पिता ने खून बेचकर सिलेंडर भरवाया, खाने के लिए आटा खरीदा, बच्चों की फीस का नोटिस देख टूट गया हौसला h3>
सतना:मध्यप्रदेश के सतना जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बेबस पिता ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। बेटी का इलाज कराते-कराते पिता की सारी संपत्ति बिक गई। दरअसल, जिले के ट्रांसपोर्ट नगर के रहने वाले प्रमोद गुप्ता ने मंगलवार सुबह करीब 4.30 बजे ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने से पहले प्रमोद ने अपनी बेटी को फोन कर कहा कि अब मैं थक गया हूं, मेरे पास आत्महत्या करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। इसलिए अब मैं जा रहा हूं। बड़ी बेटी ने बताया कि घर में इस कदर गरीबी थी कि आटा लाने के लिए उसके पिता ने खून बेचा था।
प्रमोद अपनी मेधावी बीमार बेटी के इलाज और घर की जरूरतों को पूरा करने के घर, दुकान यहां तक अपना खून भी बेचा। उसने प्रशासन से भी मदद मांगी लेकिन उसे मदद नहीं केवल भरोसा मिला। लाचार पिता सालों तक सुबह-शाम अधिकारियों के ऑफिस में चक्कर लगाता रहा लेकिन उसे मदद नहीं मिली। अंत में सिस्टम और अपनी गरीबी से हार कर उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
हादसे में खो गया था बेटी का पैर
प्रमोद गुप्ता की बेटी अनुष्का का पांच साल पहले हादसा हो गया था। इस हादसे में उसकी जान तो बच गई लेकिन रीढ़ की हड्डी टूटने के कारण वह चल फिर नहीं सकती थी। प्रमोद ने अपनी बेटी का इलाज कराने का निश्चय किया। इलाज कराने में पहले उसकी सारी जमा पूंजी खत्म हो गई। प्रमोद खुद का बिजनेस करते थे लेकिन बेटी की बीमारी और उसके इलाज में पहले उनकी दुकान और फिर घर भी बिक गया। जमीन और जायदाद भी बेच दी।
प्रशासन ने किया था बेटी का सम्मान
अनुष्का पढ़ने में बहुत होशियार थी। दसवीं क्लास में उसने टॉप किया था जिसके बाद प्रशासन ने उसका सम्मान किया था और हर संभव मदद का भरोसा दिया था। लेकिन हादसे के बाद प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। पिता आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए साल भर भटकता रहा लेकिन उसका आयुष्मान कार्ड भी नहीं बना। बेटी अनुष्का ने बताया कि हाल ही में घर में आटा और सिलेंडर खत्म हो गया था। हम लोगों के खाने के लिए पिता ने अपना खून बेचकर सिलेंडर भरवाया और आटा खरीदकर लाए थे।
बच्चों की फीस का नोटिस आया तो टूट गया पिता
अनुष्का ने बताया कि फीस जमा नहीं होने से जैसे ही स्कूल से नोटिस आया उसके बाद पिता टूट गए। पिता के सुसाइड करने के बाद अब पूरा परिवार सदमे में है। अनुष्का अपने पिता के मौत का जिम्मेदार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को मानती है। अनुष्का ने कहा कि जिस दिन मेरा सम्मान किया गया था उस दिन बड़े-बड़े वादे किए गए थे। गरीबी रेखा का कार्ड, स्मार्टफोन और इलाज का खर्च देने की बात कही गई थी लेकिन बाद में कोई पूछने नहीं आया।
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हादसे में खो गया था बेटी का पैर
प्रमोद गुप्ता की बेटी अनुष्का का पांच साल पहले हादसा हो गया था। इस हादसे में उसकी जान तो बच गई लेकिन रीढ़ की हड्डी टूटने के कारण वह चल फिर नहीं सकती थी। प्रमोद ने अपनी बेटी का इलाज कराने का निश्चय किया। इलाज कराने में पहले उसकी सारी जमा पूंजी खत्म हो गई। प्रमोद खुद का बिजनेस करते थे लेकिन बेटी की बीमारी और उसके इलाज में पहले उनकी दुकान और फिर घर भी बिक गया। जमीन और जायदाद भी बेच दी।
प्रशासन ने किया था बेटी का सम्मान
अनुष्का पढ़ने में बहुत होशियार थी। दसवीं क्लास में उसने टॉप किया था जिसके बाद प्रशासन ने उसका सम्मान किया था और हर संभव मदद का भरोसा दिया था। लेकिन हादसे के बाद प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। पिता आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए साल भर भटकता रहा लेकिन उसका आयुष्मान कार्ड भी नहीं बना। बेटी अनुष्का ने बताया कि हाल ही में घर में आटा और सिलेंडर खत्म हो गया था। हम लोगों के खाने के लिए पिता ने अपना खून बेचकर सिलेंडर भरवाया और आटा खरीदकर लाए थे।
बच्चों की फीस का नोटिस आया तो टूट गया पिता
अनुष्का ने बताया कि फीस जमा नहीं होने से जैसे ही स्कूल से नोटिस आया उसके बाद पिता टूट गए। पिता के सुसाइड करने के बाद अब पूरा परिवार सदमे में है। अनुष्का अपने पिता के मौत का जिम्मेदार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को मानती है। अनुष्का ने कहा कि जिस दिन मेरा सम्मान किया गया था उस दिन बड़े-बड़े वादे किए गए थे। गरीबी रेखा का कार्ड, स्मार्टफोन और इलाज का खर्च देने की बात कही गई थी लेकिन बाद में कोई पूछने नहीं आया।
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