पूर्व विधायक संजय शुक्ला सहित अन्य को 140.63 करोड़ का नोटिस जारी | Notice of Rs 140 crore issued to former MLA Sanjay Shukla and others | News 4 Social h3>
भाजपा नेता रहे विष्णुप्रसाद शुक्ला ने उज्जैन रोड स्थित बारोली के सर्वे नंबर 4/1/1 व 4/2/1 और 9/3/1 की 1.437 हेक्टेयर जमीन पर खदान आवंटित कराई थी। बकायदा क्रेशर मशीन लगाकर वर्षो तक उत्खनन किया गया। उनके जाने के बाद भी खदान संचालित हो रही थी जबकि 2017 में प्रदूषण विभाग ने बंद करने के निर्देश जारी कर दिए थे। पत्रिका ने बड़े पैमाने पर होने वाले अवैध उत्खनन का भांडा फोड़ किया जिस पर छापामार कार्रवाई कर क्रेशर मशीन को जब्त किया। पूरे मामले के लिए एक कमेटी बनाई गई जिसने जांच में कई खुलासे किए।
ये बात सामने आई कि शुक्ला को जिस जमीन पर खदान आवंटित की गई थी वह मौके से चार किमी दूर है। अवैध उत्खनन बारोली सर्वे नंबर 3/1/2 की 5.503 हेक्टेयर व 3/1/1/2 की 3.434 हेक्टेयर पर हुआ। मुरम 402686.337 घनमीटर व पत्थर 222856.617 घनमीटर के अवैध उत्खनन पर 140.63 करोड़ रुपए की पेनल्टी निर्धारित की गई। रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर अपर कलेक्टर व खनिज विभाग के प्रभारी गौरव बेनल ने मंगलवार को भाजपा नेता व पूर्व विधायक संजय शुक्ला व उनके भाई राजेंद्र शुक्ला को नोटिस जारी कर दिया। 19 अप्रेल को उन्हें पेश होकर जवाब देना है। नहीं आने पर एक पक्षिय कार्रवाई होगी।
ये है जमीन के असल मालिक पत्रिका के घोटाला उजागर करने के बाद बड़ा कारनामा सामने आया। बारोली की जिस जमीन पर खुदाई हो रही थी वह राजस्व रिकार्ड में ईडन गार्डन गृह निर्माण सह मर्यादित तर्फे नीलेश पिता बनवारी लाल पंसारी और मेहरबान सिंह पिता प्रेमसिंह राजपूत के नाम पर दर्ज है। खदान का आवंटन विष्णु प्रसाद शुक्ला के नाम पर हुआ था लेकिन जिस जमीन के लिए हुआ था वह आज भी समतल है।
तो दर्ज हो सकती है एफआइआर चौकाने वाली बात ये भी सामने आइ कि खदान का पट्टा जिस जमीन के लिए दिया गया था वह सर्वे नंबर सरकारी रिकार्ड से गायब हो गया है। ये कारनामा बगैर तहसील की टीम के शामिल हुए बगैर नहीं हो सकता है। इसके अलावा 27 अप्रैल 2022 को शुक्ला के पोते व संजय शुक्ला के बेटे आकाश ने पॉवर के आधार पर सर्वे नंबर 4/1 की 0.6770 हेक्टेयर जमीन नरेंद्र पिता यशवंत सिंह व देवेश पिता प्रकाश राव नलवड़े को कृषि की जमीन बताकर बेच दी। सरकारी रिकार्ड में भी हेरफेर मिला जिसमें 12 नंबर कॉलम में खदान दर्ज होती है लेकिन उसकी एंट्री नहीं है। रजिस्ट्री के चार माह बाद शुक्ला का निधन हो गया। जिस जमीन पर खदान की लीज है उसे बेचने से पहले खनिज विभाग से सहमति लेना अनिवार्य है। शुक्ला के बेटे आकाश पर मुकदमा भी दर्ज हो सकता है।
बोराली में चल रही अवैध खदान को लेकर खनिज विभाग ने कार्रवाई की थी जिसकी जांच के बाद 140.63 करोड़ रुपए की पेनल्टी का नोटिस दिया गया है। उसमें संजय शुक्ला, राजेंद्र शुक्ला, ईडन गार्डन सोसायटी व मेहरबान सिंह आरोपित है। गौरव बैनल, अपर कलेक्टर
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भाजपा नेता रहे विष्णुप्रसाद शुक्ला ने उज्जैन रोड स्थित बारोली के सर्वे नंबर 4/1/1 व 4/2/1 और 9/3/1 की 1.437 हेक्टेयर जमीन पर खदान आवंटित कराई थी। बकायदा क्रेशर मशीन लगाकर वर्षो तक उत्खनन किया गया। उनके जाने के बाद भी खदान संचालित हो रही थी जबकि 2017 में प्रदूषण विभाग ने बंद करने के निर्देश जारी कर दिए थे। पत्रिका ने बड़े पैमाने पर होने वाले अवैध उत्खनन का भांडा फोड़ किया जिस पर छापामार कार्रवाई कर क्रेशर मशीन को जब्त किया। पूरे मामले के लिए एक कमेटी बनाई गई जिसने जांच में कई खुलासे किए।
ये बात सामने आई कि शुक्ला को जिस जमीन पर खदान आवंटित की गई थी वह मौके से चार किमी दूर है। अवैध उत्खनन बारोली सर्वे नंबर 3/1/2 की 5.503 हेक्टेयर व 3/1/1/2 की 3.434 हेक्टेयर पर हुआ। मुरम 402686.337 घनमीटर व पत्थर 222856.617 घनमीटर के अवैध उत्खनन पर 140.63 करोड़ रुपए की पेनल्टी निर्धारित की गई। रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर अपर कलेक्टर व खनिज विभाग के प्रभारी गौरव बेनल ने मंगलवार को भाजपा नेता व पूर्व विधायक संजय शुक्ला व उनके भाई राजेंद्र शुक्ला को नोटिस जारी कर दिया। 19 अप्रेल को उन्हें पेश होकर जवाब देना है। नहीं आने पर एक पक्षिय कार्रवाई होगी।
ये है जमीन के असल मालिक पत्रिका के घोटाला उजागर करने के बाद बड़ा कारनामा सामने आया। बारोली की जिस जमीन पर खुदाई हो रही थी वह राजस्व रिकार्ड में ईडन गार्डन गृह निर्माण सह मर्यादित तर्फे नीलेश पिता बनवारी लाल पंसारी और मेहरबान सिंह पिता प्रेमसिंह राजपूत के नाम पर दर्ज है। खदान का आवंटन विष्णु प्रसाद शुक्ला के नाम पर हुआ था लेकिन जिस जमीन के लिए हुआ था वह आज भी समतल है।
तो दर्ज हो सकती है एफआइआर चौकाने वाली बात ये भी सामने आइ कि खदान का पट्टा जिस जमीन के लिए दिया गया था वह सर्वे नंबर सरकारी रिकार्ड से गायब हो गया है। ये कारनामा बगैर तहसील की टीम के शामिल हुए बगैर नहीं हो सकता है। इसके अलावा 27 अप्रैल 2022 को शुक्ला के पोते व संजय शुक्ला के बेटे आकाश ने पॉवर के आधार पर सर्वे नंबर 4/1 की 0.6770 हेक्टेयर जमीन नरेंद्र पिता यशवंत सिंह व देवेश पिता प्रकाश राव नलवड़े को कृषि की जमीन बताकर बेच दी। सरकारी रिकार्ड में भी हेरफेर मिला जिसमें 12 नंबर कॉलम में खदान दर्ज होती है लेकिन उसकी एंट्री नहीं है। रजिस्ट्री के चार माह बाद शुक्ला का निधन हो गया। जिस जमीन पर खदान की लीज है उसे बेचने से पहले खनिज विभाग से सहमति लेना अनिवार्य है। शुक्ला के बेटे आकाश पर मुकदमा भी दर्ज हो सकता है।
बोराली में चल रही अवैध खदान को लेकर खनिज विभाग ने कार्रवाई की थी जिसकी जांच के बाद 140.63 करोड़ रुपए की पेनल्टी का नोटिस दिया गया है। उसमें संजय शुक्ला, राजेंद्र शुक्ला, ईडन गार्डन सोसायटी व मेहरबान सिंह आरोपित है। गौरव बैनल, अपर कलेक्टर