पूर्णिया में 4 बांग्लादेशी घुसपैठिए: सजा पूरी होने के बाद भी भारत में हैं, पहलगाम आतंकी हमले के बाद मुल्क भेजने की तैयारी तेज – Purnia News

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पूर्णिया में 4 बांग्लादेशी घुसपैठिए:  सजा पूरी होने के बाद भी भारत में हैं, पहलगाम आतंकी हमले के बाद मुल्क भेजने की तैयारी तेज – Purnia News

पूर्णिया में 4 बांग्लादेशी घुसपैठिए: सजा पूरी होने के बाद भी भारत में हैं, पहलगाम आतंकी हमले के बाद मुल्क भेजने की तैयारी तेज – Purnia News

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत से पाकिस्तानियों को जाने का आदेश केंद्र सरकार ने दिया है। फैसले के बाद पूर्णिया में बांग्लादेशियों को भी उनके मुल्क भेजने की तैयारी तेज हो गई है। 4 बांग्लादेशी पूर्णिया के सेंट्रल जेल में हैं। जो अवैध तरीके से इंडिया में

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सभी की सजा पूरी हो गई है, इसलिए इन सभी को सेंट्रल जेल के संसीमन केंद्र में रखा गया है, जहां कैदी से अलग रखा जाता है। यहां इन्हें अच्छा खाना और रहने की अच्छी व्यवस्था दी जाती है। बांग्लादेशी नागरिक करीब 1 साल से रह रहे हैं। 4 में से 2 को मुल्क भेजने की प्रक्रिया तेज है। एक बांग्लादेशी को बांग्लादेश अपना नागरिक मानने को तैयार नहीं है और एक को बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।

पूर्णिया सेंट्रल जेल में 4 बांग्लादेशियों के अलावे 3 सूडान, 1 नाइजीरिया और 1 म्यांमार के नागरिक भी हैं। ये भी अवैध रूप से भारत में आएं थे। इनकी भी सजा पूरी हो चुकी।

बांग्लादेशियों को वापस उनके मुल्क भेजने की तैयारी तेज हो गई है।

पूर्णिया में ये चार हैं बांग्लादेशी

सेंट्रल जेल के संसीमन केंद्र में बांग्लादेशी नागरिक मो. दिलबर, मो. नसरुद्दीन और हसन के अलावा एक और नागरिक हैं। इनमें दिलबर और नसरुद्दीन को भेजने की प्रक्रिया हो रही है। जानें इनके बारे में कैसे भारत में पहुंचे…

बस में बैठे लोगों ने 2 बांग्लादेशियों को पकड़वाया था

मो. दिलबर और मो. नसरुद्दीन को अररिया में 3 साल पहले पकड़ा गया था। पूछताछ में दोनों ने बताया था कि हमलोग 2022 में नेपाल के रास्ते फारबिसगंज पहुंचे थे। वहां से बस पकड़कर अररिया जा रहे थे। बस में बैठे यात्रियों को हमारी भाषा को लेकर शक हुआ। बस से उतरते ही लोगों ने पुलिस को फोन पर सूचना दे दी।

अररिया पुलिस को दोनों ने बताया था कि किसी जानने वाले ने डाटा ऑपरेटर की जॉब दिलवाने के लिए बांग्लादेश से इंडिया बुलाया था, पर वे इस स्टेटमेंट पर ज्यादा देर नहीं रहे। इंडिया आने का कारण बदलते रहे थे। जिसके बाद इन्हें जेल भेज दिया गया था। 2024 में मार्च की शुरुआत में दोनों ने अपनी सजी पूरी की थी। 3 मार्च 2024 से ही पूर्णिया के संसीमन केंद्र में हैं।

तीसरा बांग्लादेशी भारत में बसना चाहता था

तीसरा बांग्लादेशी नागरिक हसन है। इसे रक्सौल बॉर्डर पर पकड़ा गया था। तलाशी के दौरान इसके पास से नकली आधार कार्ड बरामद हुआ था। पूछताछ में हसन ने बताया था मैं इंडिया में बसना चाहता था। हसन 26 सितंबर 2024 से संसीमन केंद्र में बंद है।

चौथा बांग्लादेशी को उसका देश नहीं अपना रहा

चौथे बांग्लादेशी का नाम अभी क्लियर नहीं किया गया है। पिछले 10 महीने से इसे बांग्लादेश भेजने के लिए एंबेसी लगातार प्रयास कर रही है, पर बांग्लादेश इसे अपनाने को तैयार नहीं है। अगर इसे बांग्लादेश ने अपना नागरिक नहीं माना तो ये संसीमन केंद्र में ही बंद रहेगा।

पूर्णिया सेंट्रल जेल के जेल सुप्रिटेंडेंट मनोज कुमार ने कहा,

विदेशी नागरिकों के लिए केंद्रीय कारा परिसर में संसीमन केंद्र होता है। ये एक ऐसा सेंटर है, जहां सजा पूरी कर चुके विदेशी नागरिकों को तब तक रखा जाता है, जब तक उन्हें अपने मुल्क सुरक्षित नहीं भेज दिया जाता। यहां कड़ी सुरक्षा के बीच इन्हें रखा जाता है। पूर्णिया केंद्रीय कारा के संसीमन केंद्र में इस वक्त 9 विदेशी नागरिक रह रहे हैं। इनमें 4 बांग्लादेश, 3 सूडान, 1 नाइजीरिया और 1 म्यांमार के नागरिक हैं। ये अवैध तरीके से भारत में घुसे थे।

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केंद्रीय कारा में 9 विदेशी नागरिक हैं।

कटिहार, किशनगंज और सुपौल में भी विदेशी

पूर्णिया के अलावा कटिहार, किशनगंज और सुपौल जेल में भी विदेशी नागरिक बंद हैं। पूर्णिया जेल में बंद 9 नागरिकों के अलावा, कटिहार जेल में 6, किशनगंज में 5 और सुपौल जेल में 1 नागरिक अपनी सजा काट रहे हैं।

इनमें कई ऐसे हैं जिन्हें खुद उनका मुल्क अपना नागरिक मानने को तैयार नहीं। ना ही उनके किसी परिजन ने अभी तक किसी तरह का दावा पेश किया है। ऐसे में ठोस नागरिकता के अभाव में ये नागरिक संसीमन केंद्र में रहने को मजबूर हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच इन्हें हर तरह की सहूलियत दी जाती है।

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