बिहार में खून का काला कारोबार; बड़े नेटवर्क का खुलासा, गर्लफ्रेंड संग सौदागर धराया

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बिहार में खून का काला कारोबार; बड़े नेटवर्क का खुलासा, गर्लफ्रेंड संग सौदागर धराया

बिहार में खून का काला कारोबार; बड़े नेटवर्क का खुलासा, गर्लफ्रेंड संग सौदागर धराया

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बिहार के मुजफ्फरपुर में खून के काले कारोबार के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। जिले के  एसकेएमसीएच ओपी पुलिस ने रविवार को खोटे खून के सौदागर के संदेह में एक युवक को दबोचा। वह जूरन छपरा निवासी है। उसके मोबाइल में खून बेचने वाले कॉलेज के छात्र-छात्राओं और युवकों के 100 से अधिक नंबर सेव हैं, जिनके नाम के आगे डोनर लिखा हुआ है। यह बड़ा नेटवर्क है जिसका जाल कई जिलों में फैला है। ब्लड डोनेशन के नाम पर खून का धंधा चलता है।

पुलिस माड़ीपुर की एक युवती से भी पूछताछ कर रही है, जो उसकी गर्लफ्रेंड बताई जा रही है। मामले में अब तक एफआईआर नहीं हुई है। पुलिस को आशंका है कि कई निजी नर्सिंगहोम और खून जांच केंद्र इस रैकेट से जुड़े हैं। एसकेएमसीएच ओपी प्रभारी डॉ. ललन पासवान को गुप्त सूचना मिली थी कि मेडिकल के पास चश्मे की दुकान चलाने वाला युवक अवैध तरीके से खून के धंधे से जुड़ा है। अस्पताल में जरूरतमंदों से 10 से 15 हजार रुपए तक में खून बेचता है। कई निजी अस्पताल के संचालक भी उससे जुड़े हुए हैं। इस सूचना पर ओपी प्रभारी ने उसे पकड़ा। बताया गया कि धराया युवक पहले ब्लड बैंकों में ऑपरेटर रह चुका है। उसके मोबाइल कॉल में कई नर्सिंगहोम संचालकों से बातचीत के रिकॉर्ड भी हैं। खोटे खून की अधिकतर सप्लाई निजी निर्सिंगहोम में होती है। उसका बड़ा नेटवर्क है।

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खून संग्रह करने वाले बैग की सप्लाई केवल वैध ब्लड बैंकों में ही होती है। यह बैग खोटे खून के सौदागरों को कैसे पहुंचते हैं, इसको लेकर युवक से पूछताछ चल रही है। इसमें ब्लड बैंक के कर्मचारी भी फंस सकते हैं। पूर्व में एसकेएमसीएच के दो कर्मचारियों पर भी खून कालाबाजारी को लेकर कार्रवाई हुई थी।

क्या कहते हैं अधिकारी

खून के काले कारोबार की सूचना पर एक युवक को हिरासत में लिया गया है। मोबाइल में बड़े पैमाने पर युवक-युवतियों का नाम ब्लड डोनर के रूप में सेव है। हिरासत में लिए गए युवक से पूछताछ चल रही है। – विनीता सिन्हा, नगर डीएसपी-टू

ब्लड डोनर ने खून बेचने का दिया था कबूलनामा

चूनाभट्टी रोड में मधुमाला झा के मकान में अवैध खून संग्रह केंद्र पकड़ा गया था। इसमें खून बेचने वाले गुड्डू ने कबूला था कि वह गरीब है। पैसे की काफी जरूरत थी, इसलिए वह वहां खून बेचने आया था, जिसके एवज उसे 1000 रुपए दिए गए थे। इसी तरह चार अन्य डोनर ने भी अपना-अपना कबूलनामा पुलिस को दिया था। मौके से धराए सूरज के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। उस पर चल रहे ट्रायल में 20 जून को अगली सुनवाई होनी है। अब तक डॉ. नवीन गिरफ्तार नहीं हुआ, जबकि हाइकोर्ट से उसकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है।

मिठनपुरा में धराया था खोटे खून का अवैध ब्लड बैंक

मिठनपुरा के चूनाभट्टी रोड में चार साल पहले 24 अगस्त 2020 को खोटे खून के सौदागरों का अवैध ब्लड बैंक पकड़ाया था। इसका संचालन जूरन छपरा का सूरज कुमार कर रहा था। इसमें इमलीचट्टी में संचालित सिन्हा ब्लड बैंक की संलिप्तता पाते हुए उसके संचालक जूरन छपरा निवासी डॉ. नवीन कुमार को भी नामजद किया गया था। खोटे खून के सौदागरों के मालीघाट अड्डे से विभिन्न ग्रुप के छह यूनिट ब्लड और 11 खाली बैग जब्त किए गए थे। नामजद आरोपितों के रैकेट की जांच नहीं हो पाई। अब तक केस पेंडिंग है।


 

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