बिहार का वो पुल जो इस बार बिना आंधी का गिर गया, जानिए पिछले 8 साल में क्या-क्या हुआ h3>
Bihar Bridge Story: बिहार में गंगा नदी पर 1710 करोड़ की लागत से बन रहा पुल एक बार फिर भरभरा कर गिर गया। चार लेन का सुल्तानगंज-अगुआनी पुल रविवार शाम अचानक ही ढह गया। 14 महीने पहले भी इस निर्माणाधीन पुल (Bihar Bridge Collapse) का एक हिस्सा गिरा था। 2015 से इस पुल पर काम चल रहा है।
भागलपुर : सुल्तानगंज को खगड़िया (अगुवानी) से जोड़ने वाले निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु का कुछ हिस्सा गंगा नदी में समा गया। रविवार शाम 6:15 बजे अचानक भरभराकर गिर गया। 1710.77 करोड़ की लागत से एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी इस पुल को बना रही है। अगुवानी की ओर से पिलर संख्या 12, 11, 10 और 9 का आधा हिस्सा ध्वस्त हो गया। पिलर संख्या 12, 11 और 10 एक-दूसरे से लिवर से जुड़े थे। पुल के 170 से अधिक स्पैन ढह गए।
पुल गिरने से सरकार में खलबली
पुल के गिरने की लाइव तस्वीरें लोगों ने अपने मोबाइल में कैद की। ये काफी डरावना और दिल को दुखाने वाला है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत से मामले की डिटेल जानकारी ली। उन्होंने पुल के सुपर स्ट्रक्चर के गिरने की घटना की जांच कराने के बाद दोषियों पर कठोर कार्रवाई की निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव ने देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हालात की जानकारी दी। बताया जा रहा है कि एक गार्ड लापता है। रविवार होने की वजह से पुल पर काम नहीं चल रहा था। 1710 करोड़ की लागत से एसपी सिंगला कंपनी इस पुल का निर्माण कर रही थी।
पुल को लेकर अब तक की डेडलाइन
पहली
नवंबर 2019
दूसरी
20 दिसंबर 2020
तीसरी
30 जून 2021
चौथी
30 मार्च 2022
पांचवी
30 दिसंबर 2022
छठी
30 मार्च 2023
सातवी (संभावित)
30 जून 2023
आठवीं
31 दिसंबर 2023
यहीं बनना था पहला डॉल्फिन ऑब्जर्वेशन सेंटर
स्थानीय लोगों के अनुसार पिलर संख्या 10, जिसपर डॉल्फिन पर्यवेक्षण केंद्र बनना था, वो बीच से फटते हुए अपने साथ तीन और पिलरों को लेकर गिर गया। काम करने वाले एक कर्मी ने मीडिया को बताया कि उस जगह पर ट्रिपल ओ साइज के पाए बनाए थे। अगुवानी-सुल्तानगंज फोरलेन पुल का पिलर (पिलर) संख्या 10) जहां ध्वस्त हुआ, वहीं एशिया के डॉल्फिन ऑब्जर्वेशन सेंटर का निर्माण होना था। पिलर संख्या 10 पर बनने वाले डॉल्फिन ऑब्जर्वेशन सेंटर को चार मंजिला बनाया जाना था। उसके लिए मिडिल पिलर का निर्माण हो चुका था।
8 साल से बना रहा गंगा नदी पर पुल
- सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का एक हिस्सा गिर गया
- आठ साल से चल रहा पुल का निर्माण कार्य
- पुल निर्माण का काम 2 मई 2015 से शुरू हुआ
- 29 अप्रैल 2022 को भी पुल का हिस्सा गिर गया था
- फोरलेन पुल की लंबाई 3.17 किलोमीटर है
- पुल की कुल लागत 1710.77 करोड़ रुपए
- बीच गंगा में डॉल्फिन पर्यवेक्षण केंद्र का निर्माण होना था
- पुल के पहुंच पथ का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है
इस बार बिना आंधी का गिर गया पुल
अगुवानी-सुल्तानगंज पुल 2019 में ही बनकर तैयार होना था। पिछले साल 29 अप्रैल की रात आंधी आने के कारण पिलर संख्या 4, 5 और 6 को जोड़ने वाला सुपरस्ट्रक्चर गिर गया था। इसके बाद एक साल के लिए डेडलाइन को बढ़ा दिया गया। बाद में फाइनल डेडलाइन दिसंबर 2023 कर दिया गया। मगर अब एक बार फिर से पुल का स्ट्रक्चर गिर गया।
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Bihar Bridge Story: बिहार में गंगा नदी पर 1710 करोड़ की लागत से बन रहा पुल एक बार फिर भरभरा कर गिर गया। चार लेन का सुल्तानगंज-अगुआनी पुल रविवार शाम अचानक ही ढह गया। 14 महीने पहले भी इस निर्माणाधीन पुल (Bihar Bridge Collapse) का एक हिस्सा गिरा था। 2015 से इस पुल पर काम चल रहा है।
पुल गिरने से सरकार में खलबली
पुल के गिरने की लाइव तस्वीरें लोगों ने अपने मोबाइल में कैद की। ये काफी डरावना और दिल को दुखाने वाला है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत से मामले की डिटेल जानकारी ली। उन्होंने पुल के सुपर स्ट्रक्चर के गिरने की घटना की जांच कराने के बाद दोषियों पर कठोर कार्रवाई की निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव ने देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हालात की जानकारी दी। बताया जा रहा है कि एक गार्ड लापता है। रविवार होने की वजह से पुल पर काम नहीं चल रहा था। 1710 करोड़ की लागत से एसपी सिंगला कंपनी इस पुल का निर्माण कर रही थी।
पुल को लेकर अब तक की डेडलाइन
पहली | नवंबर 2019 |
दूसरी | 20 दिसंबर 2020 |
तीसरी | 30 जून 2021 |
चौथी | 30 मार्च 2022 |
पांचवी | 30 दिसंबर 2022 |
छठी | 30 मार्च 2023 |
सातवी (संभावित) | 30 जून 2023 |
आठवीं | 31 दिसंबर 2023 |
यहीं बनना था पहला डॉल्फिन ऑब्जर्वेशन सेंटर
स्थानीय लोगों के अनुसार पिलर संख्या 10, जिसपर डॉल्फिन पर्यवेक्षण केंद्र बनना था, वो बीच से फटते हुए अपने साथ तीन और पिलरों को लेकर गिर गया। काम करने वाले एक कर्मी ने मीडिया को बताया कि उस जगह पर ट्रिपल ओ साइज के पाए बनाए थे। अगुवानी-सुल्तानगंज फोरलेन पुल का पिलर (पिलर) संख्या 10) जहां ध्वस्त हुआ, वहीं एशिया के डॉल्फिन ऑब्जर्वेशन सेंटर का निर्माण होना था। पिलर संख्या 10 पर बनने वाले डॉल्फिन ऑब्जर्वेशन सेंटर को चार मंजिला बनाया जाना था। उसके लिए मिडिल पिलर का निर्माण हो चुका था।
8 साल से बना रहा गंगा नदी पर पुल
- सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का एक हिस्सा गिर गया
- आठ साल से चल रहा पुल का निर्माण कार्य
- पुल निर्माण का काम 2 मई 2015 से शुरू हुआ
- 29 अप्रैल 2022 को भी पुल का हिस्सा गिर गया था
- फोरलेन पुल की लंबाई 3.17 किलोमीटर है
- पुल की कुल लागत 1710.77 करोड़ रुपए
- बीच गंगा में डॉल्फिन पर्यवेक्षण केंद्र का निर्माण होना था
- पुल के पहुंच पथ का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है
इस बार बिना आंधी का गिर गया पुल
अगुवानी-सुल्तानगंज पुल 2019 में ही बनकर तैयार होना था। पिछले साल 29 अप्रैल की रात आंधी आने के कारण पिलर संख्या 4, 5 और 6 को जोड़ने वाला सुपरस्ट्रक्चर गिर गया था। इसके बाद एक साल के लिए डेडलाइन को बढ़ा दिया गया। बाद में फाइनल डेडलाइन दिसंबर 2023 कर दिया गया। मगर अब एक बार फिर से पुल का स्ट्रक्चर गिर गया।
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