पिता की विरासत संभालते हुए प्रो. सोनिया को पद्मश्री सम्मान: डॉ. नित्यानंद केजीएमयू कुलपति को पद्मश्री; हिमेटोलॉजी विभाग की स्थापना – Lucknow News h3>
प्रो. सोनिया नित्यानंद।
सीडीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. नित्यानंद की बेटी और केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद को चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा गया। केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने चिकित्सा और शो
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इस सम्मान ने न केवल उनके पिता, प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. नित्यानंद की विरासत को आगे बढ़ाया, बल्कि लखनऊ और देश का गौरव भी बढ़ाया।
केजीएमयू और लखनऊ का गौरव
पद्मश्री सम्मान के बाद केजीएमयू, लोहिया संस्थान और एसजीपीजीआई में खुशी का माहौल है। प्रो. सोनिया की इस उपलब्धि ने लखनऊ के चिकित्सा संस्थानों की प्रतिष्ठा को और मजबूत किया है।
पिता की विरासत को सहेजते हुए बड़ी उपलब्धि
प्रो. सोनिया नित्यानंद, मशहूर वैज्ञानिक और गर्भनिरोधक दवा ‘सहेली’ के जनक पद्मश्री डॉ. नित्यानंद की बेटी हैं। डॉ. नित्यानंद, जो केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) से जुड़े थे, को चिकित्सा और शोध में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। अब उनकी बेटी ने यह सम्मान पाकर परिवार की दूसरी पीढ़ी को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया है।
हिमेटोलॉजी विभाग की स्थापना: एक बड़ी उपलब्धि
प्रो. सोनिया नित्यानंद के प्रयासों से ही संजय गांधी पीजीआई में हिमेटोलॉजी विभाग की स्थापना हुई। यह विभाग खून संबंधी बीमारियों के इलाज में मील का पत्थर साबित हुआ। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल चिकित्सा क्षेत्र को नई दिशा दी, बल्कि हजारों मरीजों को बेहतर इलाज का लाभ भी मिला।
चिकित्सा शिक्षा और प्रशासन में प्रभावशाली भूमिका
केजीएमयू की कुलपति बनने से पहले प्रो. सोनिया लोहिया संस्थान की निदेशक रह चुकी हैं। वह केजीएमयू से ही चिकित्सा की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं और सर्वश्रेष्ठ मेडिकल विद्यार्थी के रूप में उन्हें चांसलर पदक भी दिया गया था। वे प्रो. सरोज चूड़ामणि के बाद केजीएमयू की दूसरी महिला कुलपति हैं।
पुरस्कारों की लंबी सूची
पद्मश्री से पहले प्रो. सोनिया को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं, जिनमें 2003-04 का राष्ट्रीय जैव विज्ञान कैरियर पुरस्कार, यंग साइंटिस्ट अवार्ड, एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया का डॉ. जेसी पटेल और डॉ. बीसी मेहता पुरस्कार शामिल हैं।
भावुक हुईं प्रो. सोनिया, जताया आभार
पद्मश्री के लिए चुने जाने पर प्रो. सोनिया ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह पुरस्कार मेरे पिता के पदचिन्हों पर चलने और मेरे कार्यों को मान्यता देने का प्रतीक है। मैं अपने सहयोगियों, परिवार और संस्थानों की आभारी हूं।”डॉ. नित्यानंद का नाम भारतीय चिकित्सा और फार्माकोलॉजी के क्षेत्र में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। उनकी खोज, ‘सहेली’ दवा, महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण रही। उनकी इस खोज को आज भी चिकित्सा जगत में मील का पत्थर माना जाता है। उनकी बेटी प्रो. सोनिया नित्यानंद ने पिता की तरह चिकित्सा क्षेत्र में अपने योगदान से नई ऊंचाइयों को छुआ है।