पाक पीएम इमरान खान के भाषण में क्यों आया टीपू सुल्तान और मीर जाफर का जिक्र h3>
Imran Khan Speech: अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने गुरुवार की रात को देश की जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अमेरिका पर उनकी सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने टीपू सुल्तान और मीर जाफर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के साथ मिलकर मीर जाफर ने शिराजुद्दौला को हटवाया और बंगाल को गुलाम बनवा दिया। इसी तरह से सादिक खान ने टीपू सुल्तान की खिलाफत करके अंग्रेंजों की मदद की थी। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से पाकिस्तान में नवाज शरीफ, जरदारी जैसे लोग दूसरे देशों के साथ मिलकर देश को कमजोर करना चाहते हैं।
दरअसल मीर जाफर और सादिक खान भले ही अविभाजित भारत के इतिहास का हिस्सा रहे हैं, लेकिन इमरान खान ने इनका जिक्र विश्वासघात को लेकर किया। उन्होंने मीर जाफर और सादिक खान से नवाज शरीफ, आसिफ अली जरदार और मौलना फजलुर्रहमान से की। उनका कहना था कि ये तीनों अमेरिका जैसे देश के साथ मिल गए हैं और मेरी सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनसे पहले की सरकारें अमेरिका के इशारों पर काम करती थीं और पाकिस्तान में ही ड्रोन हमले करवाती थीं। इन हमलों में 80 हजार पाकिस्तानियों की मौत हो गई थी।
क्यों अकसर टीपू सुल्तान का जिक्र करते रहे हैं इमरान खान
संबंधित खबरें
हालांकि इमरान खान की ओर से टीपू सुल्तान और मीर जाफर का जिक्र किए जाने की वजह अखंड भारत के इतिहास को याद करना नहीं है। दरअसल वह पहले भी टीपू सुल्तान का जिक्र करते रहे हैं, लेकिन इसका मकसद हिंदुस्तान के इतिहास से ज्यादा इस्लामिक शासकों की हार को याद दिलाना रहा है। वह कहते रहे हैं कि टीपू सुल्तान एक मुस्लिम शासक थे और उन्हें अपने ही लोगों की गद्दारी के चलते मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
‘आखिरी गेंद तक खेलूंगा, पहले से भी मजबूत होकर उभरूंगा’
एक तरफ इमरान खान ने विपक्षियों पर अमेरिका के हाथों में खेलने का आरोप लगाया तो वहीं दूसरी तरफ पीएम पद से इस्तीफा देने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं क्रिकेटर रहा हूं और मैंने कभी भी आखिरी गेंद से पहले हार नहीं मानी। इमरान ने कहा कि अविश्वास मत प्रस्ताव का चाहे जो भी नतीजा आए, वह पहले से भी ज्यादा मजबूत होकर उभरेंगे।
Imran Khan Speech: अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने गुरुवार की रात को देश की जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अमेरिका पर उनकी सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने टीपू सुल्तान और मीर जाफर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के साथ मिलकर मीर जाफर ने शिराजुद्दौला को हटवाया और बंगाल को गुलाम बनवा दिया। इसी तरह से सादिक खान ने टीपू सुल्तान की खिलाफत करके अंग्रेंजों की मदद की थी। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से पाकिस्तान में नवाज शरीफ, जरदारी जैसे लोग दूसरे देशों के साथ मिलकर देश को कमजोर करना चाहते हैं।
दरअसल मीर जाफर और सादिक खान भले ही अविभाजित भारत के इतिहास का हिस्सा रहे हैं, लेकिन इमरान खान ने इनका जिक्र विश्वासघात को लेकर किया। उन्होंने मीर जाफर और सादिक खान से नवाज शरीफ, आसिफ अली जरदार और मौलना फजलुर्रहमान से की। उनका कहना था कि ये तीनों अमेरिका जैसे देश के साथ मिल गए हैं और मेरी सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनसे पहले की सरकारें अमेरिका के इशारों पर काम करती थीं और पाकिस्तान में ही ड्रोन हमले करवाती थीं। इन हमलों में 80 हजार पाकिस्तानियों की मौत हो गई थी।
क्यों अकसर टीपू सुल्तान का जिक्र करते रहे हैं इमरान खान
संबंधित खबरें
हालांकि इमरान खान की ओर से टीपू सुल्तान और मीर जाफर का जिक्र किए जाने की वजह अखंड भारत के इतिहास को याद करना नहीं है। दरअसल वह पहले भी टीपू सुल्तान का जिक्र करते रहे हैं, लेकिन इसका मकसद हिंदुस्तान के इतिहास से ज्यादा इस्लामिक शासकों की हार को याद दिलाना रहा है। वह कहते रहे हैं कि टीपू सुल्तान एक मुस्लिम शासक थे और उन्हें अपने ही लोगों की गद्दारी के चलते मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
‘आखिरी गेंद तक खेलूंगा, पहले से भी मजबूत होकर उभरूंगा’
एक तरफ इमरान खान ने विपक्षियों पर अमेरिका के हाथों में खेलने का आरोप लगाया तो वहीं दूसरी तरफ पीएम पद से इस्तीफा देने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं क्रिकेटर रहा हूं और मैंने कभी भी आखिरी गेंद से पहले हार नहीं मानी। इमरान ने कहा कि अविश्वास मत प्रस्ताव का चाहे जो भी नतीजा आए, वह पहले से भी ज्यादा मजबूत होकर उभरेंगे।