बंद मुट्ठी लाख की, भतीजे अजित को अपना बताकर बड़ा गेम कर गए शरद पवार ?

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बंद मुट्ठी लाख की, भतीजे अजित को अपना बताकर बड़ा गेम कर गए शरद पवार ?

बंद मुट्ठी लाख की, भतीजे अजित को अपना बताकर बड़ा गेम कर गए शरद पवार ?

मुंबई : पहले सुप्रिया सुले, इसके बाद उनके पिता ने शरद पवार ने एनसीपी में किसी तरह की टूट से इनकार किया है। अजित पवार के बारे में शरद पवार ने बारामती में कहा कि वह हमारे नेता है, पार्टी में किसी तरह का विभाजन नहीं हुआ। लोकतंत्र में पार्टी के नेता अलग रुख अपना सकते हैं। अजित पवार ने अलग रुख अपनाया है, जिसे विभाजन नहीं कहा जा सकता है। गुरुवार को शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने भी हू-ब-हू ऐसी प्रतिक्रिया दी थी। दोनों के बयानों के स्क्रिप्ट अचानक एक जैसी हो गई, यह महज संयोग नहीं है। मराठा राजनीति के चाणक्य ने 31 अगस्त से पहले बड़ा दांव खेला है। शरद पवार बयानों की एक तीर से कई निशाने साधने में माहिर भी हैं। अजित पवार के लिए आए बदलाव के पीछे भी उनकी सोची समझी तैयारी है। शरद पवार ने यह बयान अपने गढ़ बारामती में दिया है।

मोलतोल करने के लिए पावर तो चाहिए
31 अगस्त से 1 सितंबर तक मुंबई में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की बैठक होने वाली है। विपक्षी गठबंधन की बैठक से पहले वह खुद को मजबूत कर रहे हैं, ताकि सीट शेयरिंग और संयोजक बनाने में उनकी भूमिका बनी रहे। बैठक में वह ऐसे सेनापति नहीं दिखना चाहते हैं, जिसके पीछे फौज है ही नहीं। अगर ऐसा हुआ तो I.N.D.I.A.की बैठक में शरद पवार मोल-तोल नहीं कर पाएंगे। कांग्रेस पहले ही इंडिया में हावी होती जा रही है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की जोड़ी ने लगभग उन नेताओं साइड लाइन कर दिया है, जिन्होंने विपक्षी गठबंधन बनाने की अगुवाई की थी। एनसीपी में टूट के बाद शिवसेना और कांग्रेस ने महाराष्ट्र में विपक्ष की कमान संभाल ली है। 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान अगर एनसीपी को मनमाफिक हिस्सा चाहिए तो शरद पवार को न सिर्फ मजबूत दिखना होगा, बल्कि बनना भी होगा। एनडीए में गए अजित पवार और विधायकों के बिना यह संभव नहीं दिखता है। ऐसे समय पर पार्टी को लेकर विवाद भी शरद पवार की दावेदारी कमजोर कर सकती है।

ऐसा बयान जिससे भतीजा भी रहेगा पावरफुल
शरद पवार के हृदय परिवर्तन उस समय हुआ है, जब अजित पवार पार्टी के अन्य नेताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने चुनाव चिह्न पर भी दावा ठोंका है। हाल ही में अजित पवार ने अपने समर्थकों को हिदायत दी थी कि पार्टी के कार्यक्रमों में शरद पवार की तस्वीरों का उपयोग नहीं किया जाए। अजित पवार ने ये सारे फैसले भी अचानक नहीं लिए हैं। अभी तक अजित पवार खुले तौर से पांच-छह बार शरद पवार से मुलाकात कर चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि इन मुलाकातों में उन्होंने शरद पवार को एनडीए में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था, जिसे सीनियर पवार ने ठुकरा दिया। चर्चा है कि खुली मीटिंग के अलावा भी चाचा-भतीजे में कई स्तर पर गुप्त बैठक भी हुई है। मुलाकातों के बाद अजित पार्टी और सरकार के फैसले कर रहे हैं।

I.N.D.I.A. की बैठक के बाद खुलेंगे शरद के पत्ते
एनडीए में अपने हिस्सेदारी के लिए अजित पवार को भी मजबूती दिखानी है। शरद पवार के आशीर्वाद के बिना अजित भी पावरफुल नहीं है। शरद पवार ने अब अजित को पार्टी के सीनियर नेता बताकर एनडीए में भतीजे की स्थिति मजबूत की है। शरद किधर हैं ? एनडीए या इंडिया में। अजित पवार पार्टी से जुड़े फैसले खुद ले रहे हैं तो बार-बार शरद से मीटिंग की जरूरत क्यों पड़ रही है। यह गलफत ही एनसीपी के दोनों खेमों को अपने-अपने गठबंधन में ताकत दे रही है। इंडिया की तीसरी मीटिंग के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल होने वाला है, जिसके मास्टरमाइंड शरद पवार ही होंगे। थोड़ा इंतजार करें, शायद शरद अगले महीने अपने पत्ते फेंक दें।

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