पाक+तालिबान+खालिस्तान… मोहाली पहुंचा आतंकियों का यह प्रिय हथियार खतरे का बड़ा अलर्ट है!

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पाक+तालिबान+खालिस्तान… मोहाली पहुंचा आतंकियों का यह प्रिय हथियार खतरे का बड़ा अलर्ट है!

पाक+तालिबान+खालिस्तान… मोहाली पहुंचा आतंकियों का यह प्रिय हथियार खतरे का बड़ा अलर्ट है!

नई दिल्ली: पंजाब और आसपास के क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से देशविरोधी गतिविधियों में उछाल सा देखा जा रहा है। इसे सामान्य रूप से माहौल खराब करने की कोशिश नहीं कहा जा सकता। पटियाला में 30 अप्रैल को दो समुदायों के बीच झड़प होती है। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू खालिस्तान स्थापना दिवस मनाने का ऐलान करता है। देश विरोधी नारे लगते हैं। करनाल में IED मिलती है और बब्बर खालसा के चार आतंकी पकड़े जाते हैं। तरनतारन में 4 किग्रा RDX मिला, दो गिरफ्तार किए गए। हिमाचल विधानसभा के गेट पर खालिस्तानी झंडे लगा दिए जाते हैं। अब मोहाली में कल शाम को पुलिस की खुफिया शाखा के मुख्यालय पर रॉकेट से दागे जाने वाले ग्रेनेड यानी RPG से हमला किया गया है। भले ही इससे कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ लेकिन सवाल है कि हथियार यहां कैसे पहुंचा। सेना के पास RPG हथियार होते हैं, पर अगर ऐसे हथियार आतंकियों या देशविरोधी ताकतों के पास पहुंच गए तो काफी खतरनाक हो सकता है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या आतंकी कोई बड़ी साजिश रच रहे हैं और यह हमला फिलहाल उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश है? खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने मोहाली ब्लास्ट की जिम्मेदारी ले ली है।

यह देखने से RPG-7 का रॉकेट लगता है। उसका मेटेलिक बेस ऐसे ही होता है। ये कंधे से दागे जाने वाले रॉकेट हैं। ये ऐंटी टैंक रॉकेट कहे जाते हैं। कंधे के ऊपर एक पतली सी ट्यूब के तौर पर नजर आती है जब आदमी फायर करता है और उसके आगे बल्बनुमा आकृति बनती है जब ये रॉकेट माउंट होता है। किसी बाइक से चलती हालत में भी इसे फायर किया जा सकता है… RPG-7 को बॉर्डर से स्मगल करके भारत की तरफ लाना कोई आसान काम नहीं है। इसे ड्रोन से नहीं लाया जा सकता है जब तक कोई मैनुअल कोरियर न हो।

कर्नल दानवीर सिंह, रक्षा विशेषज्ञ

सोवियत में बना और दुनियाभर में फैल गया RPG
RPG-7 मूल रूप से सोवियत संघ के समय का हथियार है। इसका इस्तेमाल 1961 से होता आ रहा है। वजन के हिसाब से इसके कई वर्जन आ चुके हैं। यह वेपन कोई छोटी-मोटा हथियार नहीं है। ये दुनिया के कई देशों में आतंकियों के पास है। इसे सीरिया, इराक, अफगानिस्तान जैसे अशांत क्षेत्रों में काफी इस्तेमाल किया जाता है। Rocket-Propelled Grenade से आतंकी टैंक पर हमला करते हैं। इसे कंधे पर रखकर बड़ी आसानी से दागा जा सकता है। सीरिया जैसे क्षेत्रों में विद्रोही सेना के टैंकों पर छिप कर इसी हथियार की मदद से अटैक करते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या देश के बाहर बैठे भारत विरोधी तत्व सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने दुनिया के आतंकियों या आतंकी संगठनों की मदद से नई साजिश बुननी शुरू कर दी है। NIA की टीम ने हर ऐंगल से जांच करना शुरू कर दिया है।

Mohali Blast: कार में दो संदिग्ध…80 मीटर दूर से दागा आरपीजी, मोहाली ब्लास्ट किसकी साजिश?
खालिस्तान की मांग करने वाले चंद भारत विरोधी एजेंडा चलाने वाले लोगों को पाकिस्तान से मदद मिलती आई है। पिछले दिनों तालिबान आतंकी अल जवाहिरी का कश्मीर और भारत सरकार, सीएम योगी का जिक्र करते हुए वीडियो भी सामने आया था, जिसमें उसने मुसलमानों को उकसाने की कोशिश की थी। अफगानिस्तान में तालिबान का शासन है और उसे भारत समेत ज्यादातर देशों ने मान्यता नहीं दी है।

लंबे समय से पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश होती रही हैं…कल रात मोहाली में जो घटना हुई है, मैंने DGP साहब और इंटेलिजेंस के अधिकारियों के साथ बैठक की है। कुछ गिरफ़्तारियां हो गई हैं…आज शाम तक काफी कुछ स्पष्ट हो जाएगा।

चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान

कुछ एक्सपर्ट यह भी आशंका जता रहे हैं कि यह एक नए समीकरण बनने का इशारा हो सकता है। खालिस्तानियों को पाकिस्तान से मदद जगजाहिर है, अब अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान+खालिस्तान+तालिबान का नया गठजोड़ तैयार हो सकता है। यह भारत में नार्को टेररिज्म का असर है। अफगानिस्तान, पाकिस्तान से होकर भारत में गुजरात, पंजाब जैसे राज्यों में मादक पदार्थ मिलने के मामले बढ़े हैं। आशंका यह भी है कि पाकिस्तानी की ISI अफगान मूल के युवाओं को आतंकी मंसूबे से भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर सकती है। नशीले पदार्थों की तस्करी से न सिर्फ फंडिंग की जाती है बल्कि हथियार भी भेजे जा सकते हैं। हाल में पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन से हथियार भेजने के मामले भी पता चले हैं।

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सरल शब्दों में यूं समझिए जैसे बंदूक से गोली निकलती है उसी तरह से कंधे पर रखकर ग्रेनेड को दागा जाता है। पलभर में ही यह अपने पंख खोलते हुए टारगेट को निशाना बनाता है। 700 से 800 मीटर दूर बैठकर आरपीजी की मदद से टैंक, प्लेन या बिल्डिंग को उड़ाया जा सकता है। मोहाली में सोमवार शाम को एक कार से आए दो संदिग्धों ने इंटेलिजेंस ऑफिस से करीब 80 मीटर दूर से आरपीजी लॉन्च किया गया। मोहाली पुलिस ने बताया है कि इंटेलिजेंस ऑफिस के तीसरे फ्लोर पर छोटा सा विस्फोट हुआ।

ऐसे में इस बात की आशंका ज्यादा है कि मोहाली में हुआ हमला बड़ी आतंकी साजिश का हिस्सा हो सकता है। खालिस्तानी आतंकियों पर हमले का शक जताया जा रहा है। तस्करों के जरिए हथियार पहुंचाने का शक है। NIA सूत्रों के हवाले से न्यूज चैनलों को जानकारी मिली है कि ये पूरी तरह से आतंकी हमला था। इस हमले में इस्तेमाल आरपीजी को एनआईए ने बेहद घातक माना है। भीड़भाड़ वाले इलाके में RPG का पहुंचना सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। इस हथियार को काफी दूर से इस्तेमाल किया जा सकता है। पिछले एक महीने में तीन बार पाकिस्तान-भारत बॉर्डर पर हथियार और 35 किलो से ज्यादा हेरोइन बरामद की गई। ड्रग तस्कर पैसों के लालच में हथियारों को आतंकियों तक पहुंचा रहे हैं।

डिफेंस एक्सपर्ट आर एस एन सिंह ने कहा कि आरपीजी को गंभीरता से लेना चाहिए। यह कोई छोटी घटना नहीं है। देशविरोधी ताकतों ने भारत के खिलाफ जंग शुरू की है।



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