पीटीआई भर्ती में हाईकोर्ट ने पूछा-यूनिवर्सिटी के पास कितने झरने: झुंझुनूं से झारखंड कैसे जाते थे, सरकार ने कहा-यूनिवर्सिटी ने स्वीकृत से ज्यादा बांट दी डिग्रियां – Jaipur News h3>
पीटीआई भर्ती 2021 में डिग्रियों की फर्जीवाड़े से जुड़े मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जस्टिस समीर जैन ने कोर्ट में मौजूद याचिकाकर्ताओं से सवाल करते हुए पूछा कि जिस यूनिवर्सिटी से आपने डिग्री हासिल की, उसके पास में कितने झरने है
.
एक याचिकाकर्ता से कोर्ट ने पूछा कि आप राजस्थान से बाहर अध्ययन करने के लिए क्यों गए। झुंझुनू से झारखंड कैसे जाते थे।
कई याचिकाकर्ता कोर्ट को संतुष्टिपूर्वक जवाब नहीं दे पाए।
यूनिवर्सिटी ने स्वीकृत से ज्यादा बांट दी डिग्रियां
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता बसंत सिंह छाबा ने कहा कि फर्जी डिग्रियों को लेकर जांच चल रही है। जिन यूनिवर्सिटी की डिग्रियां लगाई गई हैं। उन यूनिवर्सिटी ने स्वीकृति से ज्यादा डिग्रियां बांट दी।
उन्होंने हाई कोर्ट में कहा कि सिकोहाबाद की जेएस यूनिवर्सिटी को एनसीईटी से 2016 में ही 100 सीटों पर कोर्स कराने की मान्यता मिली थी। लेकिन 2022 में 2078 ने यूनिवर्सिटी की डिग्रियां लगा दी। इसी तरह का हाल अन्य यूनिवर्सिटी का हैं।
उन्होंने कहा कि जो याचिकाकर्ता यह कह रहे हैं कि ई-मित्र की गलती की वजह से गलत यूनिवर्सिटी के सर्टिफिकेट अपलोड हो गए अथवा एनरोलमेंट नंबर की जगह रोल नंबर लिख दिए गए।
उन सभी का रिकॉर्ड हमारे पास में है। इन सभी ने खुद पीटीआई भर्ती का फॉर्म भरा था।
यथास्थिति के आदेश जारी रहेंगे
हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की हद तक यथास्थिति के आदेश जारी रहेंगे। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि उन्होने फर्जी डिग्री नहीं लगाई। ई-मित्र संचालकों ने बीपीएड परीक्षा के रोल नंबर की जगह गलती से एनरोलमेंट नंबर भर दिया। कई आवेदन पत्रों में रोल नंबर का कॉलम खाली छोड़ दिया।
भर्ती विज्ञापन में दस्तावेज सत्यापन के समय गलती सुधारने की छूट दी गई थी। ऑफलाइन आवेदन पत्र में और दस्तावेज सत्यापन के समय गलतियों को सुधार दिया गया। बाद में पात्र मानते हुए नियुक्तियां भी दे दी गई। लेकिन अब सेवा बर्खास्तगी का नोटिस भेजा जा रहा है। जो पूरी तरह से अनुचित हैं।
क्या है मामला
दरअसल, पीटीआई भर्ती 2021 मामले में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने फर्जी डिग्री के जरिए नौकरी हासिल करने वाले 129 पीटीआई टीचर को बर्खास्त कर दिया था। ये टीचर लगभग 16 महीने से नौकरी कर रहे थे।साल 2022 में 5546 पदों पर भर्ती निकली थी। इसमें 12वीं तक की पढ़ाई और शारीरिक शिक्षा में प्रमाण पत्र या डिप्लोमा की जरूरत थी।
पीटीआई भर्ती में सफल अभ्यर्थियों की डिग्री और अन्य दस्तावेजों का वेरिफिकेशन किया गया, जिसमें कई दस्तावेज फर्जी या मिसमैच पाए गए। चयनित 321 अभ्यर्थियों के दस्तावेज में विसंगतियां पाई गईं। जांच में यह भी पता चला कि कई ऐसे लोगों ने भी नौकरी हासिल कर ली थी, जिन्होंने केवल 8वीं तक की पढ़ाई की थी। 244 अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री और दस्तावेजों के जरिए नियुक्ति हासिल की थी, जिनकी लिस्ट शिक्षा विभाग को भेजी गई थी।