पहली सैलरी से लेकर पहली नौकरी पर ऊषा उत्थुप का खुलासा, बताया कैसे देव आनंद ने किया मौका

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पहली सैलरी से लेकर पहली नौकरी पर ऊषा उत्थुप का खुलासा, बताया कैसे देव आनंद ने किया मौका

पहली सैलरी से लेकर पहली नौकरी पर ऊषा उत्थुप का खुलासा, बताया कैसे देव आनंद ने किया मौका

हरे रामा हरे कृष्णा, प्यारा दुश्मन, डॉन 2, अरमान, 7 खून माफ और न जाने कितनी फिल्मों को शानदार गाने दे चुकीं ऊषा उत्थुप ने एक इंटरव्यू में अपनी पहली सैलरी और नाइटक्लब की पहली नौकरी के बारे में बात की है। उन्होंने बताया कि उनका एक नाइट क्लब के सिंगर के तौर पर एक कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ था। और वो ही उनकी पहली नौकरी थी। ऊषा ने यह भी बाताया कि वह पूरे क्लब में सबसे ज्यादा सैलरी लेने वाली सिंगर थीं। इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड एंट्री के लिए देव आनंद को शुक्रिया कहा। बताया कि उन्हीं की बदौलत वह इस इंडस्ट्री का हिस्सा बन सकीं।

ऊषा उत्थुप अपनी मधुर और बुलंद आवाज के लिए जानी जाती हैं। वह हमेशा से गाना चाहती थीं। इसमें उनकी आंटी ने काफी मदद की। ईटाम्स को दिए इंटरव्यू में ऊषा ने अपनी पहली नौकरी और एक होटल के साथ प्रोफेशन कॉन्ट्रैक्ट के बारे में बात की। सिंगर ने कहा कि उनको महीने के 750 रुपये मिलते थे। वह कहती हैं- ये मौके की ही बात है। मेरी आंटी मदद करती थीं और मुझे सबके लिए गाना अच्छा लगता था। इसलिए मैंने होटल के साथ प्रोफेशनल कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। और वो वाकई शानदार था क्योंकि अंत में मुझे 750 रुपये मिलते थे। हालांकि ये एक शो का नहीं बल्कि महीने की सैलरी थी।

बॉलीवुड में ऊषा उत्थुप की एंट्री

ऊषा ने आगे कहा कि पहली सैलरी पाकर उन्हें बहुत गर्व महसूस हुआ। उन्होंने अपनी पहली सैलरी से जो पहली चीजें खरीदीं, वह मां के लिए एक साड़ी और पिता के लिए एक जोड़ी मोजे थे। सिंगर ने कहा कि उन्होंने सबको कुछ न कुछ दिया लेकिन खुद के लिए कुछ नहीं खरीदा। इसी इंटरव्यू में ऊषा ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने बॉलीवुड में कैसे एंट्री की। सिंगर ने बताया कि देव आनंद नाइट क्लब में उनके गाने सुनने के लिए दिल्ली आए थे। वह खुद भी उनसे मिलने के लिए काफी एक्साइटेड थीं। सिंगर के मुताबिक, देव आनंद ने उन्हें अपनी फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ में गाने का ऑफर भी दिया था।

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डायलिसिस पर है सिंगर का बेटा

ऊषा ने आगे बताया कि वह अपने जीवन में अब किस चीज की कमी महसूस करती हैं। वह बताती हैं- मुझे अपने पोते-पोतियों के साथ रहने की याद आती है। जब से COVID आया तब से मैंने बिना डरे इधर-उधर घूमने की आजादी को मिस किया है। अपनी बेटी और अपने पोते-पोतियों को याद करने के अलावा, मुझे वास्तव में वह आजादी याद आती है। कोरोने के बाद स्वतंत्रता पूरी तरह से गायब हो गई है जहां आप दुनिया की परवाह किए बिना बस बाहर जा सकते थे। बस गाओ और डरो मत। अब, मुझे हमेशा चिंता रहती है क्योंकि मेरा बेटा डायलिसिस पर है, और उसे किडनी की समस्या है। इसलिए मुझे हमेशा डर लगता है। मैं हमेशा भगवान से प्रार्थना करती हूं और कहती हूं, ‘कृपया मुझे सुरक्षित रहने दें ताकि वह सुरक्षित रहे’। और यह बात मेरे दिमाग में हमेशा चलती रहती है।