फर्जी दस्तावेजों से कर्जे का खेल, नोटिस मिलने पर होता है खुलासा | loan game with fake documents, | Patrika News h3>
पर्सनल, बाइक, कार और मकान लोन के नाम पर फंस रहे लोग ऐसे समझें
जबलपुर
Published: September 02, 2022 11:26:55 am
जबलपुर . पाटन में श्रीसांई ऑटोमोबाइल की ओर से निजी फाइनेंस कम्पनियों के कर्मचारियों से मिलीभगत कर ग्रामीणों के दस्तावेजों के आधार पर वाहन फाइनेंस करवाने और उन्हें खुर्दबुर्द करने का मामला सामने आया है। शहर में इस तरह के कई और फर्जीवाड़े चल रहे हैं। कहीं निजी फाइनेंस और बैंक कर्मचारियों की मदद से चार पहिया वाहन खरीदे बेचे जा रहे हैं, तो कहीं चार पहिया वाहनों तक यह खेल पहुंच गया है। सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा पर्सनल लोन में हो रहा है। जिसमें दस्तावेजों में जमकर हेरफेर किया जा रहा है। इस पूरे खेल में भोले-भाले और मासूम लोग फंस रहे हैं।
मकान या प्राॅपर्टी-
मकान या प्राॅपर्टी खरीदने और बेचने के लिए भी एक बड़ा रैकेट शहर में काम कर रहा है। रैकेट के गुर्गे पहले तो छोटे इलाकों में रहने वाले के दस्तावेज लेते हैं। फिर शुरू होता है मकान या प्राॅपर्टी फाइनेंस करवाने का खेल। रैकेट का सरगना फाइनेंस कम्पनी के कर्मचारियों से सांठगांठ कर लोगों के नाम पर मकान या प्राॅपर्टी फाइनेंस करवाता है। इसमें से कुछ रकम लोगों को दी जाती है और बाकी की रकम हजम कर ली जाती है।
पर्सनल लोन-
प्रायवेट फाइनेंस कंपनियों से फर्जी नामों पर पर्सलन लोन लेने का धंधा चल रह है। सरगना पहले तो लोगों के नाम पर बैंक अकाउंट खुलवाते हैं और फिर उन्हें किसी कम्पनी का कर्मचारी बता देते हैं। इसके बाद उनका बैंक स्टेटमेंट बनाया जाता है। जिसके आधार पर प्रायवेट फाइनेंस कंपनियों से पर्सलन लोन ले लिया जाता है। इसमें भी कुछ हिस्सा दस्तावेज देने वाले को मिलता है।
चार पहिया वाहन-
चार पहिया वाहनों को भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खरीदने और बेचने के साथ उनके पुराने हो जाने पर कटवाने का खेल जमकर चल रहा है। यह वाहन भी दूसरों के दस्तावेजों पर फाइनेंस कम्पनियों के कर्मचारियों की मदद से खरीदे जा रहे हैं।
नोटिस मिलने पर होता है खुलासा
ग्रामीण और बस्तियों के लोगों को इस गिरोह के लोग पहले बातों में फंसाते हैं और फिर उनके दस्तावेज ऐंठ लेते हैं। वाहन, प्राॅपर्टी और पर्सलन लोन की किश्त जब जमा नहीं होती, तो लोगों के पास कम्पनी की ओर से जब नोटिस भेजा जाता है, तब उन्हें ठगे जाने का पता चलता है। वे कम्पनी में पहुंचते हैं, तो पता चलता है कि उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग हुआ है।
वर्जन
पुलिस की ओर से धोखाधड़ी के मामलों की जांच कर उचित कार्रवाई की जा रही है। यदि कोई ऐसी घटना का शिकार हुआ है, तो वह नजदीकी थाने या आला अधिकारियों के पास मामले की शिकायत कर सकता है, मामले में तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
गोपाल खाण्डेल, एएसपी
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पर्सनल, बाइक, कार और मकान लोन के नाम पर फंस रहे लोग ऐसे समझें
जबलपुर
Published: September 02, 2022 11:26:55 am
जबलपुर . पाटन में श्रीसांई ऑटोमोबाइल की ओर से निजी फाइनेंस कम्पनियों के कर्मचारियों से मिलीभगत कर ग्रामीणों के दस्तावेजों के आधार पर वाहन फाइनेंस करवाने और उन्हें खुर्दबुर्द करने का मामला सामने आया है। शहर में इस तरह के कई और फर्जीवाड़े चल रहे हैं। कहीं निजी फाइनेंस और बैंक कर्मचारियों की मदद से चार पहिया वाहन खरीदे बेचे जा रहे हैं, तो कहीं चार पहिया वाहनों तक यह खेल पहुंच गया है। सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा पर्सनल लोन में हो रहा है। जिसमें दस्तावेजों में जमकर हेरफेर किया जा रहा है। इस पूरे खेल में भोले-भाले और मासूम लोग फंस रहे हैं।
मकान या प्राॅपर्टी-
मकान या प्राॅपर्टी खरीदने और बेचने के लिए भी एक बड़ा रैकेट शहर में काम कर रहा है। रैकेट के गुर्गे पहले तो छोटे इलाकों में रहने वाले के दस्तावेज लेते हैं। फिर शुरू होता है मकान या प्राॅपर्टी फाइनेंस करवाने का खेल। रैकेट का सरगना फाइनेंस कम्पनी के कर्मचारियों से सांठगांठ कर लोगों के नाम पर मकान या प्राॅपर्टी फाइनेंस करवाता है। इसमें से कुछ रकम लोगों को दी जाती है और बाकी की रकम हजम कर ली जाती है।
पर्सनल लोन-
प्रायवेट फाइनेंस कंपनियों से फर्जी नामों पर पर्सलन लोन लेने का धंधा चल रह है। सरगना पहले तो लोगों के नाम पर बैंक अकाउंट खुलवाते हैं और फिर उन्हें किसी कम्पनी का कर्मचारी बता देते हैं। इसके बाद उनका बैंक स्टेटमेंट बनाया जाता है। जिसके आधार पर प्रायवेट फाइनेंस कंपनियों से पर्सलन लोन ले लिया जाता है। इसमें भी कुछ हिस्सा दस्तावेज देने वाले को मिलता है।
चार पहिया वाहन-
चार पहिया वाहनों को भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खरीदने और बेचने के साथ उनके पुराने हो जाने पर कटवाने का खेल जमकर चल रहा है। यह वाहन भी दूसरों के दस्तावेजों पर फाइनेंस कम्पनियों के कर्मचारियों की मदद से खरीदे जा रहे हैं।
नोटिस मिलने पर होता है खुलासा
ग्रामीण और बस्तियों के लोगों को इस गिरोह के लोग पहले बातों में फंसाते हैं और फिर उनके दस्तावेज ऐंठ लेते हैं। वाहन, प्राॅपर्टी और पर्सलन लोन की किश्त जब जमा नहीं होती, तो लोगों के पास कम्पनी की ओर से जब नोटिस भेजा जाता है, तब उन्हें ठगे जाने का पता चलता है। वे कम्पनी में पहुंचते हैं, तो पता चलता है कि उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग हुआ है।
वर्जन
पुलिस की ओर से धोखाधड़ी के मामलों की जांच कर उचित कार्रवाई की जा रही है। यदि कोई ऐसी घटना का शिकार हुआ है, तो वह नजदीकी थाने या आला अधिकारियों के पास मामले की शिकायत कर सकता है, मामले में तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
गोपाल खाण्डेल, एएसपी
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