पूर्वी राजस्थान पर सियासतः भाजपा खोयी जमीन तलाश में जुटी, कांग्रेसी गढ़ बचाने में | BJP and Congress started election preparation regarding East Rajasthan | Patrika News h3>
पूर्वी राजस्थान की 23 में से केवल एक सीट है भाजपा के खाते में, पूर्वी राजस्थान के 5 जिलों में 19 सीट पर कांग्रेस का कब्जा, एक सीट आरएलडी और 2 सीट निर्दलीय के खाते में
जयपुर
Updated: April 14, 2022 10:08:23 am
जयपुर। प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से ही तैयारियां तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जहां अभी से ही चुनावी दौरे शुरू कर दिए हैं तो बीजेपी के कई केंद्रीय नेताओं के भी राजस्थान में चुनावी दौरे शुरू हो चुके हैं। हाल ही में जेपी नड्डा की ओर से पूर्वी राजस्थान पर फोकस करने के बाद कांग्रेस ने भी पूर्वी राजस्थान का अपना गढ़ बचाने के लिए ईस्टर्न कैनाल परियोजना का मुद्दा उछाल दिया है।
ashok gehlot
पूर्वी राजस्थान में खोयी जमीन तलाश रही है भाजपा
दरअसल पूर्वी राजस्थान के 5 जिलों धौलपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, करौली और दौसा में भाजपा अपनी खोयी हुई जमीन तलाश रही है। इसीलिए पार्टी का पूरा फोकस इन दिनों पूरा राजस्थान पर है और एक विशेष अभियान के तहत इन जिलों में काम किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ कांग्रेस इन 5 जिलों में अपना वर्चस्व बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत के साथ जोर लगाए हुए हैं।
5 जिलों की 23 विधानसभा क्षेत्रों में केवल एक सीट पर भाजपा का कब्जा
दिलचस्प बात यह है कि साल 2018 में विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान के 5 जिलों की 23 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना यही करना पड़ा था ,जहां 23 सीटों में से केवल 1 सीट बीजेपी जीत पाई है जबकि 19 सीटों पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा है। 1 सीट राष्ट्रीय लोकदल और 2 सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। लोकदल और निर्दलीय भी कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं।
लंबे समय तक ईआरसीपी को भुनाना चाहती है कांग्रेस
पूर्वी राजस्थान में भाजपा से मुकाबला करने और अपना गढ़ बचाने के लिए कांग्रेस ईस्टर्न कैनाल परियोजना को लंबे समय तक भुनाना चाहती है और यही वजह है कि अब इसे जोर-शोर से उठाया जा रहा है, जिससे कि इन 5 जिलों के साथ-साथ अन्य जिलों के मतदाताओं से भी सहानुभूति बटोरी जा सके। ऐसे में आने वाले समय में पूर्वी राजस्थान लेकर चर्चा और तेज होने वाली है।
पांच जिलों की इन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा
कामां, नगर, डीग, वैर, बयाना, नदबई, सवाई माधौपुर शहर, खंडार, बामनवास, करौली- करौली टोड़ाभीम, सपोटरा हिंडौन, दौसा, सिकाराय बांदीकुई, राजाखेड़ा, बसेड़ी, बाड़ी है। इसके अलावा भरतपुर-आरलडी, गंगापुर और महवा निर्दलीय है। केवल धौलपुर भाजपा के खाते हैं।
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पूर्वी राजस्थान की 23 में से केवल एक सीट है भाजपा के खाते में, पूर्वी राजस्थान के 5 जिलों में 19 सीट पर कांग्रेस का कब्जा, एक सीट आरएलडी और 2 सीट निर्दलीय के खाते में
जयपुर
Updated: April 14, 2022 10:08:23 am
जयपुर। प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से ही तैयारियां तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जहां अभी से ही चुनावी दौरे शुरू कर दिए हैं तो बीजेपी के कई केंद्रीय नेताओं के भी राजस्थान में चुनावी दौरे शुरू हो चुके हैं। हाल ही में जेपी नड्डा की ओर से पूर्वी राजस्थान पर फोकस करने के बाद कांग्रेस ने भी पूर्वी राजस्थान का अपना गढ़ बचाने के लिए ईस्टर्न कैनाल परियोजना का मुद्दा उछाल दिया है।
ashok gehlot
पूर्वी राजस्थान में खोयी जमीन तलाश रही है भाजपा
दरअसल पूर्वी राजस्थान के 5 जिलों धौलपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, करौली और दौसा में भाजपा अपनी खोयी हुई जमीन तलाश रही है। इसीलिए पार्टी का पूरा फोकस इन दिनों पूरा राजस्थान पर है और एक विशेष अभियान के तहत इन जिलों में काम किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ कांग्रेस इन 5 जिलों में अपना वर्चस्व बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत के साथ जोर लगाए हुए हैं।
5 जिलों की 23 विधानसभा क्षेत्रों में केवल एक सीट पर भाजपा का कब्जा
दिलचस्प बात यह है कि साल 2018 में विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान के 5 जिलों की 23 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना यही करना पड़ा था ,जहां 23 सीटों में से केवल 1 सीट बीजेपी जीत पाई है जबकि 19 सीटों पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा है। 1 सीट राष्ट्रीय लोकदल और 2 सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। लोकदल और निर्दलीय भी कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं।
लंबे समय तक ईआरसीपी को भुनाना चाहती है कांग्रेस
पूर्वी राजस्थान में भाजपा से मुकाबला करने और अपना गढ़ बचाने के लिए कांग्रेस ईस्टर्न कैनाल परियोजना को लंबे समय तक भुनाना चाहती है और यही वजह है कि अब इसे जोर-शोर से उठाया जा रहा है, जिससे कि इन 5 जिलों के साथ-साथ अन्य जिलों के मतदाताओं से भी सहानुभूति बटोरी जा सके। ऐसे में आने वाले समय में पूर्वी राजस्थान लेकर चर्चा और तेज होने वाली है।
पांच जिलों की इन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा
कामां, नगर, डीग, वैर, बयाना, नदबई, सवाई माधौपुर शहर, खंडार, बामनवास, करौली- करौली टोड़ाभीम, सपोटरा हिंडौन, दौसा, सिकाराय बांदीकुई, राजाखेड़ा, बसेड़ी, बाड़ी है। इसके अलावा भरतपुर-आरलडी, गंगापुर और महवा निर्दलीय है। केवल धौलपुर भाजपा के खाते हैं।
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