प्लॉट के लिए संघर्ष कर रहे बुजुर्ग बोले – जीवन के नाजुक दौर में हूं… मेरी मदद करो | Elders fighting for the right | Patrika News h3>
राजगृही कॉलोनी के पीडि़त प्लॉटधारी बुजुर्ग ने लगाई जिला प्रशासन से गुहार, बोले- 16 साल से इंदौर-अहमदाबाद एक कर रहा हूं
इंदौर
Published: April 21, 2022 11:23:44 am
इंदौर। जमीन के जालसाज बॉबी छाबड़ा के कब्जे वाली जागृति गृह निर्माण संस्था की राजगृही कॉलोनी के सदस्य आज भी प्लॉटों को लेकर दर-दर भटक रहे हैं। अहमदाबाद बेटे के पास रहने पहुंचे 66 साल के बुजुर्ग ने जिला प्रशासन
से न्याय की गुहार लगाई है। कहना है कि मैं जीवन के नाजुक दौर में हूं..मेरी मदद करो।
प्लॉट के लिए संघर्ष कर रहे बुजुर्ग बोले – जीवन के नाजुक दौर में हूं… मेरी मदद करो
ये गुहार राम अवतार पिता प्रेमचंद सोनी हाल मुकाम अहमदाबाद ने लगाई है। कहना है कि मैंने 2005 में जागृति गृह निर्माण संस्था की राजगृही कॉलोनी में एक प्लॉट लिया था। जिसके लिए सारी जमा पूंजी लगा दी थी। उसके लिए चोइथराम हॉस्पिटल की एसबीआई ब्रांच से 15 लाख का लोन भी कराया था। स्वीकृत होने के बाद में बैंक को पता चला कि कॉलोनी विवादित है तो एक साथ सारे पैसे मांग लिए। जैसे-तैसे पैसे इकट्ठा करके बैंक को लौटाए। 2014 में प्लॉट देने का सपना दिखाया गया और 40 हजार रुपए फिर लिए गए कहना था कि अफसरों को पैसा पहुंचाना है। मुझे बकायदा उसकी रसीद भी दी गई।
सोनी ने चर्चा में बताया कि मैं बीमार रहता हूं। 14 साल पहले मुझे ब्रेन ट्यूमर हुआ था। एक ऑपरेशन उस समय हुआ और दूसरा हाल ही में हुआ था। इसके साथ मेरी उम्र भी काफी कम हो गई है। इसके बावजूद मैं 16 साल से अहमदबाद -इंदौर एक कर रहा हूं। आने-जाने में मेरा काफी पैसा और समय खर्च होता है, लेकिन आज तक कोई निराकरण नहीं हुआ है। आपसे हाथ जोड़कर निवेदन कर रहा हूं कि मेरे जीवन में इस नाजुक समय में मेरी मदद करें और मेरा प्लॉट दिलवाएं ताकि मैं जीते जी अपने सपने को साकार होता देख लूं। गौरतलब है कि सोनी अपने बेटे के यहां अहमदाबाद रहते हैं जो कि नौकरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है।
नहीं सुलझी गुत्थी
राजगृही कॉलोनी में बॉबी छाबड़ा का सीधा हस्तक्षेप है। कलेक्टर मनीष सिंह ने डेढ़ साल पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश पर जब एंटी माफिया मुहिम शुरू की थी तो राजगृही के सदस्यों को भी प्लॉट देने की तैयारी थी। जांच की जिम्मेदारी तेजतर्रार एसडीएम प्रतुल्ल सिन्हा को सौंपी थी जिन्होंने बारीकी से सारे पहलुओं को निकालकर रिपोर्ट तैयार कर ली थी। उस बीच सहकारिता के आला अफ सरों ने एक आदेश कर दिया जिससे सारी मुहिम ठंडी पड़ गई। सदस्यों को प्लॉट मिलने की उम्मीद टूटती जा रही है।
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राजगृही कॉलोनी के पीडि़त प्लॉटधारी बुजुर्ग ने लगाई जिला प्रशासन से गुहार, बोले- 16 साल से इंदौर-अहमदाबाद एक कर रहा हूं
इंदौर
Published: April 21, 2022 11:23:44 am
इंदौर। जमीन के जालसाज बॉबी छाबड़ा के कब्जे वाली जागृति गृह निर्माण संस्था की राजगृही कॉलोनी के सदस्य आज भी प्लॉटों को लेकर दर-दर भटक रहे हैं। अहमदाबाद बेटे के पास रहने पहुंचे 66 साल के बुजुर्ग ने जिला प्रशासन
से न्याय की गुहार लगाई है। कहना है कि मैं जीवन के नाजुक दौर में हूं..मेरी मदद करो।
प्लॉट के लिए संघर्ष कर रहे बुजुर्ग बोले – जीवन के नाजुक दौर में हूं… मेरी मदद करो
ये गुहार राम अवतार पिता प्रेमचंद सोनी हाल मुकाम अहमदाबाद ने लगाई है। कहना है कि मैंने 2005 में जागृति गृह निर्माण संस्था की राजगृही कॉलोनी में एक प्लॉट लिया था। जिसके लिए सारी जमा पूंजी लगा दी थी। उसके लिए चोइथराम हॉस्पिटल की एसबीआई ब्रांच से 15 लाख का लोन भी कराया था। स्वीकृत होने के बाद में बैंक को पता चला कि कॉलोनी विवादित है तो एक साथ सारे पैसे मांग लिए। जैसे-तैसे पैसे इकट्ठा करके बैंक को लौटाए। 2014 में प्लॉट देने का सपना दिखाया गया और 40 हजार रुपए फिर लिए गए कहना था कि अफसरों को पैसा पहुंचाना है। मुझे बकायदा उसकी रसीद भी दी गई।
सोनी ने चर्चा में बताया कि मैं बीमार रहता हूं। 14 साल पहले मुझे ब्रेन ट्यूमर हुआ था। एक ऑपरेशन उस समय हुआ और दूसरा हाल ही में हुआ था। इसके साथ मेरी उम्र भी काफी कम हो गई है। इसके बावजूद मैं 16 साल से अहमदबाद -इंदौर एक कर रहा हूं। आने-जाने में मेरा काफी पैसा और समय खर्च होता है, लेकिन आज तक कोई निराकरण नहीं हुआ है। आपसे हाथ जोड़कर निवेदन कर रहा हूं कि मेरे जीवन में इस नाजुक समय में मेरी मदद करें और मेरा प्लॉट दिलवाएं ताकि मैं जीते जी अपने सपने को साकार होता देख लूं। गौरतलब है कि सोनी अपने बेटे के यहां अहमदाबाद रहते हैं जो कि नौकरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है।
नहीं सुलझी गुत्थी
राजगृही कॉलोनी में बॉबी छाबड़ा का सीधा हस्तक्षेप है। कलेक्टर मनीष सिंह ने डेढ़ साल पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश पर जब एंटी माफिया मुहिम शुरू की थी तो राजगृही के सदस्यों को भी प्लॉट देने की तैयारी थी। जांच की जिम्मेदारी तेजतर्रार एसडीएम प्रतुल्ल सिन्हा को सौंपी थी जिन्होंने बारीकी से सारे पहलुओं को निकालकर रिपोर्ट तैयार कर ली थी। उस बीच सहकारिता के आला अफ सरों ने एक आदेश कर दिया जिससे सारी मुहिम ठंडी पड़ गई। सदस्यों को प्लॉट मिलने की उम्मीद टूटती जा रही है।
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