बिलावल भुट्टो के विदेश मंत्री बनने से सुधर सकते हैं भारत-पाकिस्तान संबंध! क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

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बिलावल भुट्टो के विदेश मंत्री बनने से सुधर सकते हैं भारत-पाकिस्तान संबंध! क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

बिलावल भुट्टो के विदेश मंत्री बनने से सुधर सकते हैं भारत-पाकिस्तान संबंध! क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

शहबाज सरकार में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री बने हैं। शहबाज के पीएम बनने के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध वापस से बहाल हो सकते हैं। ऐसे में बिलावल के विदेश मंत्री बनने के बाद उनपर भारत से संबंधों को सामान्य करने का अतिरिक्त दबाव रह सकता है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि शहबाज और बिलावल काल में पाकिस्तान-भारत संबंध कैसे रह सकते हैं।

विदेश मंत्री बनते ही वायरल हुआ 10 साल पुराना ट्वीट

रिपोर्ट्स के मुताबिक 2012 में पहली बार बिलावल भुट्टो भारत आए थे। इस दौरान उन्होंने एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था कि मेरी मां ने एक बार कहा था कि हर पाकिस्तानी में थोड़ा सा भारत है और हर भारतीय में थोड़ा सा पाकिस्तान है। विदेश मंत्री बनने के बाद भारत और पाकिस्तान में उनका यह ट्वीट वायरल हो गया।

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लोगों को याद आया 1965 और 1971

लोगों ने यह भी कहा कि बिलावल के दादा जुल्फिकार अली भुट्टो 1963-66 और 1971-77 के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहे। उनके दोनों कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान ने 1965 और 1971 में भारत से युद्ध लड़ा और हारा। ऐसे में बिलावल भुट्टो जरदारी से भी बहुत उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।

भारत सरकार का क्या है रुख?

हाल ही में भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान को लेकर भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। दोनों पक्षों के बीच बातचीत आतंकवाद से मुक्त माहौल में ही हो सकती है और ऐसा माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है। पाकिस्तान मीडिया में एक्सपर्ट्स ने कहा है कि बिलावल के लिए भारत से संबंध सामान्य करने की दिशा में काम करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। 

पाकिस्तान के पास है विकल्पों की कमी?

पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत पाकिस्तान के लिए मजबूरी बनता जा रहा है। पाकिस्तान ने हाल के सालों में अमेरिका से संबंध बदतर कर लिए हैं। इसके साथ ही चीन के साथ भी संबंध सामान्य नहीं है। पाकिस्तान में लगातार चीनी नागरिकों की हत्या से चीन बेहद नाराज है। अमेरिका और चीन से संबंध सहज नहीं रहने के कारण पाकिस्तान की मजबूरी है कि वह अपने पूर्वी बॉर्डर पर माहौल शांत करे और भारत के साथ बातचीत शुरू करे।





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