ललित यादव ने नीरज सिंह बबलू समेत भाजपा के नेताओं को कहा कि केंद्र और राज्य में उनकी सरकार है, वो विभाग के सारे ठेकों और हर घर नल का जल योजना की सीबीआई से जांच करवा लें।