पूर्वांचल का व्यूह भेदने उतरेंगे मोदी! कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद के साथ बनारस में कैंप की भी तैयारी

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पूर्वांचल का व्यूह भेदने उतरेंगे मोदी! कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद के साथ बनारस में कैंप की भी तैयारी

पूर्वांचल का व्यूह भेदने उतरेंगे मोदी! कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद के साथ बनारस में कैंप की भी तैयारी

विकास पाठक, वाराणसी: आगे बढ़ते चुनावी चरणों के साथ पूर्वांचल में चक्रव्‍यूह के छठे और सबसे खास सातवें फाटक को भेदने की तैयारी तेज हो गई है। चुनावी गतिविधियों का केंद्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कर्मभूमि काशी नगरी बनेगी। यहीं से पूर्वांचल की राजनीति सधती है तो पूर्वांचल की जीत से लखनऊ की सत्ता का रास्‍ता आसान होता है। बनारस और आसपास के पुरबिया वोटरों को साधने का जिम्‍मा संभालने को पूर्वांचल में डेरा डालने वाले कांग्रेस, सपा समेत अन्‍य दलों के दिग्‍गज नेताओं में सबसे खास होंगे बनारस के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव व पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती भी चुनावी जनसभा और रोड शो से माहौल बनाएंगी।

कार्यकर्ताओं से संवाद के साथ अभियान
2017 के विधानसभा चुनाव में मतदान से पहले प्रधानमंत्री जनता दर्शन के लिए काशी की सड़कों पर निकले थे तो बनारस की सभी आठ सीटें ही नहीं बल्कि पूर्वांचल की 61 में 55 सीटें भाजपा की झोली में आई थीं। इस बार भी काशी में प्रधानमंत्री के जनसंपर्क और सभाओं की तैयारी है। प्रधानमंत्री 27 फरवरी को बनारस में बूथ कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। वह संपूर्णानंद संस्‍कृत विवि में 20 हजार से ज्‍यादा कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। इसके बाद वह 3 से 5 मार्च तक काशी में कैंप कर सकते हैं। वहीं, भाजपा समेत अन्‍य दलों के दिग्‍गजों की 25 फरवरी से 5 मार्च तक जुटान होगी। भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्‍यनाथ, एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री स्‍मृति इरानी समेत कई स्‍टार प्रचारक बनारस में रहेंगे।

विकास का बनारस मॉडल होगा सामने
नरेंद्र मोदी की पहल पर बाबा विश्‍वनाथ का धाम देश-दुनिया के सामने नए स्‍वरूप में हैं तो गंगा घाटों के जीर्णोद्धार समेत अन्‍य तमाम विकास कार्य लोगों को दिखते हैं। पूर्वांचल एक्‍सप्रेस-वे से लोगों के लिए लखनऊ का सफर आसान हो गया है, तो पूर्वांचल के जिलों में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए हाइवे व रिंग रोड का काम पूरा हो चला है। बनारस में मुंबई के टाटा जैसे दो अत्‍याधुनिक कैंसर अस्‍पताल तमाम ऐसी स्वास्थ्य योजनाएं जमीन पर उतरीं है जो पिछड़े पूर्वांचल के विकास में मील का पत्‍थर साबित हो रही हैं। प्रधानमंत्री जब पूर्वांचल को मथने निकलेंगे तो इन काम की गाथाएं लोगों के सामने होंगी। यह भी समझाया जाएगा कि इसी तरह से राम जन्‍मभूमि भी भव्‍य और दिव्‍य आकार लेगी। अलगे पांच साल की विकास योजनाओं का प्‍लान भी लोगों के सामने होगा।

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इन दिग्‍गजों के भाग्‍य का होगा फैसला
पूर्वांचल के दस जिलों में विधानसभा की कुल 61 सीटें हैं। बलिया की सात सीटों पर छठे चरण में तीन मार्च को जबकि बनारस समेत चंदौली, गाजीपुर, मीरजापुर, भदोही, जौनपुर, आजमगढ़ व सोनभद्र की 54 सीटों पर सात मार्च को मतदान होना है। बलिया में चुनाव लड़ रहे चेहरों में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, प्रदेश सरकार के मंत्री उपेंद्र तिवारी, आनंद स्‍वरूप शुक्‍ला, मंत्री स्‍वाती सिंह के पति दयाशंकर सिंह प्रमुख हैं। सातवें चरण में मंत्री अनिल राजभर, डॉ. नीलकंठ तिवारी, रविंद्र जायसवाल, रमाशंकर सिंह पटेल, डॉ. संगीता बलवंत और गिरीशचंद्र यादव, सपा सरकार में मंत्री रहे ओमप्रकाश सिंह, सुभासपा अध्‍यक्ष ओमप्रकाश राजभर, पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान, नारद राय, विधानसभा में बसपा विधायक दल के नेता रहे उमाशंकर सिंह, बाहुबली विधायक मुख्‍तार अंसारी के बेटे अब्‍बास अंसारी और दुर्गा प्रसाद यादव जैसे दिग्‍गजों की किस्‍मत का फैसला होगा।

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