पुलिस को पकड़कर पटका और पीट दिया: सागर में बदमाशों ने पत्थर बरसाए फिर घेरकर पीटा; दहशत ऐसी, कोई बोलने को तैयार नहीं – Sagar News

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पुलिस को पकड़कर पटका और पीट दिया:  सागर में बदमाशों ने पत्थर बरसाए फिर घेरकर पीटा; दहशत ऐसी, कोई बोलने को तैयार नहीं – Sagar News

पुलिस को पकड़कर पटका और पीट दिया: सागर में बदमाशों ने पत्थर बरसाए फिर घेरकर पीटा; दहशत ऐसी, कोई बोलने को तैयार नहीं – Sagar News

पुलिस ग्राम महुआखेड़ा में वारंटियों को पकड़ने गई थी। तभी घोषी परिवार के लोगों ने हमला कर दिया।

‘शाम के 5 बज रहे थे। पुलिस की गाड़ी आकर गांव में रुकती है। वारंटियों के घर पुलिस पहुंची तो पता चला कि खेत में गेहूं की कटाई चल रही है। वहीं पर घर के सभी लोग हैं। चार सदस्यीय पुलिस टीम गांव से खेत के लिए रवाना हुई। मुख्य रोड पर पुलिस वाहन खड़ा हुआ और पु

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जैसे ही आरोपियों ने पुलिस आते देखी तो उन्होंने टीम को घेर लिया। एक जवान को पकड़कर जमीन पर गिरा दिया और मारपीट शुरू कर दी। जैसे-तैसे पुलिसकर्मी अपनी जान बचाकर भागे तो आरोपियों ने पथराव किया। पुलिसकर्मी दौड़कर सड़क पर आए। हमला करने वालों में 10 से अधिक महिला, पुरुष शामिल थे।’

यह घटनाक्रम है सागर जिले के सुरखी थाना क्षेत्र में आने वाले ग्राम महुआखेड़ा का, जहां 27 मार्च की शाम पुलिस वारंट तामील कराने गई थी। हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। वारदात की सूचना पर भारी पुलिस बल गांव पहुंचा और आरोपियों की धरपकड़ शुरू की। घटना के 5 दिन बाद भी गांव में सन्नाटा पसरा है। लोग डरे-सहमे हुए हैं। पुलिस की गाड़ियां हर आधे-एक घंटे में गांव का राउंड लगा रही हैं। पुलिस पर हुए हमले के बाद दैनिक भास्कर की टीम महुआखेड़ा गांव पहुंची और हालातों के बारे में जाना…

पहले देखिए गांव की दो तस्वीरें…

घटनाक्रम के बाद से गांव में पुलिस की गश्त बढ़ाई गई है।

शेष आरोपी को पकड़ने पुलिस गांव-गांव दबिश दे रही है।

गांव में हर तरफ पुलिस पर हमले की चर्चा​​​ गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा था। दुकान पर कुछ लोग बैठे थे। वे आपस में पुलिस पर हुए हमले और आरोपियों की दादागिरी को लेकर चर्चा कर रहे थे। जैसे ही उनसे घटनाक्रम की बात की तो वे खामोश हो गए। उन्होंने कहा कि घटना तो हुई है लेकिन उस समय हम लोग यहां नहीं थे। काफी बात करने के बाद एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पुलिस टीम वीरेंद्र, हल्लू, रामस्वरूप और इंद्राज के घर आई थी। लेकिन उस समय वे खेत में थे। पुलिस खेत में पहुंची, जहां आरोपियों ने घेरकर उन्हें मारा।

चिल्लाने की आवाज सुनकर हम लोग नदी के दूसरे छोर से देखने लगे। क्योंकि आरोपी आदतन अपराधी हैं, उनके बीच में कोई नहीं पड़ता। हमने देखा कि खेत में आरोपी पुलिस को पीट रहे थे। एक जवान को उन्होंने पकड़ा और खेत में गिरा दिया। पुलिस वाले भागते हुए गाड़ी के पास आए और किसी को फोन लगाने लगे। कुछ देर में दूसरी गाड़ी आई और घायलों को ले गई। इसके बाद बहुत सारे पुलिस वाले आ गए। उनकी भनक लगते ही आरोपी खेत के रास्ते भाग गए। वे अपना ट्रैक्टर भी साथ लेकर भागे हैं।

ग्रामीणों से बात करने के बाद NEWS4SOCIALकी टीम उस खेत में पहुंची, जहां पुलिस पर हमला किया गया था। वहां खेत में गेहूं की फसल खड़ी थी, कुछ फसल कटी थी। गेहूं की फसल का एक ढेर जला हुआ था। खेत में मवेशी घूम रहे थे। वहीं बनी एक टपरी में सामान अस्त-व्यस्त पड़ा था। आटा फैला हुआ और पलंग टूटा था। टपरी के आसपास और खेत का माहौल ऐसा था जैसे वहां कोई संघर्ष हुआ हो और तोड़फोड़ की गई हो। यहां एकदम सन्नाटा था। न तो कोई पुलिसकर्मी था और न ही अन्य कोई व्यक्ति।

घायल पुलिसकर्मियों को जिला अस्पताल लाया गया था।

वारंटियों को पकड़ने गई थी पुलिस 27 मार्च की शाम करीब 5 बजे सुरखी थाना पुलिस की चार सदस्यीय टीम केसली ब्लॉक के ग्राम महुआखेड़ा में वारंटियों को पकड़ने गई थी। टीम में एक पुलिस अधिकारी, प्रधान आरक्षक, आरक्षक शामिल थे। कोर्ट से जारी वारंट एक ही परिवार के हल्लू घोषी का स्थायी वारंट और रामस्वरूप घोषी, रामजी घोषी और वीरेंद्र घोषी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट तामील करने टीम पहुंची थी।

मारपीट में प्रधान आरक्षक प्यारेलाल और आरक्षक ब्रजेंद्र घायल हो गए। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर धरपकड़ शुरू की गई है। आरोपियों में हल्लू घोषी, रामजी घोषी, वीरेंद्र घोषी, इंद्राज, रामस्वरूप घोषी, मेहरबान, भुजबल समेत महिलाएं शामिल हैं।

कुर्सी पर बैठे पुलिसकर्मी के हाथ में चोट लगी है।

पुलिस, फॉरेस्ट, पोलिंग पार्टी पर भी कर चुके हमला वारदात में शामिल आरोपी आदतन अपराधी हैं। उनकी गांव में इतनी दहशत है कि लोग उनके खिलाफ कुछ भी बोलने से कतराते हैं। ग्रामीणों ने बातचीत के दौरान बताया कि उनके बीच में कोई नहीं बोलना चाहता। वह अक्सर मारपीट, चोरी व अन्य घटनाएं करते रहे हैं। इससे पहले भी पुलिस से मारपीट कर चुके हैं। वन विभाग की टीम और चुनाव के समय पोलिंग पार्टी पर हमला किया।

एक बार तो एक महिलाकर्मी के हाथों पर हंसिया मार दिया था। लेकिन उनका कुछ नहीं होता। पुलिस आती है और पकड़कर ले जाती है। लेकिन कुछ दिन बाद वे छूट कर आ जाते हैं। बाहर आने के बाद यदि कोई उनके खिलाफ बोलता है तो उनसे झगड़ा करते हैं। इसलिए गांव का कोई भी व्यक्ति उनके बीच नहीं बोलता।

खेत में बनी आरोपियों की टपरी में अस्त-व्यस्त पड़ा सामान।

गांव में पुलिस का पहरा घटनाक्रम के बाद से गांव में पुलिस की गश्त बढ़ाई गई है। पुलिस टीमें हर एक घंटे में गांव का राउंड लगा रही हैं। साथ ही आरोपियों के गांव में बने मकान की सर्चिंग की जा रही है। इसके अलावा सिविल ड्रेस में पुलिस टीमें आसपास के गांव सहजपुरी, नारायणपुर, बिलहरा, नन्ही देवरी, कोनिया समेत अन्य स्थानों पर अपनी मौजूदगी बनाए हुए हैं।

आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को अब ऐसी कार्रवाई करना चाहिए, जिससे आरोपी दोबारा अपराध न कर पाएं और गांव वालों को भी उनकी दहशत से मुक्ति मिल सके।

ग्रामीणों का कहना है पुलिस को वो कार्रवाई करना चाहिए, जिससे आरोपी दोबारा अपराध न कर पाएं।

दो महिलाओं समेत 8 आरोपी गिरफ्तार वारदात के बाद से पुलिस की करीब 4 टीमें लगातार आरोपियों की धरपकड़ में लगी हुई हैं। टीमों ने कार्रवाई करते हुए अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में रामस्वरूप घोषी, मेहरबान, भुजबल, वीरेंद्र घोषी, रामजी, इंद्राज और दो महिलाएं शामिल हैं।

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