पुराने भोपाल में जाम की समस्या आम, व्यापार से बड़ी चिंता वाहनों के पार्किंग की | The problem of jam is common in old Bhopal | Patrika News

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पुराने भोपाल में जाम की समस्या आम, व्यापार से बड़ी चिंता वाहनों के पार्किंग की | The problem of jam is common in old Bhopal | Patrika News

पुराने भोपाल में जाम की समस्या आम, व्यापार से बड़ी चिंता वाहनों के पार्किंग की | The problem of jam is common in old Bhopal | Patrika News


भोपालPublished: Feb 22, 2023 02:38:35 pm

भोपाल के पुराने शहर में 150 साल से भी पुरानी मार्केट हैं। कुछ तो नवाबी काल की हैं। चौक बाजार, आजाद मार्केट, जुमेराती, जहांगीराबाद, जनकपुरी, हनुमानगंज और इनसे सटे बाजारों में हर दिन कम से कम दो लाख व्यापारी,ग्राहक और आम जन पहुंचते हैं। लेकिन सब के सब खराब ट्रैफिक व्यवस्था और जाम में घंटों बर्बाद करते हैं। वाहनों से सड़कें पटी रहती हैं। 15 हजार से ज्यादा व्यापारियों को अपने व्यापार से बड़ी चिंता अपने वाहनों को सुरक्षित खड़ा करने की रहती है।

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भोपाल. भोपाल के पुराने शहर में 150 साल से भी पुरानी मार्केट हैं। कुछ तो नवाबी काल की हैं। चौक बाजार, आजाद मार्केट, जुमेराती, जहांगीराबाद, जनकपुरी, हनुमानगंज और इनसे सटे बाजारों में हर दिन कम से कम दो लाख व्यापारी,ग्राहक और आम जन पहुंचते हैं। लेकिन सब के सब खराब ट्रैफिक व्यवस्था और जाम में घंटों बर्बाद करते हैं। वाहनों से सड़कें पटी रहती हैं। 15 हजार से ज्यादा व्यापारियों को अपने व्यापार से बड़ी चिंता अपने वाहनों को सुरक्षित खड़ा करने की रहती है। क्योंकि, कहीं कोई पार्किंग की व्यवस्था ही नहीं है। यहां रोजाना 25 से 30 हजार टू व्हीलर और फोर व्हीलर आते हैं। वह भी तब जब आम जन इधर से चारपहिया लेकर गुजरता ही नहीं। इन बाजारों में रोजाना 30 करोड़ से ज्यादा का कारोबार है। बावजूद यह क्षेत्र उपेक्षित है।
आश्वासनों की घुट्टी
विधानसभा चुनाव की वजह से एक बार फिर नेता व्यापारियों और आमजन की समस्या के समाधान की बात कर रहे हैं। लेकिन पिछले 30-40 सालों से आश्वासन मिलता रहा है। यहां की बाजारों के रास्ते इतने संकरे हैं कि दो लोडिंग ऑटो आमने सामने आ जाएं तब भी जाम लग जाता है।
थोक से लेकर फुटकर दुकानें
-जनकपुरी, जुमेराती, हनुमानगंज में रोजाना 150 से 200 टन थोक किराना की बिक्री होती है।
-लखेरापुरा, चौक बाजार में कपड़ा और सराफा मार्केट है। यहां भी भोपाल से बाहर के व्यापारी आते हैं।
– घोड़ा नक्कास में डेयरी, बेकरी और इलेक्ट्रॉनिक मार्केट हंै। यहां सुई से लेकर मशीनों से जुड़ी हर सामग्री मिलती है।
-कफ्र्यू वाली माता मंदिर से हमीदिया अस्पताल तक ऑटोमोबाइल सेक्टर की दुकानें हैं।
हर आधे घंटे में जाम
पुराने शहर में एंट्री करते ही हर आधा घंटे में जाम दिखता है। लखेरापुरा, चौक, घोड़ा नक्कास आदि की संकरी गलियों में इतना जाम होता है कि दोपहिया वाहन भी नहीं निकल पाते।
यहां बने मल्टीलेवल पार्किंग
मल्टीलेवल पार्किंग निर्माण के यहां हैं प्रस्ताव
बि_न मार्केट दशहरा मैदान, मानसरोवर काम्प्लेक्स के सामने, रवींद्र भवन के पीछे, बोट क्लब, नगर निगम मुख्यालय के सामने, भारत टाकीज रोड, गुरबख्श की तलैयां, पुरानी तहसील, जीएमसी, 10 नंबर , मनीषा मार्केट, इतवारा में मछली मार्केट, काजी कैंप, जिंसी चौराहा-स्लाटर हाउस, जुमेराती पोस्ट आफिस, भोपाल टाकीज और सिंधी कालोनी।
पार्किंग की समस्या
पुराने शहर के पार्किंग स्थलों पर कुछ लोगों ने स्थायी रूप से वाहन खड़े कर दिए हैं। ऐसे में व्यापारी और ग्राहकों को वाहन खड़े करने की जगह नहीं मिलती।
नवनीत अग्रवाल, महामंत्री, भोपाल सराफा महासंघ (सराफा चौक)
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बाजार में रोजाना हजारों लोग आते हैं। लेकिन वाहन खड़े करने के लिए जगह नहीं है। इससे व्यापार चौपट हो रहा है।
मोहन शर्मा घंटेवाला, मारवाड़ी रोड
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जुमेराती में पार्किंग की जगह पर कॉम्पलेक्स बन रहा है। पुराना कबाडख़ाना, जुमेराती, हनुमानगंज में पार्किंग की जगह ही नहीं है।
ईश्वर दास संगतानी,दाल-चावल कारोबारी,हनुमानगंज
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बाजारों में पार्किंग कम है। जो हैं भी वहां अतिक्रमण हो चुका है। पुराने भोपाल में कम से कम चार से पांच जगहों पर मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जा सकती है।
तेजकुल पाल सिंह पाली,अध्यक्ष, भोपाल चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज

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