बम धमाकों में छह मौतें और 101 हुए थे घायल, अब डर गया मालेगांव ब्लास्ट का अहम गवाह | The main witness of Malegaon blast is scared | Patrika News

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बम धमाकों में छह मौतें और 101 हुए थे घायल, अब डर गया मालेगांव ब्लास्ट का अहम गवाह | The main witness of Malegaon blast is scared | Patrika News

राष्ट्रीय एजेंसी पर भी भरोसा नहीं, एक अन्य गवाह लापता

इंदौर

Published: April 20, 2022 07:20:38 pm

इंदौर। मालेगांव बम धमाकों का एक प्रमुख गवाह काफी डरा हुआ है। वह अपनी सुरक्षा के प्रति बेहद चिंतित है और इस कारण गवाही देने भी नहीं जा रहा। वह खुद को इतना असुरक्षित महसूस कर रहा है कि सरकारी और जांच अधिकारियों से भी आशंकित हो उठा है. इतना ही नहीं, उसे किसी राष्ट्रीय एजेंसी पर भी भरोसा नहीं है. इस मामले में गवाह जितेंद्र भाकरोदा ने कोर्ट से साफ शब्दों में कहा कि उसे किसी भी एजेंसी पर भरोसा नहीं है। यही कारण है कि उसने एनआइए कोर्ट से सुरक्षा की मांग की है।

जितेंद्र की दुकान पर ही उस बाइक को रिपेयर करवाया था जिसका धमाकों में उपयोग किया – इंदौर के जितेंद्र भाकरोदा मालेगांव ब्लास्ट के एक अहम गवाह हैं। जितेंद्र की दुकान पर ही उस बाइक को रिपेयर करवाया था जिसका धमाकों में उपयोग किया गया। जितेंद्र मैकेनिक है और उसका पलासिया क्षेत्र में गैरेज है। सन 2008 में हुए बम धमाकों में जितेंद्र भाकरोदा को एनआइए ने गवाह बनाया था। जितेंद्र ने अब मुंबई की विशेष एनआइए कोर्ट से सुरक्षा की मांग की है। उन्हें गवाह के रूप में कोर्ट के समक्ष उपस्थित होना था लेकिन वे असुरक्षा के कारण गवाही देने ही नहीं गए।

एक गवाह दिलीप पाटीदार अभी तक लापता, महाराष्ट्र एटीएस नवंबर 2008 में लेकर गई थी लेकिन उसके बाद वह लापता हो गया- इस मामले में जितेंद्र ने कोर्ट से साफ शब्दों में कहा कि उसे किसी भी राष्ट्रीय एजेंसी पर भरोसा नहीं है। इसके पूर्व भी एनआइए अफसर मोबाइल पर मैसेज कर गवाही के लिए कोर्ट में बुला चुके हैं। उसे आशंका है कि अफसरों को कोर्ट कार्रवाई की जानकारी कैसे मिल जाती है। उसने यह भी कहा कि एक गवाह दिलीप पाटीदार अभी तक लापता है। दिलीप को महाराष्ट्र एटीएस नवंबर 2008 में लेकर गई थी लेकिन उसके बाद वह लापता हो गया।

यह है मामला— सन 2008 में 29 सितंबर की रात मालेगांव में एक बम धमाका हुआ था। रात नौ बजकर 35 मिनट पर हुए इस धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी और 101 लोग घायल हो गए थे। शहर में शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट कंपनी के ठीक सामने यह धमाका हुआ था। इस धमाके के बाद 30 सितंबर 2008 को मालेगांव के आजाद नगर पुलिस थाने में बम ब्लास्ट से संबंधित मामले दर्ज किए गए। बम धमाका एलएमएल मोटरसाइकिल में किया गया था। जिस बाइक का धमाकों में उपयोग किया गया उसे जितेंद्र की दुकान पर ही रिपेयर करवाया गया था।

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