पीएम की सभा में काला बिल्ला लगाकर जाने की चेतावनी: सरकार की नीतियों के खिलाफ मुखिया संघ, कहा- 15 अप्रैल को सड़क पर उतरेंगे – Bhojpur News h3>
बिहार सरकार और भारत सरकार की नीतियों के खिलाफ आज मुखिया संघ ने एक निजी होटल में पीसी की। ग्राम पंचायत की बदतर स्थिति को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा है। संदेश प्रखंड के मुखिया संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार यादव, बागा पंचायत के मुखिया उपेंद्र ओझा समेत स
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मनोज ने कहा कि सरकार की दोहरी नीति और कानून खत्म होना चाहिए। मनरेगा में भी मुखिया के अधिकारों में कटौती की जा रही है। साढ़े 3 महीने बीत जाने के बाद भी मजदूरों का भुगतान नहीं हो रहा है, लेकिन मुखिया अपने दम पर पंचायत में काम कर रहे हैं।
मजदूरों की मजदूरी 245 रुपए से बढ़कर 500 रुपए होनी चाहिए। जनता के बीच में काफी समस्या है, विधवा, विकलांग और वृद्ध को इतनी महंगाई में 400 रुपए का पेंशन दिया जाता है। विधायक और सांसद को लाखों रुपए का वेतन दिया जाता है।
गरीब आदमी को कोई पूछने तक नहीं आता है। मुखिया संघ के माध्यम से बिहार और भारत सरकार से मांग करते हैं कि इसको बढ़ाकर 2 हजार रुपए किया जाए। 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन समस्तीपुर में होने जा रहा है।
उसी दिन पंचायती राज्य दिवस पूरे देश में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री खिलाफ हमारा चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत हो गई है। अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तो 15 अप्रैल को पूरे बिहार के सभी प्रखंड मुख्यालयों में सड़क पर उतरकर सरकार को घेरने का काम करेंगे। उसके बाद भी अगर सरकार नहीं मानती है तो 17 अप्रैल को पटना में मुखिया संघ की ओर से विरोध-प्रदर्शन होगा। फिर भी सरकार की नींद नहीं खुलती है तो 24 अप्रैल को काला बिल्ला लगाकर हम लोग प्रधानमंत्री की सभा में जाएंगे। अधिकारों को वापस करने के लिए आवाज उठाएंगे।
निजी होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस का किया गया आयोजन
ग्राम पंचायत के हक व अधिकारों में लगातार कटौती की जा रही
मुखिया संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने कहा कि बिहार सरकार और भारत सरकार की ओर से ग्राम पंचायत के हक व अधिकारों में लगातार कटौती की जा रही है। पार्लियामेंट और बिहार विधानसभा में जो बिल पास होता है उसे तुरंत लागू कर दिया जाता है। वैसे ही हमारी ग्राम पंचायत की सरकार है, जो हम ग्राम सभा करते हैं, जो जनता की समस्या होती है, जिसको हम पारित करते है वह भी लागू होना चाहिए। लेकिन सरकार ग्राम पंचायत के अधिकार को छीनकर अपने मन से जबरदस्ती योजना को थोप रही है।
जैसे पंचायतों में स्ट्रीट लाइट मामले में पैसा ग्राम पंचायत का है, लेकिन सरकार ब्रेडा कंपनी से समझौता करके और जबरदस्ती गांवों में लाइट लगवा रही। मुखिया और पंचायत सचिव से भुगतान कराया जा रहा है। स्ट्रीट लाइट लगने के बाद किसी भी गांव में नहीं जल रही है। जनता पंचायत के प्रतिनिधि को गाली देती है और 15वां वित्त का बहुत कम मात्रा में राशि सरकार से मिलती है। उसको भी टाइड और अनटाइड, जेनरल, मेंटेनेंस में करके उलझाने का काम करती है।
ग्राम पंचायत के विकास को सरकार रोक रही
मनोज ने कहा कि ग्राम पंचायत के विकास को सरकार रोकने का काम कर रही है। बिहार और भारत सरकार के अधिकार की तरह ग्राम पंचायत के सरकार को बहाल करना चाहिए । 73वें संशोधन में हमलोगों के 29 विषय की मांग है। आज सरकार हमलोगों के साथ दोहरीनीति अपना रही है। लोकसभा, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को आज पेंशन के साथ वेतन भी मिलता है, लेकिन उसी वोट से पंचायत के जनप्रतिनिधि जीतकर आते है, लेकिन एक रुपया भी वेतन और पेंशन नहीं मिलता है।