बहुत देर कर दी; खरमास खत्म हुआ, अब तो फाइनल कीजिए, सीट शेयरिंग पर नीतीश के मंत्री की दो टूक h3>
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लोकसभा चुनाव 2024 में इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला खरमास में अटक गया था। कांग्रेस पार्टी की ओर से संकेत दिए गए थे कि 14 जनवरी के बाद इस पर बात होगी क्योंकि उसी दिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने वाली है। मकर संक्रांति पर चूड़ा दही का सियासी भोज जमकर हुआ लेकिन सीट बंटवारे पर कांग्रेस ने कोई संकेत नहीं दिए। इस पर नीतीश सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
विजय चौधरी ने कहा है कि सीट शेयरिंग फाइनल हो जाना चाहिए क्योंकि इसी के आधार पर सभी पार्टियां इंडियागठबंधन में आगे की रणनीति तय करेंगी। उन्होंने कहा कि अब हमलोगों को देर नहीं करना चाहिए। राज्यवार दो विभिन्न दल हैं और जिनका जिन जिन राज्यों में प्रभाव है उनको बैठकर आपस में सीटों के बंटवारे पर सहमति बना लेना चाहिए। कहा कि किसी भी गठबंधन की अंतिम सफलता सीटों के सही और सटीक बंटवारे पर ही निर्भर करती है। उसी से गठबंधन का प्रभाव या गठबंधन के प्रभावी होने का मामला जुड़ता है। पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आपके बार बार कहने पर सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस पार्टी का रुख क्यों स्पष्ट नहीं हो रहा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसका जवाब तो कांग्रेस वाले ही न देंगे। हमलोग तो यही समझते हैं कि सीटों पर सहमति या चुनाव के मद्देनजर कोई रणनीति या चुनाव अभियान के बारे में जो आपसी समझदारी होती है या कार्यक्रम बनता है वह जितना जल्दी हो जाता उतना अच्छा होता। अब देर हो रही है।
नीतीश बनेंगे PM कैंडिडेट? JDU के मंत्री ने कहा- समय पर खेला हो जाएगा, मोदी को सिर्फ बिहार CM से डर
इससे पहले भी विजय चौधरी सीट शेयरिंग पर जदयू का पक्ष स्पष्ट कर चुके हैं। पहले उन्होंने कहा था कि सीट शेयरिंग में देरी होगी तो इसका नुकसान पूरे गठबंधन को होगा। नीतीश कुमार ने जून में ही राज्यवार सीट शेयरिंग पर बातचीत करने को कहा था। कहा गया था कि अक्टूबर तक तक इसे फाइनल रूप दे दिया जाए। लेकिन पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस व्यस्त हो गई और बंटवारा नहीं हो सका। जदयू ने जब जल्दीबाजी दिखाईतो प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि हरबड़ी किस बात की है। इधर जब जेडीयू ने 16 सीटों पर दावा ठोक दिया है और माले पांच सीटों पर अड़ गई है। उसके बाद इस पर कुछ बोलना और कठिन हो गया है। उपर से राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों को कमान देना भी कांग्रेस को पच नहीं रहा है।
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लोकसभा चुनाव 2024 में इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला खरमास में अटक गया था। कांग्रेस पार्टी की ओर से संकेत दिए गए थे कि 14 जनवरी के बाद इस पर बात होगी क्योंकि उसी दिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने वाली है। मकर संक्रांति पर चूड़ा दही का सियासी भोज जमकर हुआ लेकिन सीट बंटवारे पर कांग्रेस ने कोई संकेत नहीं दिए। इस पर नीतीश सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
विजय चौधरी ने कहा है कि सीट शेयरिंग फाइनल हो जाना चाहिए क्योंकि इसी के आधार पर सभी पार्टियां इंडियागठबंधन में आगे की रणनीति तय करेंगी। उन्होंने कहा कि अब हमलोगों को देर नहीं करना चाहिए। राज्यवार दो विभिन्न दल हैं और जिनका जिन जिन राज्यों में प्रभाव है उनको बैठकर आपस में सीटों के बंटवारे पर सहमति बना लेना चाहिए। कहा कि किसी भी गठबंधन की अंतिम सफलता सीटों के सही और सटीक बंटवारे पर ही निर्भर करती है। उसी से गठबंधन का प्रभाव या गठबंधन के प्रभावी होने का मामला जुड़ता है। पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आपके बार बार कहने पर सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस पार्टी का रुख क्यों स्पष्ट नहीं हो रहा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसका जवाब तो कांग्रेस वाले ही न देंगे। हमलोग तो यही समझते हैं कि सीटों पर सहमति या चुनाव के मद्देनजर कोई रणनीति या चुनाव अभियान के बारे में जो आपसी समझदारी होती है या कार्यक्रम बनता है वह जितना जल्दी हो जाता उतना अच्छा होता। अब देर हो रही है।
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इससे पहले भी विजय चौधरी सीट शेयरिंग पर जदयू का पक्ष स्पष्ट कर चुके हैं। पहले उन्होंने कहा था कि सीट शेयरिंग में देरी होगी तो इसका नुकसान पूरे गठबंधन को होगा। नीतीश कुमार ने जून में ही राज्यवार सीट शेयरिंग पर बातचीत करने को कहा था। कहा गया था कि अक्टूबर तक तक इसे फाइनल रूप दे दिया जाए। लेकिन पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस व्यस्त हो गई और बंटवारा नहीं हो सका। जदयू ने जब जल्दीबाजी दिखाईतो प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि हरबड़ी किस बात की है। इधर जब जेडीयू ने 16 सीटों पर दावा ठोक दिया है और माले पांच सीटों पर अड़ गई है। उसके बाद इस पर कुछ बोलना और कठिन हो गया है। उपर से राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों को कमान देना भी कांग्रेस को पच नहीं रहा है।