बाहर आकर भी नहीं सुधरे तो हुआ एक्शन, ज़मानत की शर्तों का उल्लंघन करने पर 193 को फिर भेजा जेल h3>
दिल्ली पुलिस के अफसरों ने बताया कि इस साल अब तक 715 ऐसे अपराधियों की पहचान की गई है, जो जमानत मिलने के बाद उनकी शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। ये आरोपी कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से छूटे तो फिर उसी तरह के अपराधों को अंजाम देने लगे। कुछ अपराधी अपने खिलाफ चल रही पुलिस जांच में दखलअंदाजी कर रहे थे। सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों के धमकाने तक के मामले सामने आए। लिहाजा इन सबकी जमानत कैंसल कराने का फैसला किया गया।
दिल्ली पुलिस की तरफ से 715 पहचाने अपराधियों में से अभी तक 390 मुलजिमों की बेल कैंसल करने की अर्जी कोर्ट में लगा दी गईं, जिनमें 15 मई 2023 तक 193 की रद्द करवाने में सफलता मिल चुकी है। पुलिस अफसरों का कहना है कि कोर्ट जमानत देते वक्त आरोपी के सामने शर्तें रखती है। एक शर्त ये भी होती है कि जिस क्राइम में बेल मिलती है, वैसी गतिविधि में फिर शामिल नहीं होगा। लेकिन अपराधी दर्जनों केसों में बेल पर होते हुए भी धड़ल्ले से वही क्राइम करता है।
व्यक्तिगत अधिकारों और समाज के हित के बीच संतुलन की आवश्यकता है। इसलिए दिल्ली पुलिस की तरफ से आदतन अपराधियों की बेल कैंसल कराने का अभियान चलाया गया है।
संजय सिंह, स्पेशल सीपी
पुलिस अफसरों ने बताया कि कमिश्नर संजय अरोड़ा ने पिछले साल सभी जिलों को ऐसे आरोपियों की जमानत रद्द करवाने के निर्देश दिए थे। इसी पर अमल करते हुए सभी जिलों ने इनकी लिस्ट बनाई, जो जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। दरअसल, दिल्ली पुलिस के अफसर पहले से इस नियम को जानते थे, लेकिन कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। पुलिस की तरफ से अब गौर किया गया तो इस तरह के बदमाशों को फिर से जेल जाना पड़ रहा है।
बेल कैंसल करने के आधार
1. आरोपी का फिर वैसे अपराध में लिप्त होना
2. अपराध की जांच में दखलअंदाजी करना
3. साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की कोशिश करना
4. आरोपी के केस के गवाहों को धमकी देना