पीएम की सुरक्षा में चूक के लिए 200 रु का जुर्माना! सीएम शिवराज ने सोनिया गांधी से लगा दी सवालों की झड़ी h3>
भोपाल
पिछले सप्ताह पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia gandhi) को कटघरे में खड़ा किया है। घटना के सात दिन बाद बुधवार को शिवराज ने इसे साजिश करार देते हुए दावा किया कि इसके तार कांग्रेस आलाकमान से जुड़े हैं। भोपाल में मीडियाकर्मियों से बातचीत में सीएम ने सोनिया (Shivraj Questions Sonia Gandhi) के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से भी कई सवाल पूछे।
घटना को बताया साजिश
शिवराज ने एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देते हुए कहा कि इससे यह साबित हो चुका है कि पीएम की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ की साजिश रची गई थी। 5 जनवरी को हुई घटना के बाद कई कांग्रेस नेता इस पर खुशी का इजहार कर रहे थे। घटना के बाद पंजाब सरकार ने जो मामला दर्ज किया, उसमें 200 रुपये के जुर्माने का प्रावधन है। शिवराज ने सवाल किया कि पीएम की सुरक्षा का मामला राष्ट्रद्रोह जैसा है। इसके लिए इतनी कम सजा कैसे हो सकती है।
चन्नी साथ क्यों नहीं थे
शिवराज ने सोनिया गांधी और चन्नी से एक साथ कई सवाल किए। उन्होंने पूछा कि पीएम के दौरे में राज्य के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी उनके साथ क्यों नहीं थे। सीएम चन्नी ने कहा था कि किसी के कोरोना संक्रमित होने के चलते वे पीएम मोदी के साथ नहीं थे, लेकिन इसके कुछ देर बाद ही वे बिना मास्क पहने प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए।
सोनिया के साथ राहुल से भी मांगा जवाब
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि पीएम के रूट की जानकारी प्रदर्शनकारियों को कैसे मिली। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद इतने कम समय में प्रदर्शनकारियों की इतनी भीड़ कैसे जमा हो गई। यदि रूट की सुरक्षा को लेकर संदेह था तो पीएम के काफिले को इसकी जानकारी समय रहते क्यों नहीं दी गई। इतना ही नहीं, जब पीएम के काफिला को रोकना पड़ा तो पंजाब के मुख्यमंत्री फोन क्यों नहीं उठा रहे थे। गृह मंत्रालय के अधिकारी और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा तक के फोन चन्नी ने नहीं उठाए। शिवराज ने कहा कि सोनिया के साथ राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी को इन सवालों के जवाब देने होंगे।
कमलनाथ ने बताया उतावलापन
पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज के आरोपों को उनका उतावलापन बताया है। कमलनाथ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय समिति मामले की जांच कर रही है। ऐसे में केवल मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर ऐसे आरोप लगाना ठीक नहीं है। शिवराज अपनी कुर्सी बचाने के लिए राजनीति कर रहे हैं। यदि उनके पास पंजाब की घटना से संबंधित कोई प्रमाण है तो उसे जांच समिति को देना चाहिए।
पिछले सप्ताह पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia gandhi) को कटघरे में खड़ा किया है। घटना के सात दिन बाद बुधवार को शिवराज ने इसे साजिश करार देते हुए दावा किया कि इसके तार कांग्रेस आलाकमान से जुड़े हैं। भोपाल में मीडियाकर्मियों से बातचीत में सीएम ने सोनिया (Shivraj Questions Sonia Gandhi) के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से भी कई सवाल पूछे।
घटना को बताया साजिश
शिवराज ने एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देते हुए कहा कि इससे यह साबित हो चुका है कि पीएम की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ की साजिश रची गई थी। 5 जनवरी को हुई घटना के बाद कई कांग्रेस नेता इस पर खुशी का इजहार कर रहे थे। घटना के बाद पंजाब सरकार ने जो मामला दर्ज किया, उसमें 200 रुपये के जुर्माने का प्रावधन है। शिवराज ने सवाल किया कि पीएम की सुरक्षा का मामला राष्ट्रद्रोह जैसा है। इसके लिए इतनी कम सजा कैसे हो सकती है।
चन्नी साथ क्यों नहीं थे
शिवराज ने सोनिया गांधी और चन्नी से एक साथ कई सवाल किए। उन्होंने पूछा कि पीएम के दौरे में राज्य के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी उनके साथ क्यों नहीं थे। सीएम चन्नी ने कहा था कि किसी के कोरोना संक्रमित होने के चलते वे पीएम मोदी के साथ नहीं थे, लेकिन इसके कुछ देर बाद ही वे बिना मास्क पहने प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए।
सोनिया के साथ राहुल से भी मांगा जवाब
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि पीएम के रूट की जानकारी प्रदर्शनकारियों को कैसे मिली। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद इतने कम समय में प्रदर्शनकारियों की इतनी भीड़ कैसे जमा हो गई। यदि रूट की सुरक्षा को लेकर संदेह था तो पीएम के काफिले को इसकी जानकारी समय रहते क्यों नहीं दी गई। इतना ही नहीं, जब पीएम के काफिला को रोकना पड़ा तो पंजाब के मुख्यमंत्री फोन क्यों नहीं उठा रहे थे। गृह मंत्रालय के अधिकारी और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा तक के फोन चन्नी ने नहीं उठाए। शिवराज ने कहा कि सोनिया के साथ राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी को इन सवालों के जवाब देने होंगे।
कमलनाथ ने बताया उतावलापन
पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज के आरोपों को उनका उतावलापन बताया है। कमलनाथ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय समिति मामले की जांच कर रही है। ऐसे में केवल मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर ऐसे आरोप लगाना ठीक नहीं है। शिवराज अपनी कुर्सी बचाने के लिए राजनीति कर रहे हैं। यदि उनके पास पंजाब की घटना से संबंधित कोई प्रमाण है तो उसे जांच समिति को देना चाहिए।