बजट घोषणा के बाद गहलोत का पुरानी पेंशन स्कीम पर नया बयान, कहा-सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा का कवच है ये स्कीम

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बजट घोषणा के बाद गहलोत का पुरानी पेंशन स्कीम पर नया बयान, कहा-सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा का कवच है ये स्कीम

बजट घोषणा के बाद गहलोत का पुरानी पेंशन स्कीम पर नया बयान, कहा-सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा का कवच है ये स्कीम

रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों के लिए सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा का कवच है। प्रदेश के साढे पांच लाख कर्मचारियों के हित को देखते हुए राज्य सरकार ने फिर से पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme in rajasthan) लागू करने की घोषणा की। गहलोत ने कहा कि वर्ष 2004 में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को बंद करके नई पेंशन स्कीम लागू की थी। नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को सुरक्षा का गारंटी नहीं मिल रही थी। असुरक्षा की भावना के चलते कर्मचारी राजकीय सेवा में अपना दायित्व निभाने में असहज महसूस कर रहे थे।

जानिए, क्या अंतर है पुरानी और नई पेंशन योजना में?
वर्ष 2004 में पुरानी पेंशन योजना को बंद करके जो नई पेंशन योजना लागू की गई थी उसमें कर्मचारियों के मूल वेतन और महंगाई भत्ते से 10 प्रतिशत काटा जाता था। जबकि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों के वेतन से कोई अंशदान नहीं काटा जाता था। साथ ही पुरानी पेंशन योजना में सरकार द्वारा पेंशन दिए जाने की गारंटी थी। नवीन पेंशन योजना में पेंशन देने की सरकार की कोई गारंटी नहीं होती थी। इसमें शेयर मार्केट के आधार पर पेंशन तय होती थी। विश्व में किसी भी प्रकार की घटना के बाद शेयर मार्केट में उथल फुथल मच जाती है। ऐसे में कर्मचारियों में पेंशन को लेकर भय का माहौल रहता था।
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वेतन के आधार पर फिक्स की पुरानी पेंशन
पुरानी पेंशन योजना में अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलना निश्चित था जबकि 2004 से लागू हुई नवीन पेंशन योजना में कर्मचारी के अंतिम वेतन से कोई संबंध नहीं था। अनिश्चितता की भावना के कारण कर्मचारियों में संशय बना रहता था। पुरानी पेंशन योजना में 30 प्रतिशत तक पेंशन का रुपान्तरण भी होता था। अर्थात कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनकी पत्नी को पेंशन मिलती थी। नवीन पेंशन योजना में ऐसा कोई विकल्प नहीं था। साथ ही ग्रेच्युटी का प्रावधान भी शामिल नहीं था।

प्रदेश के साढे़ 5 लाख कर्मचारी खुश
पुरानी पेंशन स्कीम को पुन: लागू करने की घोषणा करने पर प्रदेश के साढे 5 लाख कर्मचारियों में खुशी की लहर है। हजारों कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री आवास पर आकर उनका आभार जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीन पेंशन योजना के कारण कई सेवानिवृत कर्मचारियों को जीवन यापन करने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। सेवानिवृत कर्मचारियों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है।

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