पीरपैंती पावर प्लांट से आत्मनिर्भर बनेगा बिहार, खुले बाजार से नहीं खरीदनी पड़ेगी बिजली

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पीरपैंती पावर प्लांट से आत्मनिर्भर बनेगा बिहार, खुले बाजार से नहीं खरीदनी पड़ेगी बिजली

पीरपैंती पावर प्लांट से आत्मनिर्भर बनेगा बिहार, खुले बाजार से नहीं खरीदनी पड़ेगी बिजली

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भागलपुर जिले के पीरपैंती में बनने वाला सुपर थर्मल पावर प्लांट बिहार की भविष्य की बिजली की जरूरतों को पूरा करेगा। 800 मेगावाट की तीन इकाई के निर्माण होने से पीरपैंती में 2400 मेगावाट बिजली उत्पादित होगी। बिहार में आए दिन नए कल-कारखाने लग रहे हैं। अभी हर साल 600 मेगावाट बिजली खपत में बढ़ोतरी हो रही है। पीरपैंती पावर प्लांट के बनने से इस खपत को पूरा करने में मदद मिलेगी। बिहार सरकार को खुले बाजार या निजी कंपनियों से बिजली लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी कि बिजली के मामले में बिहार आत्मनिर्भर बन जाएगा।

दरअसल बक्सर के चौसा, लखीसराय के कजरा और भागलपुर के पीरपैंती में 660 मेगावाट की दो-दो यूनिट का निर्माण होना था। 14 साल पहले बनी इस योजना के तहत चौसा पावर प्लांट का काम शुरू हो गया। मगर लखीसराय के कजरा और भागलपुर के पीरपैंती में 660 मेगावाट की दो-दो यूनिट बिजली घर बनाने का मामला फंस गया। तय हुआ कि कजरा एवं पीरपैंती में सोलर पावर प्लांट बनाया जाएगा। कजरा में 150 मेगावाट सोलर बिजली पर काम शुरू हो गया लेकिन पीरपैंती में हुए आकलन में पाया गया कि हरा-भरा क्षेत्र अधिक होने के कारण मात्र 50 मेगावाट ही सोलर बिजली उत्पादित हो सकती है। इस कारण ऊर्जा विभाग ने तय किया कि पीरपैंती में थर्मल बिजली घर का निर्माण कराया जाएगा।

इसी बीच पीरपैंती में ताप विद्युत केंद्र की स्थापना करने के लिए कोल इंडिया की ओर से बिहार को प्रस्ताव दिया गया। इसके बाद ऊर्जा विभाग ने कोयला मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि इस दिशा में काम करने की स्वीकृति प्रदान करे। पीरपैंती में 1020.60 एकड़ भूमि पहले से अधिग्रहित है, इसलिए यहां पावर प्लांट बनाने में कोई परेशानी नहीं होगी। बजट में घोषणा होने के बाद अब यहां आसानी से बिजली घर का काम शुरू हो जाएगा। पीरपैंती में बनने वाला बिजली घर उन्नत तकनीक पर आधारित होगा।

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बिहार के विकास में नया अध्याय जुड़ेगा : ऊर्जा मंत्री 

राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने मंगलवार को कहा कि वित्त मंत्री की घोषणा से बिहार के विकास में एक नया अध्याय जुड़ेगा। केंद्र सरकार ने अपने बजट में इस परियोजना के लिए 21,400 करोड़ की मंजूरी दी है। इससे पता चलता है कि बिहार के विकास को लेकर केंद्र सरकार कितनी गंभीर है। बिहार में उद्योग धंधों के विकास के लिए यह काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। इस परियोजना से राज्य में अगले 15-20 वर्षों तक बिजली की आवश्यकता पूरी होती रहेगी। उन्होंने कहा कि बिहार द्वारा प्रस्तावित इस पावर प्लांट का कुल बजट 20,000 करोड़ था जिसे बढ़ाकर 21,400 करोड़ कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक बिहार में अभी 7000 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही है। पीक आवर में यह मांग बढ़कर 7600 मेगावाट हो जाती है। पीरपैंती बिजली घर बनने से 2400 मेगावाट की जरूरत पूरी हो सकेगी। इससे बाजार से बिजली खरीदने पर निर्भरता कम होगी। हालांकि, अनुमान के मुताबिक अगले 10 साल के भीतर राज्य में बिजली की मांग बढ़कर 14 हजार मेगावाट हो जाएगी।

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