पूर्वोत्तर में BJP के ‘चाणक्य’ को मिली असम के CM की कमान, पढ़ें- हिमंत बिस्वा सरमा की कहानी h3>
असम चुनावों में बीजेपी को लगातार दूसरी बार जीत मिली है। बीते पांच साल में असम की कमान सर्बानंद सोनोवाल के हाथ में रही जिन्हें केंद्र से असम भेजा गया था और इस बार असम की कमान सौंपी गई है हिमंत बिस्वा सरमा को। सरमा, जो राहुल गांधी पर अनदेखी का आरोप लगाकर कांग्रेस छोड़कर 2015 में बीजेपी में शामिल हुए थे। उनका कहना था कि वह जब राहुल गांधी से मिलने पहुंचे थे तो कांग्रेस नेता का ध्यान मुझसे ज्यादा अपने कुत्ते पर था। सरमा कभी कांग्रेस नेता तरुण गोगोई के मुख्यमंत्री काल में उनके करीबी हुआ करते थे लेकिन आज वह असम बीजेपी के सबसे ताकतवर नेता माने जाते हैं।
असम की 126 विधानसभा सीटों में से इस बार बीजेपी ने 75 सीटों पर जीत हासिल की है। हिमंत बिस्वा सरमा ने जलुकबाड़ी सीट पर लगातार पांचवीं बार जीत हासिल की है।
हिमंत बिस्वा सरमा के राजनीतिक करियर की शुरुआत सन् 1980 में हुई, जब वह छठी कक्षा में थे। उन्होंने ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) जॉइन की। सन् 1981 में AASU पर कार्रवाई शुरू हुई। इस दौरान सरमा को प्रेस तक विज्ञप्ति और अन्य सामान पहुंचाने का काम मिला था।
2001 से अब तक लगातार मिली है चुनाव में जीत
कुछ साल बाद ही उन्हें AASU के गुवाहाटी यूनिट का जनरल सेक्रटरी बनाया गया। 1990 के दशक में कांग्रेस में शामिल हुए सरमा ने पहली बार गुवाहाटी के जालुकबाड़ी से सनु 2001 में चुनाव लड़ा। उन्होंने यहां असम गण परिषद के नेता भृगु कुमार फुकान को हराया और उसके बाद से आज तक सरमा इस सीट पर जीत दर्ज करते आए हैं।
कांग्रेस में रहते हुए सरमा ने असम सरकार में कई अहम पद संभाले। हालांकि, सीएम तरुण गोगोई के साथ खटपट की वजह से सरमा ने आखिरकार साल 2016 विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया।
राहुल गांधी के कुत्ते को लेकर छोड़ी थी कांग्रेस!
हिमंत बिस्वा सरमा को राहुल गांधी के कुत्ते से प्रेम को तरजीह देना कभी रास नहीं आया। एक बार सरमा ने खुद ट्वीट करके यह बताया था कि जब कांग्रेस उपाध्यक्ष (राहुल गांधी) के साथ असम के अहम मसलों पर बातचीत चाहते थे, उस वक्त राहुल अपने पालतू कुत्ते को बिस्किट खिलाने में व्यस्त थे। सरमा ने कहा था कि उन्होंने इसलिए ही कांग्रेस पार्टी को छोड़ा था।
पीएचडी हैं हिमंत सरमा
हिमंत बिस्वा सरमा का जन्म 1 फरवरी, 1969 को हुआ। उनके पिता का नाम कैलाश नाथ सरमा और मां का नाम मृणालिनी देवी है। सरमा ने गुवाहाटी के कामरुप एकैडमी स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई की और फिर गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की। सरमा ने 1996 से 2001 के बीच गुवाहाटी हाई कोर्ट में लॉ की प्रैक्टिस भी की थी।
सरमा ने रिकी भुयान से सन् 2001 में शादी की थी। सरमा और उनकी पत्नी का एक बेटा और एक बेटी हैं। साल 2017 में सरमा बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट भी चुने गए थे।
असम चुनावों में बीजेपी को लगातार दूसरी बार जीत मिली है। बीते पांच साल में असम की कमान सर्बानंद सोनोवाल के हाथ में रही जिन्हें केंद्र से असम भेजा गया था और इस बार असम की कमान सौंपी गई है हिमंत बिस्वा सरमा को। सरमा, जो राहुल गांधी पर अनदेखी का आरोप लगाकर कांग्रेस छोड़कर 2015 में बीजेपी में शामिल हुए थे। उनका कहना था कि वह जब राहुल गांधी से मिलने पहुंचे थे तो कांग्रेस नेता का ध्यान मुझसे ज्यादा अपने कुत्ते पर था। सरमा कभी कांग्रेस नेता तरुण गोगोई के मुख्यमंत्री काल में उनके करीबी हुआ करते थे लेकिन आज वह असम बीजेपी के सबसे ताकतवर नेता माने जाते हैं।
असम की 126 विधानसभा सीटों में से इस बार बीजेपी ने 75 सीटों पर जीत हासिल की है। हिमंत बिस्वा सरमा ने जलुकबाड़ी सीट पर लगातार पांचवीं बार जीत हासिल की है।
हिमंत बिस्वा सरमा के राजनीतिक करियर की शुरुआत सन् 1980 में हुई, जब वह छठी कक्षा में थे। उन्होंने ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) जॉइन की। सन् 1981 में AASU पर कार्रवाई शुरू हुई। इस दौरान सरमा को प्रेस तक विज्ञप्ति और अन्य सामान पहुंचाने का काम मिला था।
2001 से अब तक लगातार मिली है चुनाव में जीत
कुछ साल बाद ही उन्हें AASU के गुवाहाटी यूनिट का जनरल सेक्रटरी बनाया गया। 1990 के दशक में कांग्रेस में शामिल हुए सरमा ने पहली बार गुवाहाटी के जालुकबाड़ी से सनु 2001 में चुनाव लड़ा। उन्होंने यहां असम गण परिषद के नेता भृगु कुमार फुकान को हराया और उसके बाद से आज तक सरमा इस सीट पर जीत दर्ज करते आए हैं।
कांग्रेस में रहते हुए सरमा ने असम सरकार में कई अहम पद संभाले। हालांकि, सीएम तरुण गोगोई के साथ खटपट की वजह से सरमा ने आखिरकार साल 2016 विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया।
राहुल गांधी के कुत्ते को लेकर छोड़ी थी कांग्रेस!
हिमंत बिस्वा सरमा को राहुल गांधी के कुत्ते से प्रेम को तरजीह देना कभी रास नहीं आया। एक बार सरमा ने खुद ट्वीट करके यह बताया था कि जब कांग्रेस उपाध्यक्ष (राहुल गांधी) के साथ असम के अहम मसलों पर बातचीत चाहते थे, उस वक्त राहुल अपने पालतू कुत्ते को बिस्किट खिलाने में व्यस्त थे। सरमा ने कहा था कि उन्होंने इसलिए ही कांग्रेस पार्टी को छोड़ा था।
पीएचडी हैं हिमंत सरमा
हिमंत बिस्वा सरमा का जन्म 1 फरवरी, 1969 को हुआ। उनके पिता का नाम कैलाश नाथ सरमा और मां का नाम मृणालिनी देवी है। सरमा ने गुवाहाटी के कामरुप एकैडमी स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई की और फिर गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की। सरमा ने 1996 से 2001 के बीच गुवाहाटी हाई कोर्ट में लॉ की प्रैक्टिस भी की थी।
सरमा ने रिकी भुयान से सन् 2001 में शादी की थी। सरमा और उनकी पत्नी का एक बेटा और एक बेटी हैं। साल 2017 में सरमा बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट भी चुने गए थे।