पाक के रिएक्शन से खुद को ही ज्यादा नुकसान: शिमला समझौते पर रोक से भारत को 3 बड़े फायदे, एयरस्पेस बंद होने से टिकटें महंगी h3>
पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता स्थगित किया, तो पाकिस्तान बौखला गया। 24 घंटे के भीतर उसने 7 जवाबी फैसले ले लिए। इसमें शिमला समझौता रद्द करना और भारतीय फ्लाइट्स के लिए पाक एयरस्पेस बंद करना शामिल है।
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एक्सपर्ट्स का मानना है कि इनमें से कुछ कदम पाकिस्तान को ही भारी पड़ेंगे और भारत को फायदा मिलेगा। इससे जुड़े 5 जरूरी सवालों के जवाब, जानेंगे NEWS4SOCIALएक्सप्लेनर में…
24 अप्रैल को पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की मीटिंग हुई, जिसमें मंत्री, ब्यूरोक्रेट्स और डिफेंस ऑफिसर मौजूद रहे।
सवाल-1: भारत के एक्शन पर पाकिस्तान ने क्या रिएक्शन किया है?
जवाब: भारत की कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी यानी CCS की तरह ही पाकिस्तान में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी यानी NSC होती है। यह पाकिस्तान में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर फैसला लेने वाली सबसे बड़ी बॉडी है। इसके अध्यक्ष पाकिस्तान के प्रधानमंत्री होते हैं। सीनियर सुरक्षा सलाहकार और कैबिनेट मिनिस्टर इसके सदस्य होते हैं।
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों के पर्यटकों पर हमले के बाद 23 अप्रैल को भारत में CCS की बैठक हुई। इसमें सिंधु जल समझौता रद्द करने सहित पांच बड़े फैसले लिए गए। भारत के इस एक्शन पर पाकिस्तान ने रिएक्शन में 7 फैसले किए…
- सिंधु जल संधि को रोकने के भारत के फैसले पर चेतावनी दी गई कि किसी भी तरह के बदलाव को ‘युद्ध की कार्रवाई’ माना जाएगा।
- शिमला समझौते सहित भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को तब तक के लिए निलंबित कर दिया गया जब तक भारत अपना आचरण नहीं बदल देता।
- वाघा सीमा चौकी को तत्काल बंद किया जाएगा। केवल 30 अप्रैल 2025 तक भारतीय लोग वापसी कर सकेंगे। सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर बाकी सभी भारतीय नागरिकों के SAARC वीजा सस्पेंड कर दिए गए। भारत के SVES वीजा वालों को 48 घंटे के भीतर बाहर निकलना होगा।
- भारतीय डिफेंस, नेवी और एयरफोर्स के सलाहकारों को 30 अप्रैल 2025 तक पाकिस्तान छोड़ना होगा। भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या घटाकर 30 कर दी गई।
- पाकिस्तान के एयरस्पेस को भारत के सभी हवाई जहाजों के लिए तत्काल बंद किया जाएगा।
- भारत के साथ हर तरह का व्यापार रोक दिया गया, इसमें पाकिस्तान के रास्ते दूसरे देशों से होने वाला व्यापार भी शामिल है।
- पाकिस्तान की संप्रभुता के खिलाफ किसी भी खतरे पर पूरी ताकत से जवाब देने का संकल्प लिया गया।
इन सभी फैसलों में शिमला समझौता स्थगित करना और भारतीय फ्लाइट्स के लिए अपना एयरस्पेस बंद करना सबसे बड़े फैसले माने जा रहे हैं।
सवाल-2: शिमला समझौता क्या है और इसे स्थगित करने का क्या असर होगा?
जवाब: 1971 की जंग में पाकिस्तान की हार हुई और बांग्लादेश को आजादी मिली। जुलाई 1972 में तब की भारत की PM इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के PM जुल्फिकार अली भुट्टो ने शिमला समझौते पर दस्तखत किए थे।
यह समझौता कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को दरकिनार करते हुए दोनों देशों के बीच आपसी बातचीत से कोई भी मुद्दा सुलझाने पर जोर देता है। समझौते में कहा गया था कि दोनों देश LoC पर अपनी-अपनी स्थिति में वापस लौटेंगे और दूसरे के इलाकों का सम्मान करेंगे। कहा जाता है कि इस समझौते का ही असर रहा कि इसके बाद सिर्फ एक जंग हुई- 1999 में कारगिल की जंग।
पाकिस्तान ने बौखलाहट में शिमला समझौते पर रोक लगा दी। अजय बिसारिया बताते हैं, ‘शिमला समझौते को पाकिस्तान पहले से ही नहीं मानता आया है। पाकिस्तान ने इस समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है। वहीं भारत को इससे कोई नफा-नुकसान नहीं होने वाला है।’ इससे भारत के लिए 3 नई संभावनाएं जरूर खुल गई हैं…
1. अब भारत लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) की स्थिति बदल सकता है
शिमला समझौते के क्लॉज 4 के सबसेक्शन 1 और 2 को पढ़िए-
- सबसेक्शन 1: दोनों देशों की सेनाएं इंटरनेशनल बॉर्डर के पार अपने-अपने इलाके में लौट जाएंगी।
- सबसेक्शन 2: 17 दिसंबर, 1971 को हुए सीजफायर के बाद दोनों देश जम्मू-कश्मीर में LoC का सम्मान करेंगे। इसे एकतरफा तरीके से बदलने की कोशिश नहीं करेंगे। दोनों पक्ष LoC के उल्लंघन के लिए फोर्स का इस्तेमाल या धमकी देने से परहेज करेंगे।
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब भारत LoC को एकतरफा तरीके से बदलने के लिए जरूरी कदम उठा सकता है। हालांकि, 1984 में पाकिस्तान कराची समझौते के तहत तय हुए भारत के सियाचिन इलाके में कब्जा करने की कोशिश कर चुका है। जवाबी कार्रवाई में भारत ने ‘ऑपरेशन मेघदूत’ शुरू करके पूरे सियाचिन ग्लेशियर पर कंट्रोल हासिल कर लिया था।
2. मिलिट्री एक्शन ले सकता है, संधि तोड़ने का आरोप नहीं लगेगा
शिमला समझौते के क्लॉज 1 के सबसेक्शन 2 में कहा गया है- दोनों देश द्विपक्षीय बातचीत के जरिए या आपसी सहमति से किसी शांतिपूर्ण तरीके से आपसी मतभेदों को सुलझाएंगे। किसी समस्या का अंतिम समाधान होने तक कोई भी पक्ष एकतरफा तरीके से स्थिति नहीं बदलेगा और दोनों देश कोई भी ऐसा काम नहीं करेंगे जो शांतिपूर्ण संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाला हो।
अब शिमला समझौते पर पाकिस्तान के रोक लगाने के बाद भारत पहलगाम के बदले में आतंकियों के घुसपैठ के इलाकों में सुरक्षा के मद्देनजर कोई मिलिट्री एक्शन ले सकता है। उस पर संधि के खिलाफ जाने का आरोप भी नहीं लगेगा।
3. दुनिया के दूसरे देश भारत के पक्ष में दखल दे सकते हैं
शिमला समझौता कहता है कि वैश्विक शक्तियों के दखल के बिना ही दोनों देशों को आपसी मामले निपटाने होंगे। जब समझौता हुआ तब पाकिस्तान के दूसरे देशों के साथ अच्छे संबंध थे।
अब अमेरिका, इजराइल, पश्चिम एशियाई और यूरोपीय देशों से भारत के अच्छे संबंध हैं। पहलगाम हमले के बाद दुनिया के ज्यादातर देशों ने इसकी निंदा की है। शिमला समझौते के तहत बाध्यता खत्म होने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई में भारत को दुनिया भर के देशों का समर्थन मिल सकता है।
सवाल-3: भारत के सभी हवाई जहाजों के लिए पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से क्या फर्क पड़ेगा?
जवाब: JNU में इंटरनेशनल स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर राजन कुमार बताते हैं,
पाकिस्तान ने भारत जैसे ही डिप्लोमैटिक फैसले लिए हैं। हालांकि, इसमें सबसे बड़ा फैसला इंडियन एयरलाइन्स के लिए पाक एयरस्पेस को बंद करना है।
भारतीय जहाजों के लिए पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने का मतलब है कि अब भारत का किसी भी तरह का हवाई जहाज भारत से उड़ान भरकर, पाकिस्तान के ऊपर के आसमान से नहीं गुजर सकता। ऐसे में हमारी एयरलाइन कंपनियों को पश्चिमी देशों की तरफ जाने वाली फ्लाइट्स पर ज्यादा ईंधन खर्च करना पड़ेगा। फ्लाइट्स घूमकर लंबे रास्तों से उड़ान भरेंगी। इससे 15 मिनट से लेकर कुछ घंटे तक का ज्यादा समय लगेगा। नतीजतन फ्लाइट्स की टिकट मंहगी हो सकती हैं।
पाकिस्तान के इस फैसले के चलते मिडिल एशिया, वेस्ट एशिया, यूरोप, ब्रिटेन और उत्तरी अमेरिका के देशों में जाने वाली फ्लाइट्स सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी। एयर इंडिया एक्सप्रेस, अकासा एयर और स्पाइसजेट जैसी कंपनियों की ये फ्लाइट्स नियमित रूप से पाकिस्तान के ऊपर से गुजरती हैं। अब इन फ्लाइट्स को अरब सागर के ऊपर से होते हुए यूरोप, उत्तरी अमेरिका या पश्चिम एशिया जाना पड़ेगा।
एविएशन एनालिटिक्स कंपनी सिरियम के डेटा के मुताबिक, अभी दिल्ली, अमृतसर, जयपुर और लखनऊ एयरपोर्ट्स से लगभग 400 फ्लाइट्स एक हफ्ते में पश्चिमी देशों की ओर जाती हैं, जो अमूमन पाकिस्तान से गुजरती थीं। ये लौटती भी इसी रास्ते से थीं। यानी इन एयरपोर्ट्स की करीब 800 फ्लाइट्स पर असर पड़ेगा। इनमें से करीब 640 फ्लाइट्स दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टेक-ऑफ या लैंड करती हैं।
वहीं एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने दिल्ली से अल्माटी और ताशकंद जाने वाली डेली फ्लाइट्स को 7 मई तक के लिए रद्द कर दिया है। इंडिगो ने कहा, ‘पाक एयरस्पेस बंद होने से हमारे 50 इंटरनेशनल रूट्स प्रभावित होंगे।’
2019 में बालाकोट में एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारत के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था, तब भारतीय एयरलाइंस को ज्यादा फ्यूल खर्च करने और लंबे रूट्स की फ्लाइट के चलते करीब 700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सबसे ज्यादा नुकसान एअर इंडिया को हुआ था, क्योंकि एअर इंडिया भारत से यूरोप और नॉर्थ अमेरिका तक की सबसे लंबी दूरी की फ्लाइट्स भेजती है। इंडियन एयरलाइन एअर इंडिया और इंडिगो ने पाकिस्तान एयरस्पेस को छोड़ नए रूट अपनाने का ऐलान किया है।
सवाल-4: पाकिस्तान ने जो अन्य फैसले लिए हैं, उनका क्या असर होगा?
जवाबः भारत-पाक रिश्तों को करीब से समझने वाले और पाकिस्तान में भारत के डिप्लोमैट रहे अजय बिसारिया कहते हैं,
पाकिस्तान के फैसलों से उसे ही ज्यादा नुकसान होने वाला है। भारत पर इसका कोई खास असर नहीं होगा।
1. सभी द्विपक्षीय समझौते रद्द करने की धमकी का असर
- कई सालों से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते में भरोसे और सुरक्षा की कमी रही है। ऐसे में पाकिस्तान की ओर से द्विपक्षीय समझौते रद्द करने की धमकी दोनों देशों के बीच गहरी खाई बना सकती है।
- इस तरह के कदम से अब दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक ऑप्शन न के बराबर बचेंगे, जिससे तनाव और बढ़ सकता है। साथ ही दोनों देशों के रिश्ते सुधरने की उम्मीद भी खत्म हो जाएगी।
- अब साउथ एशिया रीजन के दो बड़े देश आमने-सामने नजर आ रहे हैं। इसके चलते रीजनल सिक्योरिटी और स्टेबिलिटी का जोखिम बढ़ गया है।
2. वाघा-अटारी बॉर्डर बंद और वीजा रद्द करने का असर
- पाकिस्तान और भारत के बीच ट्रेड और ट्रैवल के लिए इकलौता मंजूर जमीनी रास्ता वाघा-अटारी बॉर्डर है। अफगानिस्तान के साथ ही भारत भी यहां से व्यापार करता है। ऐसे में इसके बंद होने से भारत का पाकिस्तान से ट्रेड खत्म हो जाएगा। अफगानिस्तान के ट्रेड पर भी निगेटिव इम्पैक्ट पड़ेगा।
- इसके अलावा दोनों देशों ने SAARC वीजा छूट योजना रद्द कर दी है। इससे भारतीय व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही 48 घंटे में भारतीयों को पाकिस्तान छोड़ने के एक्शन से अब उन्हें जल्द से जल्द बाहर निकलने की तैयारी करनी होगी। हालांकि सिख तीर्थयात्रियों को इसमें छूट है।
3. उच्चायोग से सलाहकारों को हटाने और कर्मचारी घटाने का असर
- इस्लामाबाद में मौजूद भारतीय उच्चायोग के डिफेंस, मिलिट्री, नेवी और एयरफोर्स के सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित करने से अब ये पद खत्म माने जाएंगे। यानी दोनों देशों के बीच मिलिट्री-डिप्लोमैटिक रिलेशंस पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे।
- ये सलाहकार दोनों देशों के बीच सैन्य और खुफिया जानकारी साझा करने में रोल निभाते थे। ऐसे में इनके न होने से दोनों देशों के बीच गलतफहमियां और तनाव बढ़ सकता है।
- इसके अलावा उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या घटाकर 30 करने से वीजा, ट्रेड, सिविल हेल्प जैसे डिप्लोमैटिक कामों पर असर पड़ेगा।
पहलगाम आतंकी हमले के अगले दिन पीएम आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में CCS की मीटिंग हुई। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, NSA अजीत डोभाल समेत तमाम सीनियर ब्यूरोक्रेट्स मौजूद रहे।
सवाल-5: पहलगाम हमले के बाद भारत ने जो 5 पॉइंट एक्शन लागू किया है, उससे पाकिस्तान को क्या नुकसान होने वाला है?
जवाब: 23 अप्रैल को PM आवास पर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी यानी CCS की मीटिंग हुई। इसकी अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी ने की। करीब ढाई घंटे की बैठक में 5 पॉइंट एक्शन लागू करने का फैसला हुआ…
1. सिंधु जल समझौता स्थगित करने का असर
- पाकिस्तान में खेती की 90% जमीन यानी 4.7 करोड़ एकड़ एरिया में सिंचाई के लिए पानी सिंधु नदी प्रणाली से मिलता है। पाकिस्तान की नेशनल इनकम में एग्रीकल्चर सेक्टर की हिस्सेदारी 23% है और इससे 68% ग्रामीण पाकिस्तानियों की जीविका चलती है। ऐसे में पाकिस्तान में आम लोगों के साथ-साथ वहां की बेहाल अर्थव्यवस्था और बदतर हो सकती है
- पाकिस्तान के मंगल और तारबेला हाइड्रोपावर डैम को पानी नहीं मिल पाएगा। इससे पाकिस्तान के बिजली उत्पादन में 30% से 50% तक की कमी आ सकती है। साथ ही औद्योगिक उत्पादन और रोजगार पर असर पड़ेगा।
2. अटारी-वाघा बॉर्डर बंद करने का असर
- अमृतसर से 28 किमी दूर मौजूद अटारी बॉर्डर पाकिस्तान के साथ ट्रेड के लिए इकलौता मंजूर जमीनी रास्ता है। अफगानिस्तान के साथ भी भारत यहां से व्यापार करता है। 2023-24 में यहां से करीब 3,886 करोड़ का व्यापार हुआ।
- इस बॉर्डर के जरिए भारत से सोयाबीन, चिकन, मीट, सब्जियां, लाल मिर्च, प्लास्टिक दाना जैसे चीजें जाती हैं। वहीं पाकिस्तान, अफगानिस्तान से भारत में सूखे मेवे, खजूर, जिप्सम, कांच, सेंधा नमक और कई जड़ी-बूटियां आती हैं। चेक पोस्ट बंद होने से इन सब पर रोक लग जाएगी।
- इलाज कराने के लिए भारत आने वाले पाकिस्तानियों को भी दिक्कत होगी। 2023-24 में 71.5 हजार लोगों ने इस रास्ते का इस्तेमाल किया था।
3. SAARC वीजा छूट योजना रद्द होने का असर
- इस योजना के तहत राजनेता, पत्रकार, व्यापारी, खिलाड़ी जैसी 24 कैटेगरी में बिना वीजा की यात्रा की सुविधा थी, लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया है। साथ ही 48 घंटे में पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने के एक्शन से अब उन्हें जल्द से जल्द बाहर निकलनी की तैयारी करनी होगी।
4. उच्चायोग से सैन्य सलाहकारों की वापसी का असर
- पाकिस्तानी उच्चायोग के डिफेंस, मिलिट्री, नेवी और एयरफोर्स के सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित करने से अब ये पद खत्म माने जाएंगे। भारत भी इस्लामाबाद से अपने सलाहकारों को वापस बुलाएगा। यानी दोनों देशों के बीच मिलिट्री-डिप्लोमैटिक रिलेशंस पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे।
- ये सलाहकार दोनों देशों के बीच मिलिट्री मूवमेंट और इंटेलिजेंस इन्फॉर्मेशन साझा करने में रोल निभाते थे। ऐसे में इनके न होने से दोनों देशों के बीच ऐसी जानकारियों साझा नहीं होंगी, जिससे गलतफहमियां और तनाव बढ़ सकता है।
- मिलिट्री कम्युनिकेशन चैनल बंद होने से दोनों देशों के बीच होने वाले छोटे-छोटे टकरावों का बड़े संघर्ष में तब्दील होने का खतरा बढ़ जाएगा।
5. उच्चायोग कर्मचारियों की संख्या 30 करने का असर
- ये फैसला भारत-पाकिस्तान रिश्तों के न्यूनतम स्तर पर पहुंचने को दर्शाता है। इससे दोनों देशों के वीजा, ट्रेड, सिविल हेल्प जैसे डिप्लोमैटिक कामों पर असर पड़ेगा। ऐसे में पाकिस्तानियों को भारत में वीजा लेना मुश्किल हो जाएगा, जिससे एजुकेशन, हेल्थ और ट्रैवल सेक्टर को नुकसान होगा।
भारत के पूर्व डिप्लोमैट और रिटायर्ड IFS अफसर जेके त्रिपाठी मानते हैं कि इन फैसलों में सबसे बड़ा फैसला है सिंधु जल समझौते पर रोक। वे कहते हैं,
सिंधु जल समझौते का सीधा असर आम पाकिस्तानियों पर पड़ेगा। इस समझौते के तहत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भारत से पानी जाता था, जो अब रुक जाएगा। इससे वहां चीख-पुकार मच जाएगी।
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