बिहार में कल सजेंगे बड़े सियासी मंच, महागठबंधन का पूर्णिया में शक्ति प्रदर्शन; अमित शाह की लौरिया-पटना में रैली
बिहार में शनिवार 25 फरवरी को बड़े सियासी मंच सजने वाले हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर पहली बार महागठबंधन के सभी सातों दल एकजुट होकर पूर्णिया में शक्ति प्रदर्शन करेंगे। वहीं दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री अमित शाह पश्चिमी चंपारण जिले के लौरिया और पटना में रैली करके बीजेपी के चुनाव प्रचार का शंखनाद करेंगे। बिहार के लोगों की नजरें दोनों गठबंधन के कार्यक्रमों पर टिक गई हैं।
पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में शनिवार को महागठबंधन की महारैली होगी। राज्य में सात दलीय महागठबंधन का यह पहला बड़ा शक्ति प्रदर्शन होगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव, प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वाम दलों के नेता शामिल होंगे। हाल ही में सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट के बाद दिल्ली लौटे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी इस रैली को डिजिटल रूप से संबोधित करेंगे।
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा, “रैली का मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र को बचाना और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नष्ट करने वाली ताकतों को बाहर करना है। हम चाहते हैं कि विपक्षी एकता बीजेपी के खिलाफ लड़े।”
नीतीश को पीएम कैंडिडेट के रूप में पेश किया जाएगा?
पूर्णिया रैली में नीतीश कुमार को 2024 में पीएम कैंडिडेट के रूप में पेश किया जाएगा या नहीं, इस पर अब भी संशय है। हाल ही में भाकपा माले के पटना में हुए खुले अधिवेशन में नीतीश कुमार ने कांग्रेस से बीजेपी के खिलाफ लड़ने और 2024 के लोकसभा चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक मजबूत विपक्षी मोर्चा बनाने का आग्रह किया था। आरजेडी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पूर्णिया रैली में नीतीश को पीएम कैंडिडेट के रूप में पेश करने की संभावना नहीं है। इस रैली के जरिए मुस्लिम बाहुल्य सीमांचल क्षेत्र में आरजेडी और जेडीयू के वोट बैंक को मजबूत करने और AIMIM जैसी पार्टियों के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए एक तरह का शक्ति प्रदर्शन होगा।
आरजेडी-जेडीयू में तेजस्वी को सीएम बनाने को लेकर खींचतान
दिलचस्प यह है कि तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के मुद्दे पर जेडीयू और आरजेडी में बढ़ती दरार बीच इस रैली का आयोजन किया जा रहा है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने 2025 में तेजस्वी को सीएम बनाने की संभावनाओं को कम करने वाला बयान देने के बाद विवाद खड़ा कर दिया। इसके बाद आरजेडी नेता तेजस्वी की ताजपोशी के लिए मांग तेज कर दी है। इससे सीएम नीतीश कुमार पर दबाव बढ़ गया है कि वे जल्द से जल्द तेजस्वी को सत्ता की कमान सौंपें।
दूसरी ओर, जेडीयू को उपेंद्र कुशवाहा के पार्टी छोड़कर नया दल बनाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, पटना के पूर्व निदेशक एम दिवाकर का कहना है कि महागठबंधन के लिए पूर्णिया रैली का महत्व दो गुना है। सत्ताधारी पार्टियों के नेता बीजेपी को क्षेत्रीय दलों की ताकत दिखाकर 2024 के लिए संदेश देना चाहते हैं। साथ ही आरजेडी और जेडीयू कोसी और सीमांचल बेल्ट में पहुंचकर पिछड़े वर्गों के बीच अपना आधार मजबूत रखना चाहती हैं।
अमित शाह की दो रैलियां
इस बीच, शनिवार को ही बीजेपी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो बड़े कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है। शाह पश्चिम चंपारण जिले के लौरिया में साहू जैन स्टेडियम में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। शनिवार को बिहार के अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान भारत नेपाल सीमा से सटे वाल्मीकिनगर में बीजेपी कोर कमेटी को संबोधित करने से पहले उनका नंदनगढ़ में बुद्ध स्तूप का दौरा करेंगे। इसके बाद वह पटना में स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। बाद में शाम को बिहार बीजेपी नेताओं के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
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जेडीयू के गढ़ में बीजेपी का बड़ा आयोजन
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बिगुल बजाने के लिए तैयार हैं। पार्टी ने शनिवार को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में एक बड़ा प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। इसे जेडीयू का गढ़ माना जाता है। जायसवाल ने कहा कि पश्चिम चंपारण के लौरिया में शाह की रैली में अकेले वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से लगभग एक लाख लोगों की भीड़ जुटेगी।