पॉलिसी पैरालिसिस और घोटालों में चला गया युवाओं का एक दशक : मोदी | pm narendra modi says to startup | Patrika News h3>
इंदौर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी का नाम लिए पूर्ववर्ती केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि युवाओं के पास विचार थे, लेकिन उनका एक दशक पॉलिसी पैरालिसिस, घोटालों और भाई-भतीजावाद की भेंट चढ़ गया। 8 साल पहले जिस स्टार्टअप शब्द की चर्चा भी नहीं होती थी, वह आज युवाओं के बीच उनकी रोजमर्रा की समस्याओं को सुलझाने का विषय बन गया है। आज हर 8 से 10 दिन में हमारा एक स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन रहा है। प्रधानमंत्री शुक्रवार को मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति के विमोचन समारोह में वर्चुअली शामिल होकर संबोधित कर रहे थे। मोदी ने इंदौर के युवाओं को नया टास्क देते हुए इंदौर जिले को जैविक या प्राकृतिक खेती का उदाहरण बनाने के लिए कहा।
ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने करीब 27 मिनट प्रदेश के युवाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, हमारे युवाओं के पास आइडिया और इनोवेशन की ललक थी, लेकिन नीतिकर्ताओं ने इस पर ध्यान नहीं दिया। हमने युवाओं की इस ललक को नई दिशा दी। रोडमैप तैयार कर, पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर व पॉलिसी सपोर्ट देकर स्टार्टअप इंडिया अभियान की शुरुआत की। आज स्टार्टअप क्रांति इस अमृत काल की पहचान बन गई। हम सिर्फ आइटी तक सीमित नहीं हैं। प्रोडक्ट आधारित हमारे स्टार्टअप की चर्चा दुनिया कर रही है। इसका बड़ा श्रेय हेकाथॉन को जाता है।
कंप्यूटर का खेल नहीं स्टार्टअप मोदी ने कहा, स्टार्टअप से भ्रम हो जाता था कि यह नौजवानों का कंप्यूटर पर कोई खेल है। हकीकत में इसका दायरा बड़ा है। यह कठिन चुनौतियों का समाधान दे रहे हैं। मल्टीनेशनल कंपनियां बन रही हैं। एक सप्ताह में शून्य से 7 हजार करोड़ की कीमत हासिल करना कठिन काम है, लेकिन हमारे युवा इसे करके दिखा रहे हैं। देश में 70 हजार स्टार्टअप हैं, जो 2014 में 100 भी नहीं थे।
पांच हफ्ते में तैयार की स्टार्टअप पॉलिसी: शिवराज कार्यक्रम के लिए दोपहर बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इंदौर पहुंचे। उन्होंने स्टार्टअप लाने वाले युवाओं से बात की। वे बोले, हमने पांच हफ्ते में युवाओं के सुझाव से स्टार्टअप नीति तैयार की। हमारा उद्देश्य हर जिले को स्टार्टअप हब बनाना है। इसके लिए हम स्टार्टअप सेंटर और आइहब बनाने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निवेशकों और उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश में 26 जनवरी 2022 से आज तक स्टार्टअप में 700 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। इसे हम हजारों करोड़ में बदलना चाहते हैं। इसके लिए आप सब अपने विचार दें, जिससे हम स्टार्टअप पॉलिसी को और बेहतर करने के लिए प्रयास करें। स्टार्टअप कॉन्क्लेव के तहत आयोजित प्रदर्शनी का सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने उद्घाटन किया। इस दौरान सांसद शंकर लालवानी, आइडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, उद्योग विभाग के सचिव पी. नरहरि, संचालक विशेष गढ़पाले भी मौजूद थे। केंद्रीय सचिव अनुराग जैन ने कहा, स्टार्टअप ने सरकार व युवाओं का नजरिया बदल दिया है। बेंगलूरु, दिल्ली हमसे बहुत आगे हैं। पेटेंट रजिस्ट्रेशन में भी हम पीछे हैं।
तीन स्टार्टअप संचालकों से मोदी की चर्चा और सवाल-जवाब 1. शाॅप किराना के तनुतेजस से कहा-स्ट्रीट वेंडर के लिए बनाएं स्टार्टअप पीएम – तनुजी नमस्ते, यह कल्पना कहां से आई?तनु – मेरे पार्टनर के पिताजी की किराना दुकान पर समान लाने के लिए आने वाली समस्या को देखकर।
पीएम – क्या-क्या चुनौतियां आईं?तनु – छोटे किराना दुकान वालों को तकनीकी रूप से तैयार करने में मेहनत करनी पड़ी। वे इसके उपयोग के लिए तैयार नहीं थे। पीएम – स्ट्रीट वेंडर के लिए डिजिटल प्लेटफाॅर्म ला सकते हैं?तनु – हां, बनाया जा सकता है।
पीएम – तो इसे बनाकर दिखाओ। 2. ग्रामोफोन के तौसिफ खान से पूछा- इंदौर जिले को जैविक खेती का मॉडल बना सकते हैं? पीएम – क्या किसानी बैकग्राउंड से हैं?खान – हां, गांव का रहने वाला हूं।
पीएम – मिट्टी परीक्षण में सरकार की मदद कर सकते हैं?खान – हम मिट्टी परीक्षण का काम भी कर रहे हैं। परीक्षण के बाद किसानों को सुधार की सलाह दे रहे हैं। पीएम – क्या ऑर्गेनिक खेती को स्टार्टअप से प्रचारित कर इंदौर जिले को मॉडल बना सकते हैं?खान – किसान के सहयोग से इसे करना चाहेंगे।
3. उमंग डिजाइन प्रालि की उमंग श्रीधर से कहा- खादी को विदेशों में पहुंचाने पर करें काम पीएम – आइडिया कैसे आया? श्रीधर – ग्रामीण महिलाओं की समस्या देखकर।पीएम – महिलाओं में क्या बदलाव देखा?
श्रीधर – उनकी आय 300 प्रतिशत बढ़ गई। नई डिजाइन के साथ बेहतर उत्पाद बना रही हैं।पीएम – दुनियाभर में खादी को और कैसे पहुंचा सकते हैं, इस पर काम करेंगी आप? श्रीधर – अभी पांच देशों में जा रहे हैं। अब कोशिश करेंगे।
मोदी के सुझाव – एनर्जी, क्लाइमेट चेंज, हेल्थ केयर के क्षेत्र में स्टार्टअप बनाएं।- स्पोर्ट्स के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। – वनवासी भाइयों के खूबसूरत उत्पादों को बाजार दें।- खिलौना निर्माण के लिए स्टार्टअप का उपयोग करें।
इंदौर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी का नाम लिए पूर्ववर्ती केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि युवाओं के पास विचार थे, लेकिन उनका एक दशक पॉलिसी पैरालिसिस, घोटालों और भाई-भतीजावाद की भेंट चढ़ गया। 8 साल पहले जिस स्टार्टअप शब्द की चर्चा भी नहीं होती थी, वह आज युवाओं के बीच उनकी रोजमर्रा की समस्याओं को सुलझाने का विषय बन गया है। आज हर 8 से 10 दिन में हमारा एक स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन रहा है। प्रधानमंत्री शुक्रवार को मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति के विमोचन समारोह में वर्चुअली शामिल होकर संबोधित कर रहे थे। मोदी ने इंदौर के युवाओं को नया टास्क देते हुए इंदौर जिले को जैविक या प्राकृतिक खेती का उदाहरण बनाने के लिए कहा।
ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने करीब 27 मिनट प्रदेश के युवाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, हमारे युवाओं के पास आइडिया और इनोवेशन की ललक थी, लेकिन नीतिकर्ताओं ने इस पर ध्यान नहीं दिया। हमने युवाओं की इस ललक को नई दिशा दी। रोडमैप तैयार कर, पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर व पॉलिसी सपोर्ट देकर स्टार्टअप इंडिया अभियान की शुरुआत की। आज स्टार्टअप क्रांति इस अमृत काल की पहचान बन गई। हम सिर्फ आइटी तक सीमित नहीं हैं। प्रोडक्ट आधारित हमारे स्टार्टअप की चर्चा दुनिया कर रही है। इसका बड़ा श्रेय हेकाथॉन को जाता है।
कंप्यूटर का खेल नहीं स्टार्टअप मोदी ने कहा, स्टार्टअप से भ्रम हो जाता था कि यह नौजवानों का कंप्यूटर पर कोई खेल है। हकीकत में इसका दायरा बड़ा है। यह कठिन चुनौतियों का समाधान दे रहे हैं। मल्टीनेशनल कंपनियां बन रही हैं। एक सप्ताह में शून्य से 7 हजार करोड़ की कीमत हासिल करना कठिन काम है, लेकिन हमारे युवा इसे करके दिखा रहे हैं। देश में 70 हजार स्टार्टअप हैं, जो 2014 में 100 भी नहीं थे।
पांच हफ्ते में तैयार की स्टार्टअप पॉलिसी: शिवराज कार्यक्रम के लिए दोपहर बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इंदौर पहुंचे। उन्होंने स्टार्टअप लाने वाले युवाओं से बात की। वे बोले, हमने पांच हफ्ते में युवाओं के सुझाव से स्टार्टअप नीति तैयार की। हमारा उद्देश्य हर जिले को स्टार्टअप हब बनाना है। इसके लिए हम स्टार्टअप सेंटर और आइहब बनाने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निवेशकों और उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश में 26 जनवरी 2022 से आज तक स्टार्टअप में 700 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। इसे हम हजारों करोड़ में बदलना चाहते हैं। इसके लिए आप सब अपने विचार दें, जिससे हम स्टार्टअप पॉलिसी को और बेहतर करने के लिए प्रयास करें। स्टार्टअप कॉन्क्लेव के तहत आयोजित प्रदर्शनी का सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने उद्घाटन किया। इस दौरान सांसद शंकर लालवानी, आइडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, उद्योग विभाग के सचिव पी. नरहरि, संचालक विशेष गढ़पाले भी मौजूद थे। केंद्रीय सचिव अनुराग जैन ने कहा, स्टार्टअप ने सरकार व युवाओं का नजरिया बदल दिया है। बेंगलूरु, दिल्ली हमसे बहुत आगे हैं। पेटेंट रजिस्ट्रेशन में भी हम पीछे हैं।
तीन स्टार्टअप संचालकों से मोदी की चर्चा और सवाल-जवाब 1. शाॅप किराना के तनुतेजस से कहा-स्ट्रीट वेंडर के लिए बनाएं स्टार्टअप पीएम – तनुजी नमस्ते, यह कल्पना कहां से आई?तनु – मेरे पार्टनर के पिताजी की किराना दुकान पर समान लाने के लिए आने वाली समस्या को देखकर।
पीएम – क्या-क्या चुनौतियां आईं?तनु – छोटे किराना दुकान वालों को तकनीकी रूप से तैयार करने में मेहनत करनी पड़ी। वे इसके उपयोग के लिए तैयार नहीं थे। पीएम – स्ट्रीट वेंडर के लिए डिजिटल प्लेटफाॅर्म ला सकते हैं?तनु – हां, बनाया जा सकता है।
पीएम – तो इसे बनाकर दिखाओ। 2. ग्रामोफोन के तौसिफ खान से पूछा- इंदौर जिले को जैविक खेती का मॉडल बना सकते हैं? पीएम – क्या किसानी बैकग्राउंड से हैं?खान – हां, गांव का रहने वाला हूं।
पीएम – मिट्टी परीक्षण में सरकार की मदद कर सकते हैं?खान – हम मिट्टी परीक्षण का काम भी कर रहे हैं। परीक्षण के बाद किसानों को सुधार की सलाह दे रहे हैं। पीएम – क्या ऑर्गेनिक खेती को स्टार्टअप से प्रचारित कर इंदौर जिले को मॉडल बना सकते हैं?खान – किसान के सहयोग से इसे करना चाहेंगे।
3. उमंग डिजाइन प्रालि की उमंग श्रीधर से कहा- खादी को विदेशों में पहुंचाने पर करें काम पीएम – आइडिया कैसे आया? श्रीधर – ग्रामीण महिलाओं की समस्या देखकर।पीएम – महिलाओं में क्या बदलाव देखा?
श्रीधर – उनकी आय 300 प्रतिशत बढ़ गई। नई डिजाइन के साथ बेहतर उत्पाद बना रही हैं।पीएम – दुनियाभर में खादी को और कैसे पहुंचा सकते हैं, इस पर काम करेंगी आप? श्रीधर – अभी पांच देशों में जा रहे हैं। अब कोशिश करेंगे।
मोदी के सुझाव – एनर्जी, क्लाइमेट चेंज, हेल्थ केयर के क्षेत्र में स्टार्टअप बनाएं।- स्पोर्ट्स के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। – वनवासी भाइयों के खूबसूरत उत्पादों को बाजार दें।- खिलौना निर्माण के लिए स्टार्टअप का उपयोग करें।