पूरे विश्व को 40 प्रतिशत दवाइयां हिंदुस्तान बना कर भेज रहा,कोरोना काल में निभाई फार्मासिस्ट ने अहम भूमिका,6 महीने में बनाई कोरोना वैक्सीन | world pharmacist day today | Patrika News

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पूरे विश्व को 40 प्रतिशत दवाइयां हिंदुस्तान बना कर भेज रहा,कोरोना काल में निभाई फार्मासिस्ट ने अहम भूमिका,6 महीने में बनाई कोरोना वैक्सीन | world pharmacist day today | Patrika News

पूरे विश्व को 40 प्रतिशत दवाइयां हिंदुस्तान बना कर भेज रहा,कोरोना काल में निभाई फार्मासिस्ट ने अहम भूमिका,6 महीने में बनाई कोरोना वैक्सीन | world pharmacist day today | Patrika News

लेकिन धरती के भगवान डॉक्टर के दवा लिखने के बाद उसे किस समय कौन सी दवा देनी है यह सब फार्मासिस्ट बताता है। मरीज के बीमारी तय होने से लेकर सही उपचार कर उसे ठीक करने में इनका काफी योगदान होता है। पर्दे के पीछे रहकर किसी भी रोग को ठीक करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

जब भी कोई बीमार होता है या किसी को कोई तकलीफ होती है तो उसे सबसे ज्यादा जिस चीज की जरूरत पड़ती है तो वो दवाइयां होती है । फार्मासिस्ट ही दवाइयां आपको देते हैं। मरीजों के लिए डॉक्टर द्वारा प्रेस्क्राइब्ड या लिखी गई दवा मरीजों को देते हैं।

कोरोनाकाल में निभाई अहम भूमिका

कोरोना काल में फार्मासिस्ट ने अहम भूमिका निभाई। इंडियन फार्मासिस्ट एसो. के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा ने बताया कि फार्मासिस्ट या फार्मोकोलॉजिस्ट ने 6 महीने में कोरोना वैक्सीन बना कर पूरे विश्व को चौंका दिया।

भारत में सबसे बड़ा रोल फार्मासिस्ट का रहा है। कोरोना वैक्सीन की 217 करोड़ से अधिक डोज आज देश के नागरिकों को लग चुकी है। पहले 25 साल तक विदेशों की ओर देखना पड़ता था कि वैक्सीन दें तो इलाज शुरू हो। और इतने में एक पीढी मौत का ग्रास बन जाती थी।

लेकिन भारत देश बदल रहा है पहले 53 एपीआई (एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट ) के लिए देश चाइना पर निर्भर था। आज 35 एपीआई देश मे बन रहे है। पूरे विश्व को 40 प्रतिशत दवाइया हिंदुस्तान बना कर भेज रहा है।

सिर्फ 3 हजार केंद्रों पर ही फार्मासिस्ट
सर्वेश्वर शर्मा ने बताया कि फ़ार्मेसी एक्ट 1948 ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के तहत दवा का वितरण ओर भंडारण पंजीकृत फार्मासिस्ट कर सकता है उसके अलावा कोई करता है तो 6 महीने की कैद ओर एक हजार रुपए का प्रावधान है।

लेकिन राजस्थान में इस एक्ट का उल्लंघन हो रहा है। प्रदेश में 18 हजार मुख्यमंत्री निशुल्क दवा केंद्र है उनमे से 3 हजार केंद्रों पर फार्मासिस्ट नियुक्त कर रखे है। बाकी पर अयोग्य लोग दवा वितरण कर रहे है। जिससे आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। राजस्थान में फार्मा कंपनियों की आवश्यकता है ताकि फार्मासिस्ट को रोजगार मिले आज 65 हजार फार्मासिस्ट राजस्थान में पंजीकृत है।

गलत दवा लेने से मरीज का रोग ठीक नहीं होता
राजस्थान फार्मासिस्ट कर्मचारी संघ एसएमएस अस्पताल के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि गलत दवा या सही समय पर सही दवा नहीं लेने से मरीज का रोग ठीक नहीं होता है। मरीज को दवा देने के परामर्श में फार्मासिस्ट की अहम भूमिका होती है।

मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, से लेकर निरोगी राजस्थान योजना में लाखों मरीजों को कब कौन सी दवा लेनी है यह परामर्श देना और उसे मोटिवेट करने का काम सिर्फ फार्मासिस्ट का है। डॉक्टर मरीज के लिए हर समय में उपलब्ध हो या नहीं हो लेकिन फार्मासिस्ट हर समय उपलब्ध रहता है।



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