बिहार जातीय गणना: बैकफुट पर क्यों आ गई केंद्र सरकार? कुछ ही घंटों में हलफनामा बदलने की इनसाइड स्टोरी

12
बिहार जातीय गणना: बैकफुट पर क्यों आ गई केंद्र सरकार? कुछ ही घंटों में हलफनामा बदलने की इनसाइड स्टोरी

बिहार जातीय गणना: बैकफुट पर क्यों आ गई केंद्र सरकार? कुछ ही घंटों में हलफनामा बदलने की इनसाइड स्टोरी

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को जाति आधारित गणना को लेकर केंद्र सरकार के हलफनामा ने सबको चौंकाया। पहले तो केंद्र सरकार की तरफ से बिहार सरकार द्वारा कराई गई जातीय गणना का विरोध हुआ लेकिन शाम में दोबारा एक हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि वो पहले दायर हलफनामा को वापस ले रही है। कुछ घंटों के अंदर सुप्रीम कोर्ट में बिहार जातीय सर्वे पर केंद्र सरकार के बैकफुट पर जाने और स्टैंड बदलने के पीछे शुद्ध रूप से चुनावी राजनीति है।

बीजेपी अब बिहार में जातियों की गिनती के काम में रोड़ बनता नहीं दिखना चाहती जिसका आरोप लगातार उस पर जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल लगा रहे हैं। बिहार की तरह यूपी में भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जातीय गणना की मांग कर रहे हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लगता है कि एक बार वो ये काम पूरा कर दें तो दूसरे राज्यों की सरकारों पर ऐसी गिनती करने का दबाव बनेगा।

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की तरफ से जब दखल लेने की बात कही गई तभी से बिहार में सरकार और भाजपा के बीच बयानबाजी तेज हो गई थी। सोमवार को केंद्र की तरफ से दाखिल पहले हलफनामा में कहा गया कि संविधान के तहत सिर्फ केंद्र सरकार ही जनगणना या जनगणना जैसा कोई काम कर सकती है। बाद में इस बात को दूसरे हलफनामा के जरिए हटाया गया और कहा गया कि ये भूल से रह गया था।

बिहार जातीय गणना: केंद्र ने किया विरोध, कहा कि जनगणना या इस तरह की कोई भी कवायद करने का अधिकार सिर्फ

लेकिन केंद्र के ताजा हलफनामा में भी ये साफ कहा गया है कि जनगणना कराने का अधिकार सिर्फ केंद्र का है। चेंज जो आया है वो यह है कि अब जनगणना जैसा कोई काम वाली बात हट गई है जो बिहार की जातीय गिनती के संदर्भ में समझी जा सकती है कि वो जनगणना तो नहीं है लेकिन उसी तरह का काम है। केंद्र के स्टैंड में बदलाव के पीछे जातीय गणना को बिहार में बीजेपी का समर्थन सबसे अहम वजह है।

2022 में नीतीश कुमार एनडीए की सरकार के ही मुख्यमंत्री थे जब जून में बिहार कैबिनेट ने जाति आधारित गणना का फैसला लिया था। कैबिनेट फैसला से पहले सर्वदलीय बैठक में सबकी सहमति ली गई थी। 2021 में नीतीश एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से मिले थे और पूरे देश में जातीय जनगणना की मांग रखी थी जिसे केंद्र ने बाद में ठुकरा दिया। 

कांग्रेस-शासित राज्यों में क्यों नहीं हुई जातीय गणना? सुशील मोदी का नीतीश से सवाल

2022 के अगस्त में नीतीश सीएम बने रहे लेकिन बीजेपी सरकार से बाहर हो गई और उसमें आरजेडी, कांग्रेस आ गए। जब से जातीय गणना के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई तब से आरजेडी और जेडीयू इसे बीजेपी की साजिश बता रही है। सत्ताधारी दल के नेता कहते रहे हैं कि बीजेपी ही ये सब केस करवा रही है ताकि जातियों की गिनती ना हो और पिछड़ों-गरीबों को लाभ पहुंचाने की सरकारी योजनाएं ना बन सकें। 

बिहार में आरजेडी-जेडीयू के इस नैरेटिव ने बीजेपी को परेशान कर रखा था कि हाईकोर्ट में जातीय गणना का विरोध करने वाले उसके इशारे पर केस लड़ रहे हैं। ऐसे में केंद्र का यह हलफनामा कि जनगणना ही नहीं जनगणना जैसी कोई चीज भी करने का अधिकार सिर्फ केंद्र के पास है, बिहार में बयानबाजी का मसाला बन गया। जेडीयू से लेकर आरजेडी तक के नेता कहने लगे कि केंद्र सरकार के हलफनामा से बीजेपी बेनकाब हो गई है जो शुरू से जातीय गणना नहीं होने देना चाहती।

जातीय गणना नहीं कराएंगे, सपा की मांग पर योगी सरकार की दो टूक, दोनों सदनों में उठा मुद्दा

सत्ताधारी दलों ने बीजेपी को पिछड़ा विरोधी की तरह पेश करना शुरू कर दिया। पिछड़ा विरोधी आरोपों से घिरी बीजेपी के बिहार के नेता एक्शन में आए और फिर शाम में दूसरा हलफनामा दाखिल हुआ जिसमें जनगणना कराने के केंद्र के अधिकार को तो रखा गया लेकिन जनगणना जैसी चीज कराने वाली लाइन को हटा लिया गया।

हलफनामा बदलने के बाद बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के बयान से बाकी कहानी साफ हो गई जब उन्होंने बिहार भाजपा के स्टैंड के अनुरूप हलफनामा दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद किया। सुशील मोदी ने कहा- “केंद्र सरकार को मैं बधाई देना चाहूंगा क्योंकि केंद्र सरकार ने ये कहा कि जनगणना कानून 1948 के तहत जनगणना कराने का अधिकार केवल केंद्र का है। लेकिन अगर कोई सर्वे कराता है। कोई आंकड़े इकट्ठा करता है तो वो उसके लिए स्वतंत्र है। भाजपा बार-बार कह रही थी कि ये सर्वेक्षण है। आंकड़े इकट्ठे किए जा रहे थे। ये जनगणना नहीं है।”

‘नफरत की नजर से देख रही है…’ जातीय गणना पर लालू यादव ने केंद्र सरकार को जमकर सुनाया

मोदी ने आगे कहा- “पटना हाईकोर्ट ने भी यही कहा कि राज्य को जनगणना का अधिकार नहीं है लेकिन सर्वे का अधिकार है। केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर संवैधानिक स्थिति को स्पष्ट कर दिया कि जनगणना का अधिकार केवल केंद्र को है। लेकिन अगर कोई आंकड़े इकट्ठा करता है, कोई सर्वे करता है, कोई और कुछ करता है तो उस पर किसी प्रकार की रोक नहीं है। जो भारतीय जनता पार्टी का बिहार में स्टैंड था उसी के अनुरूप केंद्र ने अपना हलफनामा दाखिल किया है। हम इसका स्वागत करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट जल्द बिहार के पक्ष में हाईकोर्ट के समान जातीय गणना के पक्ष में फैसला देगा। भाजपा जातीय गणना के पक्ष में है, भाजपा जातीय सर्वे के पक्ष में है।” 

जातीय गणना पर चल रही कानूनी लड़ाई बिहार में पूरी तरह राजनीतिक रंग ले चुका है। आरजेडी नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने केंद्र के हलफनामा पर सवाल उठाते हुए मंगलवार को कहा कहा कि बीजेपी बेनकाब हो गई है। उन्होंने केंद्र के हलफनामा दाखिल करने पर ही सवाल उठाया। तेजस्वी ने कहा- “भाजपा के लोगों का असली चेहरा उजागर हो गया है। रात भर में हलफनामा बदल दिया जाता है। ये साफ दिखाता है कि बीजेपी डरी हुई है। वे कभी भी जाति-आधारित गणना नहीं चाहते थे। पिछड़ों-गरीबों को फायदा होगा तो भाजपा क्यों डरती है। क्यों हलफनामा दाखिल किया गया। क्यों रात भर में बदल दिया गया।” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मंगलवार को दोहराया कि जनगणना करना केंद्र का काम है लेकिन बिहार में तो जातियों की गणना हो रही है।

पिछड़ों की आबादी अब 70 फीसदी, स्वामी प्रसाद मौर्य़ ने बताया- क्यों जातीय गणना नहीं करा रही भाजपा

इस साल जनवरी और फरवरी में बिहार की जातीय गणना का पहला चरण पूरा हुआ था। अप्रैल-मई में दूसरा चरण चल रहा था पटना जब हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। तब तक 80 फीसदी काम पूरा हो चुका था। फिर हाईकोर्ट ने जब जातीय गणना के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया तो अगस्त में बाकी काम शुरू हुआ। अब गणना का काम लगभग पूरा हो चुका है और उसमें हासिल जानकारी का दस्तावेज तैयार हो रहा है। लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर हो गई। राज्य सरकार ने कोर्ट से कहा है कि उसके फैसले के बिना जातीय गणना का नतीजा या कोई डेटा जारी नहीं होगा।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News