‘पहले धमकाओ और फिर शामिल करवाओ’, महाराष्ट्र की सियासत का असर बिहार में क्यों दिख रहा?

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‘पहले धमकाओ और फिर शामिल करवाओ’, महाराष्ट्र की सियासत का असर बिहार में क्यों दिख रहा?

‘पहले धमकाओ और फिर शामिल करवाओ’, महाराष्ट्र की सियासत का असर बिहार में क्यों दिख रहा?

पटना: महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में टूट हुई है, उसका ‘साइड इफेक्ट’ बिहार में महसूस किया जा रहा है। महाराष्ट्र में एनसीपी की टूट के बाद बिहार में विपक्षी दलों का दावा है कि महाराष्ट्र की कहानी बिहार में भी दोहराई जा सकती है। सुशील मोदी, सम्राट चौधरी, उपेंद्र कुशवाहा चिराग पासवान और जीतन राम मांझी समेत विपक्षी पार्टियों के दूसरे नेताओं ने दावा किया है कि बिहार में भी महाराष्ट्र कांड को बहुत जल्द दोहराया जाएगा। हालांकि सत्ता पक्ष इससे इनकार करते हुए इसे संस्थाओं के दुरुपयोग की बात कर रहा है।

नीतीश सरकार को लेकर लगे बड़े-बड़े दावे

राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कहा कि देश में जिस तरह विपक्षी एकता की कोशिश चल रही थी, उसमे महाराष्ट्र की घटना स्वाभाविक है। उन्होंने बिहार की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आगे आने वाले दिनों में देखिए क्या-क्या होता है।

लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान का कहना है कि एनसीपी में टूट को लेकर नीतीश कुमार को भी जदयू टूटने का डर सता रहा है। चिराग ने दावा किया कि उनके कई विधायक और सांसद दूसरी पार्टी के संपर्क में हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि जदयू के कई नेता तो मेरे संपर्क में भी हैं।

इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार राजनीतिक तौर पर समाप्त हो गए हैं। उनके विधायक भी ये जान रहे हैं कि यही स्थिति रही तो आगे चुनाव में जीत मुश्किल हो जाएगी। यही कारण है कि उनके विधायक ठिकाना ढूंढ रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी के भाजपा में आने का प्रस्ताव आएगा तो देखा जाएगा।

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…तो क्या राहुल गांधी से डर गई बीजेपी?

इस बीच, भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का परिणाम है, जिसमें राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की जमीन तैयार की जा रही थी। उन्होंने कहा कि बिहार में भी महाराष्ट्र जैसी स्थिति बन सकती है, इसे भांप कर नीतीश कुमार ने विधायकों और सांसदों से अलग-अलग बात करना शुरू कर दिया है। सुशील मोदी ने कहा कि जदयू के विधायक-सांसद न राहुल गांधी को स्वीकार करेंगे, न तेजस्वी यादव को। ऐसे में जदयू में भगदड़ की आशंका है।

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JDU ने BJP पर बोला हमला

इधर, जदयू के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि भाजपा का सहयोगी पार्टी का वजूद समाप्त करना उनके डीएनए में हैं। उन्होंने कहा कि पहले शिव सेना और अब एनसीपी। उन्होंने दावा किया कि एनसीपी से अलग होकर जो मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं, उनमें कई ऐसे लोग हैं जिन पर ईडी का मामला चल रहा है। घटना महाराष्ट्र में घटी है, उससे साबित है कि पहले धमकाओ और फिर शामिल करवाओ।

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