बनेंगे 8 चेकडैम, हर खेत में पहुंचेगा पानी फायदे होंगे h3>
बनेंगे 8 चेकडैम, हर खेत में पहुंचेगा पानी
2 प्रखंडों की 12 पंचायतों के हजारों हेक्टेयर खेतों की सिंचाई होगी आसान
नदियों से निकली नहरों के पानी का सालोंभर होगा इस्तेमाल
ठेकेदार नहीं, किसानों की कमेटियों के माध्यम से होगा निर्माण का कार्य
योजना पर 64 लाख खर्च, 3 माह में काम पूरा करने का लक्ष्य
फोटो
चेक डैम : चेकडैम का प्रारूप।
बिहारशरीफ। कार्यालय प्रतिनिधि
कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ से जूझते धरतीपुत्रों को बड़ी राहत मिलने वाली है। पइनों (नहर) में आठ चेकडैम बनेंगे। हर खेत में आसानी से पानी पहुंचेगा। बिहारशरीफ और कतरीसराय की 12 पंचायतों के हजारों हेक्टेयर खेतों में हरियाली की चादर का दायरा बढेगा। नदियों से निकली नहरों के पानी का सालोंभर इस्तेमाल होगा तो अन्नदाताओं के घर भरेंगे।
नहरों को जीवनदायिनी बनाने के लिए भूमि संरक्षण विभाग द्वारा मेगा प्रोजेक्ट बनाया गया है। योजना पर करीब 64 लाख खर्च होगा। बिहारशरीफ की विभिन्न पंचायतो में सात तो कतरीसराय में एक चेक डैम बनने है। खास यह कि दो की लंबाई 20 फ़ीट, तीन की 28 तो तीन अन्य 30 फ़ीट लंबा चेक डैम होगा।
किसान कराएंगे काम, विभाग देगा राशि:
अच्छी बात है कि संवेदक नहीं चेकडैम का निर्माण सैनिक चयनित गांव के किसान खुद कराएंगे। इसके लिए किसानों की 20 सदस्य कमेटी बनेगी। इन्हीं में से एक अभिकर्ता रहेंगे । निर्माण कार्य पूरा होने के बाद विभाग स्थलीय जांच कराएगा। सब कुछ नियम के अनुसार रहा तो राशि का भुगतान किया जाएगा। तीन माह में निर्माण कार्य को पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया।
सहज होगी सिचाई, मानसून पर निर्भरता घटेगी:
चेकडैम बन जाने पर नहरों के पानी से सिंचाई करना सहज होगा। खरीफ के साथ रबी की खेती में पटवन की समस्या नहीं रहेगी। अमूमन बारिश के दिनों में कहीं बाढ़ से तबाही मचती है तो कहीं पानी के लिए हाईतौबा मचती है। बरसात खत्म होते हैं नहरों में पानी भी खत्म हो जाता है किसान सिंचाई के लिए पूरी तरह से नलकूप पर निर्भर हो जाते हैं चेक डैम के माध्यम से नहरों में पानी का ठहराव होगा तो इसका इस्तेमाल खेतों के पटवन में किया जा सकेगा।
कहते हैं अधिकारी
खेती को लाभकर बनाने व फसलों की सिंचाई के लिए चेकडैम बनाए जा रहे हैं। योजना की स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द ही काम भी शुरू हो जाएगा किसानों को इससे कई फायदे होंगे
संजय कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी
इन स्थानों पर बनेंगे चेकडैम:
1. वाजितपुर पइन – समस्ती (मुरौरा) लंबाई 3 मीटर
2. उपरावां पइन – उपरावां (महम्मदपुर) 7.5 मीटर
3. ताली पइन – मोहिउद्दीनपुर (महम्मदपुर) 9 मीटर
4. तारा पर पइन – मुश्तफापुर (पलटपुरा) 7.5 मीटर
5. चकपर पइन – पलटपुरा (पलटपुरा) 9 मीटर
6. सहजोत – कटौना (कतरीसराय) 7.5 मीटर
7. सपाहा – देवकली (पलटपुरा) 6 मीटर
8. निगारपर पइन-मकदूआन (सिंगथु) 6 मीटर
किस पर कितना खर्च:
1. 20 फ़ीट लंबा – 6 लाख 54 हजार
2. 28 फीट – 7 लाख 51 हजार
3. 30 फ़ीट – 8 लाख 21 हजार
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बनेंगे 8 चेकडैम, हर खेत में पहुंचेगा पानी
2 प्रखंडों की 12 पंचायतों के हजारों हेक्टेयर खेतों की सिंचाई होगी आसान
नदियों से निकली नहरों के पानी का सालोंभर होगा इस्तेमाल
ठेकेदार नहीं, किसानों की कमेटियों के माध्यम से होगा निर्माण का कार्य
योजना पर 64 लाख खर्च, 3 माह में काम पूरा करने का लक्ष्य
फोटो
चेक डैम : चेकडैम का प्रारूप।
बिहारशरीफ। कार्यालय प्रतिनिधि
कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ से जूझते धरतीपुत्रों को बड़ी राहत मिलने वाली है। पइनों (नहर) में आठ चेकडैम बनेंगे। हर खेत में आसानी से पानी पहुंचेगा। बिहारशरीफ और कतरीसराय की 12 पंचायतों के हजारों हेक्टेयर खेतों में हरियाली की चादर का दायरा बढेगा। नदियों से निकली नहरों के पानी का सालोंभर इस्तेमाल होगा तो अन्नदाताओं के घर भरेंगे।
नहरों को जीवनदायिनी बनाने के लिए भूमि संरक्षण विभाग द्वारा मेगा प्रोजेक्ट बनाया गया है। योजना पर करीब 64 लाख खर्च होगा। बिहारशरीफ की विभिन्न पंचायतो में सात तो कतरीसराय में एक चेक डैम बनने है। खास यह कि दो की लंबाई 20 फ़ीट, तीन की 28 तो तीन अन्य 30 फ़ीट लंबा चेक डैम होगा।
किसान कराएंगे काम, विभाग देगा राशि:
अच्छी बात है कि संवेदक नहीं चेकडैम का निर्माण सैनिक चयनित गांव के किसान खुद कराएंगे। इसके लिए किसानों की 20 सदस्य कमेटी बनेगी। इन्हीं में से एक अभिकर्ता रहेंगे । निर्माण कार्य पूरा होने के बाद विभाग स्थलीय जांच कराएगा। सब कुछ नियम के अनुसार रहा तो राशि का भुगतान किया जाएगा। तीन माह में निर्माण कार्य को पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया।
सहज होगी सिचाई, मानसून पर निर्भरता घटेगी:
चेकडैम बन जाने पर नहरों के पानी से सिंचाई करना सहज होगा। खरीफ के साथ रबी की खेती में पटवन की समस्या नहीं रहेगी। अमूमन बारिश के दिनों में कहीं बाढ़ से तबाही मचती है तो कहीं पानी के लिए हाईतौबा मचती है। बरसात खत्म होते हैं नहरों में पानी भी खत्म हो जाता है किसान सिंचाई के लिए पूरी तरह से नलकूप पर निर्भर हो जाते हैं चेक डैम के माध्यम से नहरों में पानी का ठहराव होगा तो इसका इस्तेमाल खेतों के पटवन में किया जा सकेगा।
कहते हैं अधिकारी
खेती को लाभकर बनाने व फसलों की सिंचाई के लिए चेकडैम बनाए जा रहे हैं। योजना की स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द ही काम भी शुरू हो जाएगा किसानों को इससे कई फायदे होंगे
संजय कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी
इन स्थानों पर बनेंगे चेकडैम:
1. वाजितपुर पइन – समस्ती (मुरौरा) लंबाई 3 मीटर
2. उपरावां पइन – उपरावां (महम्मदपुर) 7.5 मीटर
3. ताली पइन – मोहिउद्दीनपुर (महम्मदपुर) 9 मीटर
4. तारा पर पइन – मुश्तफापुर (पलटपुरा) 7.5 मीटर
5. चकपर पइन – पलटपुरा (पलटपुरा) 9 मीटर
6. सहजोत – कटौना (कतरीसराय) 7.5 मीटर
7. सपाहा – देवकली (पलटपुरा) 6 मीटर
8. निगारपर पइन-मकदूआन (सिंगथु) 6 मीटर
किस पर कितना खर्च:
1. 20 फ़ीट लंबा – 6 लाख 54 हजार
2. 28 फीट – 7 लाख 51 हजार
3. 30 फ़ीट – 8 लाख 21 हजार