पुलिसवाले का बेटा लॉरेंस बिश्नोई कैसे बना इतना बड़ा गैंगस्टर? गोल्डी बराड़ से है पुराना कनेक्शन h3>
नई दिल्ली: पंजाब के मशहूर सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई का पुराना नाता है। आज गैंगस्टर के तौर पर पहचाने जाने वाले इन दोनों की दोस्ती छात्र राजनीति से हुई थी। बाद में उन्हें गैंगस्टर काला जठेड़ी का साथ मिला। फिलहाल लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी दिल्ली की जेल में बंद हैं। गोल्डी बराड़ कनाडा में बताया जा रहा है। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि कोई नहीं करता। सूत्र कह रहे हैं कि तीनों मिलकर बिश्नोई गैंग को चला रहे हैं।
कॉलेज में चुनाव हारा तो तान दी पिस्टल
लॉरेंस बिश्नोई पंजाब पुलिस के एक कॉन्स्टेबल का बेटा है। उसने स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) की स्थापना की थी। बिश्नोई के बदमाशी में आने की शुरुआत एक घटना से हुई बताते हैं। छात्र चुनाव हारने पर उसने पिस्टल तान दी थी। इससे हुई चर्चा ने उसे इस तरफ बढ़ा दिया। गोल्डी बराड़ उसका साथी था। लॉरेंस बिश्नोई के चचेरे भाई की छात्र राजनीति के कारण हत्या हुई थी। बदला लेने के लिए वह पूरी तरह अपराध की दुनिया में आ गया। एक दशक तक पंजाब की छात्र राजनीति में खूब खूनखराबा हुआ।
मूसेवाला को गोल्डी बराड़ ने क्यों बनाया निशाना?
अक्टूबर 2020 में गोल्डी बराड़ के चचेरे भाई और SOPU के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गुरलाल बराड़ की हत्या कर दी गई। आरोप के मुताबिक, गुरलाल की हत्या में कथित तौर पर जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष गुरलाल सिंह पहलवान का हाथ था। पिछले साल की शुरुआत में बिश्नोई गैंग ने गुरलाल पहलवान को मार दिया। इस हत्या का बदला लेने के लिए, उसके सहयोगियों ने पता लगाने का फैसला किया कि बिश्नोई गैंग को गुरलाल के ठिकाने के बारे में किसने जानकारी दी। वे इस नतीजे पर पहुंचे कि युवा अकाली दल के नेता विक्रमजीत सिंह मिड्दुखेड़ा बिश्नोई के मुखबिर थे।
ऐसे में पिछले साल के अंत में विक्रमजीत सिंह की हत्या कर दी गई। इस हत्या में मूसेवाला के मैनेजर शगुनप्रीत का नाम आया। मूसेवाला कांग्रेसी थे, इसलिए मूसेवाला को विक्रमजीत की हत्या के लिए जिम्मेदार माना जाने लगा। गोल्डी बराड़ ने हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए आरोप लगाया था कि अपने रसूख के कारण मूसेवाला पुलिस से बच गया। तब से वह बिश्नोई गैंग के रडार पर था।
गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई की कुंडली
सुशील पहलवान को भी दी थी धमकी
बिश्नोई गैंग ने हत्या के आरोपी ओलंपियन सुशील पहलवान को भी मारने की धमकी दी थी। सुशील पर जिस युवा पहलवान की हत्या का आरोप है वह रिश्ते में काला जठेड़ी का भांजा था। जीटीबी अस्पताल से फिल्मी स्टाइल में गैंगस्टर फज्जा को भगाने के पीछे भी बिश्नोई गैंग का ही हाथ बताया जाता है। इस गैंग का ऐसा खौफ है कि एक बार राजस्थान पुलिस ने कोर्ट में लिखकर दे दिया था कि हमारे पास इतनी सिक्योरिटी नहीं कि हम सुनवाई के लिए जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई को दिल्ली ले जाकर कोर्ट में पेश कर सकें। इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल लॉरेंस बिश्नोई को दिल्ली लेकर आई थी। यह गैंग दर्जनों हत्याएं कर चुका है। हालांकि इनके गैंग के कई लोगों की भी हत्या हो चुकी है।
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कॉलेज में चुनाव हारा तो तान दी पिस्टल
लॉरेंस बिश्नोई पंजाब पुलिस के एक कॉन्स्टेबल का बेटा है। उसने स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) की स्थापना की थी। बिश्नोई के बदमाशी में आने की शुरुआत एक घटना से हुई बताते हैं। छात्र चुनाव हारने पर उसने पिस्टल तान दी थी। इससे हुई चर्चा ने उसे इस तरफ बढ़ा दिया। गोल्डी बराड़ उसका साथी था। लॉरेंस बिश्नोई के चचेरे भाई की छात्र राजनीति के कारण हत्या हुई थी। बदला लेने के लिए वह पूरी तरह अपराध की दुनिया में आ गया। एक दशक तक पंजाब की छात्र राजनीति में खूब खूनखराबा हुआ।
मूसेवाला को गोल्डी बराड़ ने क्यों बनाया निशाना?
अक्टूबर 2020 में गोल्डी बराड़ के चचेरे भाई और SOPU के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गुरलाल बराड़ की हत्या कर दी गई। आरोप के मुताबिक, गुरलाल की हत्या में कथित तौर पर जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष गुरलाल सिंह पहलवान का हाथ था। पिछले साल की शुरुआत में बिश्नोई गैंग ने गुरलाल पहलवान को मार दिया। इस हत्या का बदला लेने के लिए, उसके सहयोगियों ने पता लगाने का फैसला किया कि बिश्नोई गैंग को गुरलाल के ठिकाने के बारे में किसने जानकारी दी। वे इस नतीजे पर पहुंचे कि युवा अकाली दल के नेता विक्रमजीत सिंह मिड्दुखेड़ा बिश्नोई के मुखबिर थे।
ऐसे में पिछले साल के अंत में विक्रमजीत सिंह की हत्या कर दी गई। इस हत्या में मूसेवाला के मैनेजर शगुनप्रीत का नाम आया। मूसेवाला कांग्रेसी थे, इसलिए मूसेवाला को विक्रमजीत की हत्या के लिए जिम्मेदार माना जाने लगा। गोल्डी बराड़ ने हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए आरोप लगाया था कि अपने रसूख के कारण मूसेवाला पुलिस से बच गया। तब से वह बिश्नोई गैंग के रडार पर था।
गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई की कुंडली
सुशील पहलवान को भी दी थी धमकी
बिश्नोई गैंग ने हत्या के आरोपी ओलंपियन सुशील पहलवान को भी मारने की धमकी दी थी। सुशील पर जिस युवा पहलवान की हत्या का आरोप है वह रिश्ते में काला जठेड़ी का भांजा था। जीटीबी अस्पताल से फिल्मी स्टाइल में गैंगस्टर फज्जा को भगाने के पीछे भी बिश्नोई गैंग का ही हाथ बताया जाता है। इस गैंग का ऐसा खौफ है कि एक बार राजस्थान पुलिस ने कोर्ट में लिखकर दे दिया था कि हमारे पास इतनी सिक्योरिटी नहीं कि हम सुनवाई के लिए जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई को दिल्ली ले जाकर कोर्ट में पेश कर सकें। इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल लॉरेंस बिश्नोई को दिल्ली लेकर आई थी। यह गैंग दर्जनों हत्याएं कर चुका है। हालांकि इनके गैंग के कई लोगों की भी हत्या हो चुकी है।