बांके बिहारी सोने की पिचकारी से रंग बरसाएंगे: मथुरा पहुंचे 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु, पंचकोशी परिक्रमा के लिए भीड़, रंगों की होली आज से शुरू – Mathura News h3>
3 फरवरी को बसंत पंचमी पर बांके बिहारी मंदिर में पुजारियों ने भगवान के गालों पर गुलाल लगाया। इसके बाद होली खेली गई। इसी के साथ ब्रज के 40 दिवसीय होली महोत्सव का शुभारंभ हुआ था।
ब्रज में आज रंगभरनी एकादशी से गीले रंगों की होली शुरू हो गई है। भगवान राधाकृष्ण की भूमि वृंदावन में 5 कोसी परिक्रमा के लिए आस्था का सैलाब उमड़ा है। सुबह से ही बांके बिहारी के दर्शन के लिए लंबी लाइन है।
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श्रद्धालु पूरे परिक्रमा मार्ग में होली खेलते हुए परिक्रमा दे रहे हैं। वहीं, श्री कृष्ण जन्मस्थान पर सतरंगी होली देखने को मिलेगी। ब्रज नगरी में 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आज पहुंचे हैं।
मथुरा में इस तरह चांदी की पिचकारी और बाल्टी ज्वैलर्स लाए हैं। भक्त लड्डू गोपाल के लिए इसे खरीद रहे।
रंगभरनी एकादशी से खेली जाती है गीले रंगों से होली ब्रज में रंगभरनी एकादशी से गीले रंगों की होली शुरू हो जाती है। इसका सिलसिला रंगनाथ भगवान की होली तक चलता है। बांके बिहारी, श्री कृष्ण जन्मस्थान, राधावल्लभ सहित अन्य मंदिरों में टेसू के फूलों से बने गीले रंग को भक्तों पर डाला जाता है।
परिक्रमा देने पहुंचे लाखों श्रद्धालु वृंदावन में श्रद्धालु पंच कोसी परिक्रमा देने पहुंचे हैं। पूरे परिक्रमा मार्ग में पैर रखने की जगह नहीं बची। रास्ते भर भक्त रंग, गुलाल उड़ाते चल रहे हैं। भगवान का नाम जपते हुए परिक्रमा कर रहे हैं।
जन्मस्थान पर दिखेगी ब्रज की होली की झलक श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर में दोपहर में ब्रज की अलग-अलग खेली जाने वाली होली की झलक दिखाई देगी। यहां लड्डू, जलेबी, लट्ठमार और रंग-गुलाल से होली खेली जाएगी। केशव वाटिका में होने वाली इस होली का आनंद लेने के लिए भक्त आतुर रहते हैं।
बांके बिहारी सोने की पिचकारी से रंग बरसाएंगे रंगभरनी एकादशी से बांके बिहारी मंदिर में होली का धमाल मच रहा है। सुबह करीब 10 बजे यहां बांके बिहारी जी सोने से बनी पिचकारी से चांदी के सिंहासन पर बैठकर भक्तों पर रंग बरसाएंगे। इस दौरान पूरा मंदिर रंगों में सराबोर हो जाता है। यहां होलिका दहन तक भगवान भक्तों के साथ होली खेलते हैं।।
द्वारकाधीश में बगीचे में होंगे भगवान विराजमान पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के प्रमुख द्वारकाधीश मंदिर में रंगभरनी एकादशी पर भगवान को बगीचे में विराजमान किया जाएगा। दोपहर में यहां बगीचा में विराजमान होकर भगवान भक्तों के साथ होली खेलेंगे।