फॉक्सकॉन उत्तर प्रदेश में 300 एकड़ जमीन खरीद रही: यमुना एक्सप्रेसवे के पास बनाएगी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट, कंपनी एपल प्रोडक्ट्स सप्लाई करती है

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फॉक्सकॉन उत्तर प्रदेश में 300 एकड़ जमीन खरीद रही:  यमुना एक्सप्रेसवे के पास बनाएगी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट, कंपनी एपल प्रोडक्ट्स सप्लाई करती है

फॉक्सकॉन उत्तर प्रदेश में 300 एकड़ जमीन खरीद रही: यमुना एक्सप्रेसवे के पास बनाएगी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट, कंपनी एपल प्रोडक्ट्स सप्लाई करती है

लखनऊ2 घंटे पहले

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एपल के लिए आइफोन, आइपैड और मैक बुक जैसे प्रोडक्ट्स असेंबल करने वाली कंपनी फॉक्सकॉन उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 300 एकड़ जमीन खरीदने जा रही है।

यमुना एक्सप्रेसवे के पास इस जमीन पर कंपनी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट बनाएगी। यह फॉक्सकॉन का उत्तर भारत में पहला प्लांट होगा और बेंगलुरु में बनी मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी बड़ी होगी। उम्मीद है यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्लांट हो सकता है।

आज यानी सोमवार, 14 अप्रैल को इकोनॉमिक टाइम्स ने यह जानकारी दी है। रिपोर्ट ऐसे समय में आया है, जब ताइवान की कंपनी और एपल चीन पर लगाए गए टैरिफ से बचने के लिए भारत में सप्लाई चेन बनाने पर विचार कर रहे हैं।

नए प्लांट में कंपनी क्या बनाएगी यह तय नहीं

रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी इसको लेकर सरकार के साथ बातचीत कर रही है। फिलहाल यह तय नहीं है कि इस मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी में क्या बनेगा। यह जमीन HCL-फॉक्सकॉन के सेमीकंडक्टर बनाने वाली 50 एकड़ के प्लांट के पास है, जो एचसीएल-फॉक्सकॉन के सेमीकंडक्टर असेंबली सुविधा के लिए 50 एकड़ के प्लांट के करीब है।

मार्च में, यह बताया गया था कि सरकार भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM)के पहले चरण के तहत पेंडिंग सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स के लिए प्रपोजल्स के अगले सेट को मंजूरी देने के अंतिम चरण में है।

25 साल से एपल-फॉक्सकॉन कर रहे काम

अमेरिकी कंपनी एपल और ताइवान कंपनी फॉक्सकॉन के बीच लंबे समय से पार्टनरशिप है। 2000 के दशक की शुरुआत से, ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन एपल की प्रायमरी सप्लायर रही है, जो आइफोन, आइपैड और मैक बुक जैसे प्रोडक्स्ट्स असेंबल करती है।

दोनों की साझेदारी में एपल सॉफ्टवेयर और डिजाइन पर फोकस कर पाती है। जबकि फॉक्सकॉन हाई वॉल्यूम और प्रिसिजन मैन्यूफैक्चरिंग को संभालती है।

आइफोन का बड़ा हिस्सा फॉक्सकॉन के झेंग्झौ प्लांट में बनता है, जिसके चलते इसे आइफोन सिटी कहा जाता है। कंपनी जब मैक्सिमम कैपेसिटी में काम करती है तो रोजाना 500,000 आइफोन असेंबल कर सकता है।

भारत सरकार की PLI स्कीम का हिस्सा एपल

एपल के तीनों कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर भारत सरकार की 41,000 करोड़ रुपए की प्रोडक्शन-लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (PLI) का हिस्सा हैं। इस स्कीम के बाद ही भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आई है। 2020 में भारत सरकार ने PLI Scheme को लॉन्च किया था। इस स्कीम से बाहर के देशों की कंपनीज को मौका मिलता है कि वो लोकल मैन्युफैक्चरिंग का फायदा उठा सकें, साथ ही उस पर इन्सेंटिव भी कमा सकें।

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एपल ने मार्च के आखिरी हफ्ते में सिर्फ तीन दिनों में भारत से आईफोन और अन्य उत्पादों से भरे पांच विमानों को अमेरिका पहुंचाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन द्वारा लागू किए गए रेसिप्रोकल टैरिफ से बचने के लिए ये शिपमेंट किए गए हैं।

कुछ मीडिया रिपोरट्स ने एक सीनियर भारतीय अधिकारी के हवाले से इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से ये भी कहा कि टैरिफ के बावजूद एपल की भारत या अन्य बाजारों में रिटेल कीमतें बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।

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