पानी का 2484 करोड़ रुपए दबाकर बैठी हैं many organizations | Many institutions are sitting by pressing Rs 2484 crore of water | Patrika News

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पानी का 2484 करोड़ रुपए दबाकर बैठी हैं many organizations | Many institutions are sitting by pressing Rs 2484 crore of water | Patrika News

पानी का 2484 करोड़ रुपए दबाकर बैठी हैं many organizations | Many institutions are sitting by pressing Rs 2484 crore of water | Patrika News

निकाय भी नहीं दे रहे हैं पानी का पैसा
नगरीय निकाय भी पानी का पैसा नहीं दे रहे हैं। भोपाल, इंदौर सहित विभिन्न निकायों का 333 करोड़ रुपए में से सिर्फ दस फीसदी राशि ही वसूल हो पाई है। नगरीय निकायों का यह तर्क होता है कि जैसे ही पानी का पैसा लोगों से पानी का पैसा वसूल जाएगा, वैसे ही वे विभाग को अदा कर देंगे। निकायों को पानी बंद करने के मामले में सरकार और अफसरों की अलग तरह की सहानुभूति होती है, इससे विभाग पैसे नहीं देने के बदले में पानी नहीं बंद कर पाता है।

प्राकृतिक आपदा कारण किसानों से नहीं की जाती सख्ती
प्रदेश में पिछले कई वर्षों से लगातार ओलापाल, भारी बारिश, बाढ़ सहित अन्य प्राकृति आपदा आ रही है, इससे विभाग किसानों से सिंचाई का पैसा वसूली में सख्ती नहीं कर पाता है। दो वर्षों से तो किसान इस लिए पानी का पैसा नहीं दे रहे हैं क्योंकि वे यह सोच रहे हैं कि सरकार चुनाव से पहले सिंचाई का पैसा माफ कर देगी। प्रदेश में करीब 30 लाख हेक्टेयर में फसल की सिंचाई की जाती है। जिसमें करीब सौ करोड़ रुपए वसूली का लक्ष्य रखा जाता है, लेकिन वसूली सिर्फ एक तिहाई ही हो पाती है।
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पानी के पैसे को लेकर विभिन्न संस्थाओं से लक्ष्य और वसूली (राशि करोड़ में)
वर्ष—–कृषि,-वसूना था -वसूल हुई –निकाय – वसूना था -वसूल हुई -उद्योग, वसूना था -वसूली हुई
2015-16—-74.33–24.63———-36.02—-2.73————-396.12—–187.64
2016-17—-175.74–24.75———-12.56—-3.01————-225.98—-196.64
2017-18 —-225.19–23.53———-40.83—-4.61————-212.40—–150.78
2018-19—-235.14–13.78———-42.21—-1.81————-244.40—–377.87
2019-20—-263.47–33.70———-153.09—-3.24————-778.60—–187.64
2020-21—-65.45–32.33———-23.19—-5.61————-225.29—–208.50
2021-20—-740.90–24.83———-24.85—-10.25————-224.492—–148.85
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वर्ष—–विद्युत,–वसूना था -वसूली हुई——अन्य, वसूना था -वसूली हुई
2015-16—-42.61–50.19———-50.92—-25.64
2016-17—-64.03–158.34———-21.69—-12.72
2017-18 —-103.00–110.77——–18.58—-27.70
2018-19—-85.00–56.79———-43.25—-25.55
2019-20—-91.14–89.69———-113.70—-48.47
2020-21—-100.00–101.00———-03.98—-31.961
2021-20—-100.00–58.49———-04.76—-09.86



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