बिना पुस्तकालायध्क्ष चल रहे 10 हजार स्कूल | 10 thousand schools running without libraries | Patrika News h3>
प्रदेश के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूलों की संख्या 15000 से अधिक हो गई हो लेकिन इन स्कूलों में से 10 हजार से अधिक उच्च माध्यमिक स्कूलों में पुस्तकालयाध्यक्ष के पद ही सृजित नहीं है।
जयपुर
Published: May 03, 2022 10:00:10 pm
पुस्तकालय अध्यक्ष में उठी स्टाफिंग पैटर्न की मांग उठी
पुस्तकालय संघ राजस्थान ने भेजा मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को पत्र
जयपुर।
प्रदेश के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूलों की संख्या 15000 से अधिक हो गई हो लेकिन इन स्कूलों में से 10 हजार से अधिक उच्च माध्यमिक स्कूलों में पुस्तकालयाध्यक्ष के पद ही सृजित नहीं है। वह भी तब जबकि इन स्कूलों में लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा है लेकिन पुस्तकालयाध्यक्ष नहीं होने से विद्यार्थियों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा।
नहीं मिल रहा रोजगार
जानकारी के मुताबिक साल 2018 में पुस्तकालयाध्यक्षों के 700 पदों पर निकाली गई भर्ती को पूरा होने में करीब 3 साल का समय लग गया। वर्तमान में पुस्तकालयाध्यक्षों के सैकेंड ग्रेड और थर्ड ग्रेड के पद खाली पड़े हैं। सैकेंड ग्रेड के 815 पद और थर्ड ग्रेड के 870 पद रिक्त चल रहे हैं। पद खाली होने के चलते जहां इन स्कूलों में अन्य शिक्षक को जिम्मेदारी दी जा रही ह, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। साथ ही प्रदेश में पुुस्तकालय और सूचना विज्ञज्ञन के क्षेत्र में डिग्रीधारी प्रशिक्षित युवाओं को भी रोजगार के प्र्याप्त अवसर नहीं मिल रहे और शिक्षा विभाग में कार्यरत पुस्तकालाध्यक्ष भी पदोन्नति से वंचित हो रहे हैं। वर्तमान में विभाग में पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड फस्र्ट के मात्र 41, सैकेंड ग्रेड के 1134 पद हीसृजित हैं जो 1998 से पूर्व के हैं। और 1998 के बाद इन श्रेणियों में कोई पद सृजित नहीं हुआ है।
राजस्थान पुस्तकालयाध्यक्ष संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमल कनवारिया का कहना है कि स्कूलों में लाइब्रेरी के हालात बहुत ज्यादा खराब है । जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षामंत्री बीडी कल्ला को पत्र लिखकर पुस्तकालयाध्यक्ष स्टाफिंग पैटर्नलागू करने की मांग की गई है और एक विद्यालय में छात्र संख्यानुसार पदों का सृजन किए जाने की मांग की गई है। मांग के अनुसार 300 से 500 नामांकन होने पर एक ग्रेड थर्ड पुस्तकालयाध्यक्ष, 501 से 750 नामांकन पर एक ग्रेड सैकेंड पुस्तकालयाध्यक्ष और 750 से 1000 नामांकन होने पर उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक फस्र्ट ग्रेड पुस्तकालयाध्यक्ष और 1000 से अधिक नामांकन होने पर एक फस्र्ट ग्रेड और ग्रेड थर्ड पुस्तकालयाध्यक्ष के पद सृजित होने चाहिए।
यह है पुस्तकालयाध्यक्षों की वर्तमान स्थिति
फस्र्ट ग्रेड
खाली – 41
स्वीकृत – 41
कार्यरत- 0
सैकेंड ग्रेड
खाली -815
स्वीकृत- 1113
कार्यरत- 298
थर्ड ग्रेड
.खाली- 870
स्वीकृत – 2998 कार्यरत. – 2128
बिना पुस्तकालायध्क्ष चल रहे 10 हजार स्कूल
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प्रदेश के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूलों की संख्या 15000 से अधिक हो गई हो लेकिन इन स्कूलों में से 10 हजार से अधिक उच्च माध्यमिक स्कूलों में पुस्तकालयाध्यक्ष के पद ही सृजित नहीं है।
जयपुर
Published: May 03, 2022 10:00:10 pm
पुस्तकालय अध्यक्ष में उठी स्टाफिंग पैटर्न की मांग उठी
पुस्तकालय संघ राजस्थान ने भेजा मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को पत्र
जयपुर।
प्रदेश के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूलों की संख्या 15000 से अधिक हो गई हो लेकिन इन स्कूलों में से 10 हजार से अधिक उच्च माध्यमिक स्कूलों में पुस्तकालयाध्यक्ष के पद ही सृजित नहीं है। वह भी तब जबकि इन स्कूलों में लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा है लेकिन पुस्तकालयाध्यक्ष नहीं होने से विद्यार्थियों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा।
नहीं मिल रहा रोजगार
जानकारी के मुताबिक साल 2018 में पुस्तकालयाध्यक्षों के 700 पदों पर निकाली गई भर्ती को पूरा होने में करीब 3 साल का समय लग गया। वर्तमान में पुस्तकालयाध्यक्षों के सैकेंड ग्रेड और थर्ड ग्रेड के पद खाली पड़े हैं। सैकेंड ग्रेड के 815 पद और थर्ड ग्रेड के 870 पद रिक्त चल रहे हैं। पद खाली होने के चलते जहां इन स्कूलों में अन्य शिक्षक को जिम्मेदारी दी जा रही ह, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। साथ ही प्रदेश में पुुस्तकालय और सूचना विज्ञज्ञन के क्षेत्र में डिग्रीधारी प्रशिक्षित युवाओं को भी रोजगार के प्र्याप्त अवसर नहीं मिल रहे और शिक्षा विभाग में कार्यरत पुस्तकालाध्यक्ष भी पदोन्नति से वंचित हो रहे हैं। वर्तमान में विभाग में पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड फस्र्ट के मात्र 41, सैकेंड ग्रेड के 1134 पद हीसृजित हैं जो 1998 से पूर्व के हैं। और 1998 के बाद इन श्रेणियों में कोई पद सृजित नहीं हुआ है।
राजस्थान पुस्तकालयाध्यक्ष संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमल कनवारिया का कहना है कि स्कूलों में लाइब्रेरी के हालात बहुत ज्यादा खराब है । जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षामंत्री बीडी कल्ला को पत्र लिखकर पुस्तकालयाध्यक्ष स्टाफिंग पैटर्नलागू करने की मांग की गई है और एक विद्यालय में छात्र संख्यानुसार पदों का सृजन किए जाने की मांग की गई है। मांग के अनुसार 300 से 500 नामांकन होने पर एक ग्रेड थर्ड पुस्तकालयाध्यक्ष, 501 से 750 नामांकन पर एक ग्रेड सैकेंड पुस्तकालयाध्यक्ष और 750 से 1000 नामांकन होने पर उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक फस्र्ट ग्रेड पुस्तकालयाध्यक्ष और 1000 से अधिक नामांकन होने पर एक फस्र्ट ग्रेड और ग्रेड थर्ड पुस्तकालयाध्यक्ष के पद सृजित होने चाहिए।
यह है पुस्तकालयाध्यक्षों की वर्तमान स्थिति
फस्र्ट ग्रेड
खाली – 41
स्वीकृत – 41
कार्यरत- 0
सैकेंड ग्रेड
खाली -815
स्वीकृत- 1113
कार्यरत- 298
थर्ड ग्रेड
.खाली- 870
स्वीकृत – 2998 कार्यरत. – 2128
बिना पुस्तकालायध्क्ष चल रहे 10 हजार स्कूल
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