पेंटिंग के जरिए महिलाओं को बनाया जा रहा आत्मनिर्भर: ‘मिथिला सिल्क आर्ट’ नाम से प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत, नि:शुल्क दिया जा रहा प्रशिक्षण – Darbhanga News h3>
दरभंगा में भाजपा नेता मन्नू चौधरी और उनकी बहन रूबी चौधरी ने बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र के हनुमान नगर प्रखंड के पंचोभ गांव में महिलाओं और लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल शुरू की है। उन्होंने ‘मिथिला सिल्क आर्ट’ नाम से प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत की
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मन्नू चौधरी ने बताया कि उन्होंने ग्रामीण इलाकों की महिलाओं की परेशानियों को करीब से देखा है। इसी कारण उन्होंने यह पहल शुरू की। उनकी बहन रूबी चौधरी मिथिला आर्ट में प्रशिक्षित हैं। प्रशिक्षण के बाद महिलाएं साड़ी, चादर, पाग, कोहबर और अन्य सामग्री पर मिथिला पेंटिंग करती हैं। तैयार सामान को विभिन्न प्लेटफॉर्म पर बेचा जाएगा। जो भी मूल्य मिलेगा, वह पूरी तरह से महिलाओं को दिया जाएगा।
रूबी चौधरी ने बताया कि उनका मकसद है कि महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हों। उन्हें पिता, भाई, पति या ससुराल वालों पर निर्भर न रहना पड़े। उन्होंने बताया कि अब तक इस मुहिम से 1000 से ज्यादा महिलाएं जुड़ चुकी हैं। आगे चलकर महिलाओं और युवतियों को अचार बनाने, सिलाई-कढ़ाई और कंप्यूटर का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
मिथिलांचल में कागज,कपड़ा पर इस तरह से बनता है मिथिला पेंटिंग।
गांव में ट्रेनिंग मिलने से राहत
प्रशिक्षण ले रहीं आरती, निहारिका, रिया और आशा कुमारी ने बताया कि गांव में ही प्रशिक्षण मिलने से बहुत राहत मिली है। पहले शहर जाकर सीखना मुश्किल था। ऑनलाइन सीखना भी संभव नहीं था। अब गांव में ही समय निकालकर सीख पा रही हैं।
रिया ने कहा कि शादी के बाद भी महिलाएं घर बैठे हजारों रुपए कमा सकती हैं। मिथिला पेंटिंग की मांग अब देश-विदेश में भी है। आशा कुमारी ने बताया कि मैं इंटर की छात्रा हूं। समय निकालकर पेंटिंग सीख रही।
युवतियों को प्रशिक्षण देती रूबी चौधरी।
मधुबनी पेंटिंग को एक व्यवसाय के रूप में स्थापित करने का प्रयास
मन्नू चौधरी ने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई सामाजिक बंदिशों से लड़ना पड़ता है। पढ़ाई की आजादी भी अब तक पूरी नहीं है। शादी के बाद आर्थिक स्थिति कमजोर हो तो महिलाएं घर बैठे भी कमाई कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि मिथिला पेंटिंग और मधुबनी पेंटिंग को एक व्यवसाय के रूप में स्थापित करने का यह उनका छोटा सा प्रयास है।
उन्होंने बताया कि पाग, चादर, कागज, डॉक्यूमेंट्स के अलावा मिथिला आर्ट एंड ज्वेलरीज पर भी काम किया जाएगा। बच्चों को भी सिखाया जाएगा। मिथिला पेंटिंग में निपुण कलाकारों को, जिन्हें विभिन्न पुरस्कार मिले हैं, प्रशिक्षण केंद्र पर बुलाया जाएगा। ताकि बच्चों का उत्साह बढ़े और वे बेहतर सीख सकें।