पापा के साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ेगा 7 साल का बेटा, पिता देना चाहते हैं यह संदेश | down syndrome child will conquer mount everest with his father | Patrika News h3>
संदेश देना चाहते हैं आदित्य तिवारी, 6 माह से कर रहे हैं एवरेस्ट के लिए तैयारी…।
इंदौर
Updated: April 14, 2022 03:17:00 pm
इंदौर। आदित्य ने अपने 7 साल के दिव्यांग बेटे के साथ एवरेस्ट की चढ़ाई करने का बड़ा फैसला किया है। आदित्य अपने बेटे को बहुत चाहते हैं। वे यह भी चाहते हैं कि उनके बेटे को कभी भी सहानुभूति या लाचारी का सामना नहीं करना पड़े। इसीलिए उन्होंने एवरेस्ट की तरफ अपने कदम बढ़ाए हैं।
इंदौर के रहने वाले आदित्य तिवारी बताते हैं कि मैंने अपनी शादी से पहले अवनीश को एडाप्ट किया था। अवनीश महू के आर्मी स्कूल (mhow army school) में पढ़ाई कर रहा है। बच्चे को कोई लाचारी की निगाह से न देखें, इसलिए पिता आदित्य अपने बेटे को एवरेस्ट पर लेकर जा रहे हैं। पिछले ही साल वे अपने बेटे के साथ लेह-लद्दाख के पहाड़ों की यात्रा कर चुके हैं।
दुनिया का पहला बच्चा करेगा चढ़ाई
आदित्य कहते हैं कि यह पहली बार होगा जब कोई 7 साल का बच्चा एवरेस्ट की चढ़ाई करेगा। नार्मल कहे जाने वाले बच्चे, जिन्हें कोई बर्थ डिफेक्ट नहीं है, उनमें से भी किसी ने आज तक इस उम्र में एवरेस्ट की चढ़ाई नहीं की है। आदित्य पिछले 6 माह से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की ट्रेनिंग ले रहे हैं। इसी के साथ वे अपने बेटे को भी चढ़ाई के हिसाब से ट्रेन कर रहे हैं।
डाउन सिंड्रोम से पीड़ित है बेटा
इंदौर के रहने वाले आदित्य तिवारी ने 2016 में दिव्यांग और अनाथ बच्चे अवनीश को गोद लिया था। अवनीश को बचपन से ही डाउन सिंड्रोम है। इसे ट्राइसॉमी भी कहा जाता है। यह एक अनुवांशिक डिसआर्डर है, जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करता है। यह डिसआर्डर हर साल जन्म के समय लगभग 6 हजार बच्चों को प्रभावित करता है।
MP: Indore’s Aditya Tiwari all set for trek to Mount Everest with his son Avnish with Down syndrome
He’s been with me since 2016. I want to spread awareness that special orphan children can also achieve; have been focusing on his training for 6 months for this trek, Aditya said pic.twitter.com/3hzPj0WBK6
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 13, 2022
रुक जाता है बच्चे का विकास
इससे पीड़ित बच्चे की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है और वह सामान्य बच्चे से अलग व्यवहार करने लगता है। इससे पीड़ित बच्चे दिल, सांस संबंधी, आंत या कान की बीमारियों के साथ पैदा होते हैं। इनके बौद्धिक स्तर सामान्य बच्चों की तुलना में काफी कम होता है। डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे की नाम सामान्य रूप से चपटी, ऊपर की ओर झुकी हुई आंखें, छोटी गर्दन, छोटे कान, मुंह से बाहर निकलती रहने वाली जीभ, चौड़े हाथ, अपेक्षाकृत छोटी अंगुलियां, छोटे हाथ-पैर, छोटा कद हो जाता है।
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संदेश देना चाहते हैं आदित्य तिवारी, 6 माह से कर रहे हैं एवरेस्ट के लिए तैयारी…।
इंदौर
Updated: April 14, 2022 03:17:00 pm
इंदौर। आदित्य ने अपने 7 साल के दिव्यांग बेटे के साथ एवरेस्ट की चढ़ाई करने का बड़ा फैसला किया है। आदित्य अपने बेटे को बहुत चाहते हैं। वे यह भी चाहते हैं कि उनके बेटे को कभी भी सहानुभूति या लाचारी का सामना नहीं करना पड़े। इसीलिए उन्होंने एवरेस्ट की तरफ अपने कदम बढ़ाए हैं।
इंदौर के रहने वाले आदित्य तिवारी बताते हैं कि मैंने अपनी शादी से पहले अवनीश को एडाप्ट किया था। अवनीश महू के आर्मी स्कूल (mhow army school) में पढ़ाई कर रहा है। बच्चे को कोई लाचारी की निगाह से न देखें, इसलिए पिता आदित्य अपने बेटे को एवरेस्ट पर लेकर जा रहे हैं। पिछले ही साल वे अपने बेटे के साथ लेह-लद्दाख के पहाड़ों की यात्रा कर चुके हैं।
दुनिया का पहला बच्चा करेगा चढ़ाई
आदित्य कहते हैं कि यह पहली बार होगा जब कोई 7 साल का बच्चा एवरेस्ट की चढ़ाई करेगा। नार्मल कहे जाने वाले बच्चे, जिन्हें कोई बर्थ डिफेक्ट नहीं है, उनमें से भी किसी ने आज तक इस उम्र में एवरेस्ट की चढ़ाई नहीं की है। आदित्य पिछले 6 माह से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की ट्रेनिंग ले रहे हैं। इसी के साथ वे अपने बेटे को भी चढ़ाई के हिसाब से ट्रेन कर रहे हैं।
डाउन सिंड्रोम से पीड़ित है बेटा
इंदौर के रहने वाले आदित्य तिवारी ने 2016 में दिव्यांग और अनाथ बच्चे अवनीश को गोद लिया था। अवनीश को बचपन से ही डाउन सिंड्रोम है। इसे ट्राइसॉमी भी कहा जाता है। यह एक अनुवांशिक डिसआर्डर है, जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करता है। यह डिसआर्डर हर साल जन्म के समय लगभग 6 हजार बच्चों को प्रभावित करता है।
MP: Indore’s Aditya Tiwari all set for trek to Mount Everest with his son Avnish with Down syndrome
He’s been with me since 2016. I want to spread awareness that special orphan children can also achieve; have been focusing on his training for 6 months for this trek, Aditya said pic.twitter.com/3hzPj0WBK6
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 13, 2022
रुक जाता है बच्चे का विकास
इससे पीड़ित बच्चे की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है और वह सामान्य बच्चे से अलग व्यवहार करने लगता है। इससे पीड़ित बच्चे दिल, सांस संबंधी, आंत या कान की बीमारियों के साथ पैदा होते हैं। इनके बौद्धिक स्तर सामान्य बच्चों की तुलना में काफी कम होता है। डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे की नाम सामान्य रूप से चपटी, ऊपर की ओर झुकी हुई आंखें, छोटी गर्दन, छोटे कान, मुंह से बाहर निकलती रहने वाली जीभ, चौड़े हाथ, अपेक्षाकृत छोटी अंगुलियां, छोटे हाथ-पैर, छोटा कद हो जाता है।
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