बाबा परशुराम के जन्मोत्सव पर 70 किलोमीटर लंबी यात्रा: मोकामा में पुष्प वर्षा से हुआ स्वागत, 8 साल से हो रहा आयोजन – Begusarai News h3>
बाबा परशुराम के जन्मोत्सव पर 70 किलोमीटर लंबी यात्रा निकाली गई है।
बेगूसराय में बाबा परशुराम के जन्मोत्सव पर जयमंगला वाहिनी की ओर से आज अक्षय तृतीया के अवसर पर बिहार की सबसे लंबी यात्रा निकाली गई। जयमंगला गढ़ से मोकामा परशुराम राजकीय मेला परिसर तक की करीब 70 किलोमीटर की यह भव्य समरसता यात्रा थी। यात्रा के मोकामा पहुं
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भगवा ध्वज, भगवान परशुराम के कटआउट और तस्वीरों के साथ जयमंगला माता की पूजा-अर्चना और आशीर्वाद लेकर यात्रा की शुरुआत की गई। यात्रा में बेगूसराय नगर निगम की मेयर पिंकी देवी, पूर्व मेयर संजय सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता सोनू शंकर, संजय गौतम और निशांत कुमार शामिल हुए। जयमंगला वाहिनी परिवार का हौसला बढ़ाते हुए बिहार की सबसे लंबी धार्मिक यात्रा निकालने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।
यात्रा का नेतृत्व कर रहे अमर गौतम व अंचल गौतम ने कहा कि अक्षय तृतीया पर बाबा परशुराम धार्मिक समरसता यात्रा का आयोजन 2017 से चलते आ रहा है। मोकामा स्थित भगवान परशुराम पौराणिक मंदिर में आयोजित राजकीय मेले के अवसर पर पूरे जिलेवासियों के सहयोग से धर्म यात्रा निकाली जाती है।
पूजा-अर्चना कर यात्रा की शुरुआत
कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी सुमित कुमार और अभिजीत रंजन ने बताया कि परशुराम के जन्मोत्सव पर जयमंगला गढ़ से पूजा-अर्चना कर यात्रा प्रारंभ किया गया था। यह यात्रा जयमंगलागढ़ से मंझौल, कोरिया, मोहनपुर, खम्हार, रजौरा, पन्हास, हर-हर महादेव चौक, जीरोमाइल, बीहट बड़ी दुर्गा मंदिर, सिमरिया, हाथीदह होते हुए मोकामा के बाबा परशुराम मंदिर में खत्म हुई।
अक्षय तृतीया पर यात्रा निकाली गई है।
अवनीश कुमार उर्फ सिंह मालिक और शिवम ने कहा कि इस यात्रा की शुरुआत मिथिला की संस्कृति को मगध की संस्कृति से जोड़ने का प्रयास है। यात्रा का आगाज कर हमलोग मोकामा में अपने आराध्य बाबा परशुराम का आशीर्वाद ग्रहण कर कामना किया कि सम्पूर्ण राष्ट्र का विकास हो।
अमन और सोनू कुमार ने भगवान परशुराम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को इनकी जयंती मनाई जाती हैं।
शक्ति और बुराई से सुरक्षा के लिए आशीर्वाद
भगवान परशुराम को विष्णु भगवान का छठा अवतार माना जाता हैं। उनका जन्म ऋषि जमदग्नी और रेणुका के बेटे के रूप में हुआ था। भगवान परशुराम का जन्म न्याय के प्रति उनके योगदान के सम्मान में मनाई जाती है।
भक्त साहस, शक्ति और बुराई से सुरक्षा के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं। जयमंगला वाहिनी परिवार के उपाध्यक्ष सुजीत गुप्ता व चंदा चौहान ने कहा कि यात्रा के दौरान सभी लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिला।
जगह-जगह पर स्थानीय लोगों ने पानी, शरबत, लस्सी का प्रबंध किया गया था। मनीष कुमार और शुभम कुमार ने परशुराम राजकीय मेला समिति प्रबंधन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी ने स्वागत किया, उससे अभिभूत हूं।
यात्रा दो जिले और दो संस्कृति को आपस में जोड़ने का काम करती है। यह यात्रा आने वाले समय में जारी रहेगी। जयमंगला वाहिनी परिवार के अध्यक्ष महेश वत्स ने यात्रा को सफल बनाने में योगदान दे रहे, सभी लोगों के प्रति आभार जताया है।