फिर सामने आया अंदरूनी कलह, वसुंधरा राजे बोली- बेटे दुष्यंत पर हमला हुआ, तब क्यों मौन था संगठन

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फिर सामने आया अंदरूनी कलह, वसुंधरा राजे बोली- बेटे दुष्यंत पर हमला हुआ, तब क्यों मौन था संगठन

फिर सामने आया अंदरूनी कलह, वसुंधरा राजे बोली- बेटे दुष्यंत पर हमला हुआ, तब क्यों मौन था संगठन

जयपुर
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की अंदरुनी कलह एक बार फिर उगाजर हुई है। कहने को तो पार्टी के नेता एकजुट बताए जाते हैं लेकिन बयानों और चुप्पी से पार्टी की अंतर्कलह सबके सामने आ गई है। बजट सत्र शुरू होने के पहले मंगलवार सुबह 11 बजे विधानसभा में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में वसुंधरा राजे की नाराजगी साफ नजर आई।

राजे ने पूनिया से नजरें तक नहीं मिलाई
राजे ने खुलकर कह दिया कि उनके बेटे और सांसद दु्ष्यंत के आवास पर हुए हमले के दौरान पार्टी के नेता चुप थे और अब पूनिया को काले झंडे दिखाए तो पार्टी ने मुद्दा बना लिया। बैठक के बाद पार्टी के सभी विधायकों ने जेएलएन मार्ग स्थित महात्मा गांधी सर्किल पर REET-2021 में हुई धांधली के खिलाफ धरना दिया। वसुंधरा राजे इस धरने में शामिल तो हुई लेकिन वे चुपचाप बैठी रहीं। राजे ने सतीश पूनिया से नजरें तक नहीं मिलाई।

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दुष्यंत कुमार के आवास पर हुए हमले पर चुप्पी और पूनिया को काले झंडे दिखाना बना मुद्दा…!
आज 9 फरवरी बुधवार से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। सदन में सरकार को किन किन मुद्दों पर घेरना है। इसकी रणनीति बनाने के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में REET-2021 पेपर लीक प्रकरण और बूंदी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की गाड़ी रुकवा कर काले झंडे दिखाते हुए नारेबाजी करने के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जा रही थी।

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कहा कि कुछ दिनों पहले उपचुनाव के परिणाम के दौरान जब उनके बेटे और सांसद दुष्यंत सिंह के आवास पर हमला हुआ तो पार्टी के नेता चुप क्यों थे। यानी उनके बेटे पर हुए हमले के दौरान सब नेता चुप थे और अब सतीश पूनिया पर हमला हुआ तो पार्टी ने मुद्दा बना लिया। इसी बात को लेकर वसुंधरा राजे ने खुलकर नाराजगी जाहिर की। बाद में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सफाई देते हुए कहने लगे कि उन्होंने घटना की निंदा करते हुए बयानजारी किया था।

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सतीश पूनिया के साथ पहली बार धरने पर बैठी वसुंधरा राजे
करीब दो साल पहले सतीश पूनिया को भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। तब से लेकर अब तक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे किसी सार्वजनिक कार्यक्रम या धरने पर सतीश पूनिया के साथ नजर नहीं आई। मंगलवार 8 फरवरी को REET-2021 पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर भाजपा विधायकों की ओर से महात्मा गांधी सर्किल पर धरना दिया गया। इस धरने में करीब 60 विधायक मौजूद रहे।

राजे धरने पर तो बैठी, लेकिन नाराजगी साफ दिखी
वसुंधरा राजे भी पहली बार सतीश पूनिया के साथ धरने पर बैठी। इस दौरान राजे की नाराजगी साफ देखी जा रही थी। धरने में पूरे समय पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और सतीश पूनिया के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। यहां तक कि दोनों ने एक दूसरे से नजर तक नहीं मिलाई। सतीश पूनिया, गुलाबचंद कटारिया, राजेन्द्र राठौड़ और कुछ विधायकों ने धरने को संबोधित किया लेकिन वसुंधरा राजे ने भाषण नहीं दिया।
रिपोर्ट- रामस्वरूप लामरोड़

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