पीलीभीत में धार्मिक स्थलों के बीच शराब दुकान: पास में ही स्कूल, महिलाएं बोलीं- ताला जड़ देंगे, विधायक ने डीएम से हटाने को कहा – Pilibhit News

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पीलीभीत में धार्मिक स्थलों के बीच शराब दुकान:  पास में ही स्कूल, महिलाएं बोलीं- ताला जड़ देंगे, विधायक ने डीएम से हटाने को कहा – Pilibhit News

पीलीभीत में धार्मिक स्थलों के बीच शराब दुकान: पास में ही स्कूल, महिलाएं बोलीं- ताला जड़ देंगे, विधायक ने डीएम से हटाने को कहा – Pilibhit News

पीलीभीत15 मिनट पहले

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महिलाओं ने शराब दुकान को लेकर किया विरोध-प्रदर्शन।

पीलीभीत के पूरनपुर के नारायनपुर क्षेत्र में अंग्रेजी शराब की दुकान खोलने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। यह दुकान पांच धार्मिक स्थलों और दो स्कूलों के पास खोली जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने विधायक बाबूराम पासवान से मिलकर इस दुकान को हटाने की मांग की है।

धार्मिक स्थलों और स्कूलों के बीच शराब की दुकान शराब की यह दुकान हरदोई के एक व्यापारी को आवंटित हुई है, जो एक भाजपा नेता की दुकान किराए पर लेकर इसे संचालित करने की योजना बना रहा है। 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति के तहत दुकान खोलने की तैयारी है, लेकिन इसके खिलाफ विरोध तेज हो गया है।

इस क्षेत्र में रिंगना बाबा मंदिर, संत निरंकारी मिशन, सतपाल महाराज का आश्रम, जय गुरुदेव बाबा का आश्रम और ब्रह्मकुमारी मिशन का मेडिटेशन सेंटर है। इसके अलावा, पास में एक निजी और एक प्राइमरी स्कूल भी हैं। धार्मिक संगठनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह दुकान सामाजिक और धार्मिक मूल्यों के खिलाफ है।

महिलाओं ने दी चेतावनी- दुकान खुली तो ताला जड़ देंगे आज मोहल्ले के लोगों ने दुकान के विरोध की रणनीति तैयार की। तय हुआ कि अगर जबरन दुकान खोली गई तो महिलाएं धरना देंगी और दुकान में ताला जड़ देंगी। इसके बाद वे तहसील और जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने के लिए भी तैयार हैं।

विधायक और प्रशासन हरकत में, आबकारी अधिकारी ने किया निरीक्षण विधायक बाबूराम पासवान ने जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह से बातचीत कर इस दुकान को आबादी क्षेत्र से हटाने की मांग की है। इसके बाद जिला आबकारी अधिकारी और एसडीएम ने मौके का निरीक्षण भी किया है। प्रशासन का कहना है कि जनभावना को देखते हुए उचित फैसला लिया जाएगा।

ग्राम प्रधान अकेले मैदान में, बाकी उम्मीदवार चुप ग्राम पंचायत चुनाव लड़ने वाले संभावित उम्मीदवारों की चुप्पी से ग्रामीणों में नाराजगी है। जहां मौजूदा ग्राम प्रधान सोनू अपने समर्थकों के साथ विरोध में खड़े हैं, वहीं बाकी उम्मीदवारों ने कोई बयान नहीं दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव में इस चुप्पी की कीमत चुकानी पड़ेगी।

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