बंगाल हिंसा पर NHRC की रिपोर्ट, ‘सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों ने विरोधियों को सबक सिखाने के लिए की जबर्दस्त हिंसा’ h3>
हाइलाइट्स:
- हिंसा में लोगों पर हुए हमले, घर छोड़ने पर होना पड़ा मजबूर
- सबक सिखाने के मकसद से हिंसा को दिया गया अंजाम- NHRC रिपोर्ट
- हार पचा नहीं पाई है बीजेपी..इसलिए अपना रही ऐसे हथकंडे-ममता
कोलकाता
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की जांच करने वाले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की समिति ने कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में राज्य में स्थिति को ‘कानून के शासन की जगह शासक के शासन का प्रदर्शन’ करार देते हुए ‘हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों’ की सीबीआई जांच कराए जाने की सिफारिश की है। वहीं सीएम ममता बनर्जी ने भी रिपोर्ट लीक करने को लेकर एनएचआरसी पर पलटवार किया है।
NHRC ने बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह मुख्य विपक्षी दल के समर्थकों के खिलाफ सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों द्वारा बदले की हिंसा थी। इसके नतीजे से हजारों लोगों के जीवन और आजीविका में मुश्किलें उत्पन्न हुईं और आर्थिक रूप से उनका गला घोंट दिया गया।
हत्या, रेप जैस जघन्य अपराधों के लिए CBI करे जांच
अदालत को 13 जून को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘समिति ने सिफारिश की है कि हत्या, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों को जांच के लिए सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए और इन मामलों में मुकदमा राज्य से बाहर चलना चाहिए।’
हिंसा में लोगों पर हुए हमले, घर छोड़ने पर होना पड़ा मजबूर
हाईकोर्ट में दायर कई जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा में लोगों पर हमले किए गए जिसकी वजह से उन्हें अपने घर छोड़ने पड़े और उनकी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया।
‘सभी मामलों के राज्य से बाहर चलें मुकदमें’
हाई कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ के निर्देश पर एनएचआरसी अध्यक्ष द्वारा गठित समिति ने यह भी कहा कि इन मामलों में मुकदमे राज्य से बाहर चलने चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसक घटनाओं का विश्लेषण पीड़ितों की पीड़ा के प्रति राज्य सरकार की भयावह निष्ठुरता को दर्शाता है।
सबक सिखाने के मकसद से हिंसा को दिया गया अंजाम
एनएचआरसी की समिति ने अपनी बेहद तल्ख टिप्पणी में कहा, ‘सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों द्वारा यह हिंसा मुख्य विपक्षी दल के समर्थकों को सबक सिखाने के लिए की गई।’
ममता बनर्जी ने NHRC पर किया पलटवार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘अदालत का अपमान’करने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘राजनीतिक बदला लेने’ के लिए राज्य में चुनाव के बाद कथित हिंसा संबंधी अपनी रिपोर्ट मीडिया में लीक करने को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की बृहस्पतिवार को निंदा की।
‘बीजेपी राजनीतिक बदला लेने मकसद से कर रही साजिश’
ममता बनर्जी ने राज्य सरकार के विचार जाने बिना एनएचआरसी के निष्कर्ष पर पहुंचने को लेकर हैरानी जताई। उन्होंने यहां कहा, ‘बीजेपी अब हमारे राज्य की छवि खराब करने और राजनीतिक बदला लेने के लिए निष्पक्ष एजेंसियों का सहारा ले रही है।
बंगाल में कबतक हिंसा? बीजेपी विधायक पर हमला, डरा देंगी ये तस्वीरें
‘हार पचा नहीं पाई है बीजेपी..इसलिए अपना रही ऐसे हथकंडे’
ममता बनर्जी ने कहा, एनएचआरसी को अदालत का सम्मान करना चाहिए था। मीडिया में रिपोर्ट के निष्कर्ष लीक करने के बजाय, उसे पहले इसे अदालत में दाखिल करना चाहिए था।’ ‘आप इसे बीजीपी के राजनीतिक बदले के अलावा और क्या कहेंगे? वह (विधानसभा चुनाव में) अब भी हार पचा नहीं पाई है और इसी लिए पार्टी इस तरह के हथकंडे अपना रही है।’
हाइलाइट्स:
- हिंसा में लोगों पर हुए हमले, घर छोड़ने पर होना पड़ा मजबूर
- सबक सिखाने के मकसद से हिंसा को दिया गया अंजाम- NHRC रिपोर्ट
- हार पचा नहीं पाई है बीजेपी..इसलिए अपना रही ऐसे हथकंडे-ममता
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की जांच करने वाले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की समिति ने कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में राज्य में स्थिति को ‘कानून के शासन की जगह शासक के शासन का प्रदर्शन’ करार देते हुए ‘हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों’ की सीबीआई जांच कराए जाने की सिफारिश की है। वहीं सीएम ममता बनर्जी ने भी रिपोर्ट लीक करने को लेकर एनएचआरसी पर पलटवार किया है।
NHRC ने बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह मुख्य विपक्षी दल के समर्थकों के खिलाफ सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों द्वारा बदले की हिंसा थी। इसके नतीजे से हजारों लोगों के जीवन और आजीविका में मुश्किलें उत्पन्न हुईं और आर्थिक रूप से उनका गला घोंट दिया गया।
हत्या, रेप जैस जघन्य अपराधों के लिए CBI करे जांच
अदालत को 13 जून को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘समिति ने सिफारिश की है कि हत्या, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों को जांच के लिए सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए और इन मामलों में मुकदमा राज्य से बाहर चलना चाहिए।’
हिंसा में लोगों पर हुए हमले, घर छोड़ने पर होना पड़ा मजबूर
हाईकोर्ट में दायर कई जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा में लोगों पर हमले किए गए जिसकी वजह से उन्हें अपने घर छोड़ने पड़े और उनकी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया।
‘सभी मामलों के राज्य से बाहर चलें मुकदमें’
हाई कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ के निर्देश पर एनएचआरसी अध्यक्ष द्वारा गठित समिति ने यह भी कहा कि इन मामलों में मुकदमे राज्य से बाहर चलने चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसक घटनाओं का विश्लेषण पीड़ितों की पीड़ा के प्रति राज्य सरकार की भयावह निष्ठुरता को दर्शाता है।
सबक सिखाने के मकसद से हिंसा को दिया गया अंजाम
एनएचआरसी की समिति ने अपनी बेहद तल्ख टिप्पणी में कहा, ‘सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों द्वारा यह हिंसा मुख्य विपक्षी दल के समर्थकों को सबक सिखाने के लिए की गई।’
ममता बनर्जी ने NHRC पर किया पलटवार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘अदालत का अपमान’करने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘राजनीतिक बदला लेने’ के लिए राज्य में चुनाव के बाद कथित हिंसा संबंधी अपनी रिपोर्ट मीडिया में लीक करने को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की बृहस्पतिवार को निंदा की।
‘बीजेपी राजनीतिक बदला लेने मकसद से कर रही साजिश’
ममता बनर्जी ने राज्य सरकार के विचार जाने बिना एनएचआरसी के निष्कर्ष पर पहुंचने को लेकर हैरानी जताई। उन्होंने यहां कहा, ‘बीजेपी अब हमारे राज्य की छवि खराब करने और राजनीतिक बदला लेने के लिए निष्पक्ष एजेंसियों का सहारा ले रही है।
बंगाल में कबतक हिंसा? बीजेपी विधायक पर हमला, डरा देंगी ये तस्वीरें
‘हार पचा नहीं पाई है बीजेपी..इसलिए अपना रही ऐसे हथकंडे’
ममता बनर्जी ने कहा, एनएचआरसी को अदालत का सम्मान करना चाहिए था। मीडिया में रिपोर्ट के निष्कर्ष लीक करने के बजाय, उसे पहले इसे अदालत में दाखिल करना चाहिए था।’ ‘आप इसे बीजीपी के राजनीतिक बदले के अलावा और क्या कहेंगे? वह (विधानसभा चुनाव में) अब भी हार पचा नहीं पाई है और इसी लिए पार्टी इस तरह के हथकंडे अपना रही है।’