बिहार के नये राज्यपाल Rajendra Vishwanath Arlekar को जानिए, पहले रहे हिमाचल प्रदेश के गवर्नर
राजनीतिक करियर
आर्लेकर बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। वे 1989 में बीजेपी में शामिल हुए। आर्लेकर 1980 के दशक से गोवा भाजपा के सक्रिय सदस्य रहे हैं। उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया है। जिनमें महासचिव, भारतीय जनता पार्टी, गोवा प्रदेश। अध्यक्ष, गोवा औद्योगिक विकास निगम। अध्यक्ष, गोवा राज्य अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग वित्तीय विकास निगम। महासचिव, भारतीय जनता पार्टी, गोवा। दक्षिण गोवा अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी। जब मनोहर पर्रिकर को 2014 में केंद्रीय रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था, तो आर्लेकर को अगला मुख्यमंत्री बनाने की प्लानिंग थी। हालांकि, बीजेपी ने इनकी जगह लक्ष्मीकांत पारसेकर को अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुना।
गोवा विधानसभा को डेवलप करने का श्रेय
आर्लेकर को गोवा विधान सभा को कागज रहित बनाने का श्रेय दिया जाता है। ऐसा करने वाली वह पहली राज्य विधानसभा है। 2015 में कैबिनेट में फेरबदल के दौरान उन्हें पर्यावरण और वन मंत्री नियुक्त किया गया था। 6 जुलाई 2021 को उन्हें हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जब बंडारू दत्तात्रेय को हरियाणा का राज्यपाल बनाया गया। आर्लेकर ने पार्टी को धन्यवाद दिया और कहा कि बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जहां प्रत्येक सदस्य के काम को मान्यता दी जाती है।
वन और पर्यावरण मंत्री रहे
गोवा सरकार में वन और पर्यावरण मंत्री रहे आर्लेकर स्थानीय लोगों में अपनी विनम्रता के लिए जाने जाते हैं। 23 अप्रैल, 1954 को जन्में आर्लेकर की पत्नी अनघा आर्लेकर हैं। राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को दो बच्चे हैं। इन्होंने बचपन से राजनीति को ही अपने करियर के रूप में चुना। आर्लेकर गोवा विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति के अध्यक्ष भी रहे। गोवा विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में इनका कार्यकाल काफी याद किया जाता है। आर्लेकर बीजेपी के कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। इनकी एंट्री संघ से सीधे बीजेपी में हुई थी। बीजेपी ने इन पर विश्वास जताते हुए बिहार के राज्यपाल का पदभार दिया है।