पीजी भूगोल विभाग में एजुसैट कार्यक्रम शुरू

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पीजी भूगोल विभाग में एजुसैट कार्यक्रम शुरू

पीजी भूगोल विभाग में एजुसैट कार्यक्रम शुरू

दरभंगा। लनामि विवि के पीजी भूगोल विभाग में ‘सुदूर संवेदन भौगोलिक सूचना प्रणाली तथा…

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,दरभंगाMon, 22 Aug 2022 05:50 PM

दरभंगा। लनामि विवि के पीजी भूगोल विभाग में ‘सुदूर संवेदन भौगोलिक सूचना प्रणाली तथा वैश्विक दिशा निर्देशन उपग्रह प्रणाली विषय पर आईआईआरएस, इसरो द्वारा संचालित 15 सप्ताह के कौशल विकास कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को हुआ। इस कार्यक्रम में भूगोल विभाग के विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों के अतिरिक्त इतिहास, गणित, भौतिकी एवं अंग्रेजी विभाग के 50 से अधिक छात्रों ने पंजीकृत किया है। इस कोर्स का संचालन 22 अगस्त से 25 नवंबर तक होगा। देहरादून स्थित आईआईआरएस निदेशालय में इस तकनीकी कार्यक्रम की कोर्स संचालिका के रूप में डॉ. पूनम तिवारी योगदान दे रही हैं। उन्होंने उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान आईआईआरएस की वार्षिक उपलब्धियों एवं भविष्य में संचालन होने वाले कोर्सेज के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आईआईआरएस की हेड वैज्ञानिक (जीटीओपी) डॉ. शेफाली अग्रवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया। देहरादून से प्रसारित कार्यक्रम में वरीय वैज्ञानिक आरएस सूजा रोज, थॉमस मैथ्यू, निर्मला ज्योत्सना, प्रत्यक्षा प्रवीण गुंडेचा, राजवीर के शास्त्री व क्रूनाल भानुभाई उपस्थित थे। पहले दिन के तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता के रूप डॉ. चंद्रमोहन भट्ट ने सुदूर संवेदन की भूमिका पर व्याख्यान दिया। उन्होंने एक्टिव तथा पैसिव सुदूर संवेदन के सिद्धांतों को समझाया तथा उपग्रहीय तकनीकों पर प्रकाश डाला। संकायाध्यक्ष एकेडमिक्स डॉ. प्रमोद कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम में 11 हजार से अधिक भारतीय तथा विदेशी छात्र-छात्राएं इसमें शिरकत कर रहे हैं। पीजी भूगोल विभाग के सहायक प्राचार्य एवं कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ. मनु राज शर्मा ने तकनीकी कार्यक्रमों के आयोजन पर बल दिया तथा इन्हें छात्रों के कौशल विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने बताया कि इस तकनीकी शिक्षा का उपयोग छात्र-छात्राएं भविष्य में मिथिला एवं बिहार राज्य की भौतिक समस्याओं जैसे बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदा के अध्ययन के लिए कर सकेंगे। इस तकनीकी शिक्षा से शोध कार्यों में गुणवत्तापूर्ण में वृद्धि होगी। भारत सरकार द्वारा प्रदत ‘न्यू जिओ स्पेशल पॉलिसी 2020 के बाद बहुत सारे उपग्रहों द्वारा खींची गई तस्वीरें एवं सॉफ्टवेयर अब शोधार्थियों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध हैं। इस कोर्स के दौरान विद्यार्थियों को उपग्रहों द्वारा खींची गई तस्वीरों के विभिन्न आयामों एवं संभावनाओं पर व्याख्यान दिया जाएगा। वरीय शिक्षक डॉ. अनुरंजन ने छात्रों के इस तकनीकी शिक्षा के रुझान पर हर्ष व्यक्त किया।

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