पिछड़ों को आग में ना झोकें तो अच्छा होगा… केंद्रीय मंत्री प्रह्ललाद पटेल ने OBC आरक्षण पर शिवराज को चेताया? h3>
हाइलाइट्स
- एमपी में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण को लेकर अपनों के निशाने पर शिवराज सरकार
- केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल
- मंत्री ने कहा कि पिछड़ों को आग में ना झोकें तो अच्छा होगा
- ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा रही है शिवराज सरकार
छिंदवाड़ा
एमपी (Madhya Pradesh OBC Reservation) में ओबीसी आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार उल्टे ही फंस गई है। सरकार अब ओबीसी को आरक्षण नहीं मिलने को लेकर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है। साथ ही अपने प्रयासों को गिना रही है। मगर शिवराज सिंह चौहान की सरकार अपने अपनों के निशाने पर आई है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने छिंदवाड़ा में चेताया है कि पिछोड़ों को आग में ना झोकें तो अच्छा होगा।
इससे साफ है कि शिवराज सरकार इस मसले पर बुरी तरह से घिर गई है। छिंदवाड़ा पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब कभी हमें चुनावी राजनीति में आरक्षण की बात करनी थी तो या तो हमें SC जाना था या फिर सदन में। उसमें जो चूक जिन सरकारों ने की है, उसे दुरुस्त करने के लिए एक बेहतर तरीका ये है कि हम संयम का परिचय दें। पिछडों को आग में ना झोकें तो अच्छा होगा। इस बयान से साफ है कि केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल का यह संदेश अपनी ही सरकार के लिए हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि आरक्षण को लेकर पिछड़ों के नाम पर सबको मिलकर यह लड़ाई लड़नी होगी। पिछड़ों के नाम पर उन्हें आग में मत झोंकिए। मैं पिछड़ों की लड़ाई लड़ता हूं और अच्छे से समझता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि आप यदि मध्यप्रदेश के घटनाक्रम को देखेंगे तो 2009 में न्यायालय ने कहा था कि आप आयोग के जरिए अपने रास्ते को तय कीजिए, दुर्भाग्य से वह चीजें यहां नहीं हो पाई, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर आयोग नहीं रहा होगा।
मंत्री ने कहा कि उस समय राज्य में बन सकता था, या नहीं बन सकता था, यह विवाद का विषय हो सकता है, लेकिन जो कोर्ट ने जो कहा उसका यह कारण हो सकता है। प्रह्ललाद पटेल ने कहा कि मेडिकल की काउंसलिंग रुकी हुई है, यूपीएससी के रिजल्ट रुके हुए हैं। मुझे लगता है कि हमें फास्ट ट्रैक पर जाकर काम करने कि जरूरत है। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि हम एक साथ मिलकर तरीके से न्यायालय के पास जाए या फिर संसद में जाए, तीसरा कोई रास्ता नहीं है।
गौरतलब है कि एमपी में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का मामला कोर्ट में चल रहा है। सरकार लगातार कोर्ट से झटके खा रही है। पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट जा रही है। सदन में सीएम शिवराज ने बयान दिया है कि प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव नहीं होंगे। उन्होंने कहा था कि हमारी पार्टी सभी लोगों की हितैषी है। मगर प्रह्लाद पटेल के बयान से सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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हाइलाइट्स
- एमपी में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण को लेकर अपनों के निशाने पर शिवराज सरकार
- केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल
- मंत्री ने कहा कि पिछड़ों को आग में ना झोकें तो अच्छा होगा
- ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा रही है शिवराज सरकार
एमपी (Madhya Pradesh OBC Reservation) में ओबीसी आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार उल्टे ही फंस गई है। सरकार अब ओबीसी को आरक्षण नहीं मिलने को लेकर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है। साथ ही अपने प्रयासों को गिना रही है। मगर शिवराज सिंह चौहान की सरकार अपने अपनों के निशाने पर आई है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने छिंदवाड़ा में चेताया है कि पिछोड़ों को आग में ना झोकें तो अच्छा होगा।
इससे साफ है कि शिवराज सरकार इस मसले पर बुरी तरह से घिर गई है। छिंदवाड़ा पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब कभी हमें चुनावी राजनीति में आरक्षण की बात करनी थी तो या तो हमें SC जाना था या फिर सदन में। उसमें जो चूक जिन सरकारों ने की है, उसे दुरुस्त करने के लिए एक बेहतर तरीका ये है कि हम संयम का परिचय दें। पिछडों को आग में ना झोकें तो अच्छा होगा। इस बयान से साफ है कि केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल का यह संदेश अपनी ही सरकार के लिए हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि आरक्षण को लेकर पिछड़ों के नाम पर सबको मिलकर यह लड़ाई लड़नी होगी। पिछड़ों के नाम पर उन्हें आग में मत झोंकिए। मैं पिछड़ों की लड़ाई लड़ता हूं और अच्छे से समझता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि आप यदि मध्यप्रदेश के घटनाक्रम को देखेंगे तो 2009 में न्यायालय ने कहा था कि आप आयोग के जरिए अपने रास्ते को तय कीजिए, दुर्भाग्य से वह चीजें यहां नहीं हो पाई, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर आयोग नहीं रहा होगा।
मंत्री ने कहा कि उस समय राज्य में बन सकता था, या नहीं बन सकता था, यह विवाद का विषय हो सकता है, लेकिन जो कोर्ट ने जो कहा उसका यह कारण हो सकता है। प्रह्ललाद पटेल ने कहा कि मेडिकल की काउंसलिंग रुकी हुई है, यूपीएससी के रिजल्ट रुके हुए हैं। मुझे लगता है कि हमें फास्ट ट्रैक पर जाकर काम करने कि जरूरत है। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि हम एक साथ मिलकर तरीके से न्यायालय के पास जाए या फिर संसद में जाए, तीसरा कोई रास्ता नहीं है।
गौरतलब है कि एमपी में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का मामला कोर्ट में चल रहा है। सरकार लगातार कोर्ट से झटके खा रही है। पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट जा रही है। सदन में सीएम शिवराज ने बयान दिया है कि प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव नहीं होंगे। उन्होंने कहा था कि हमारी पार्टी सभी लोगों की हितैषी है। मगर प्रह्लाद पटेल के बयान से सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।